भले ही अपनी मेजबानी में खेले गए फीफा विश्वकप 2017 में टीम इंडिया को पहले ही दौर में जीत का स्वाद चखे बगैर टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा लेकिन इसके बाद भी भारतीय दर्शकों का उत्साह कम नहीं हुआ। भारतीय सरजमीं पर फीफा के पहले वैश्विक टूर्नामेंट के आयोजन में दर्शकों की उपस्थिति का नया विश्व रिकॉर्ड कायम हो गया।आज कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैं के बीच होगा निर्णायक महा मुकाबला..
1985 से शुरू हुए इस टूर्नामेंट को स्टेडियम में देखने दर्शक इतनी बड़ी संख्या में पहले कभी नहीं उमड़े थे। फीफा द्वारा फाइनल के बाद जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार टूर्नामेंट का लुत्फ उठाने कुल 1,347,133 दर्शक मैदान पर पहुंचे।
इससे पहले अंडर-17 विश्वकप में दर्शकों की सर्वाधित संख्या का रिकॉर्ड चीन के नाम था। साल 1985 में चीन में आयोजित फीफा अंडर-17 विश्वकप में 1,230,976 दर्शकों ने मैदान पर आकर फुटबॉल का लुत्फ उठाया था। लेकिन भारत के 6 शहरों में आयोजित इस टूर्नामेंट ने पिछले सभी रिकॉर्ड को धराशायी कर दिया। विश्वकप का लुत्फ उठाने सबसे ज्यादा दर्शक कोलकाता में जुटे। फाइनल से पहले आयोजित 10 मुकाबलों को देखने 5,42, 125 दर्शक आए।
कोलकाता में फुटबॉल की खुमारी का अंदाजा इस बात से लगाईए कि तीसरे पायदान के लिए माली और ब्राजील के बीच खेले गए मुकाबले को देखने 56, 432 दर्शक मैदान में उमड़े। इसी के साथ ही फाइनल मुकाबले से पहले भारतीय दर्शकों ने चीन को पीछे छोड़ दिया। चीन के 1,230,976 दर्शकों की तुलना में 1,280,459 दर्शको ने नया रिकॉर्ड कायम कर दिया था। इस मैच से पहले नए रिकॉर्ड के लिए 6949 दर्शकों की आवश्यकता थी।
दर्शकों की संख्या के मामले में तीसरे पायदान पर साल 2011 में मैक्सिको में आयोजित अंडर-17 विश्वकप है। इस विश्वकप में 1,002,314 दर्शकों ने विश्वस्तरीय फुटबॉल का लुत्फ उठाया था। यह दर्शकों की संख्या के मामले में 10 लाख की आबादी को पार करने वाला दूसरा आयोजन था।
कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम भारत मे सबसे अधिक दर्शक क्षमता वाला स्टेडियम है। इस मैदान पर प्रति मैच औसत दर्शकों की सबसे ज्यादा संख्या रही। 10 मैचों में 542125 दर्शकों ने फुटबॉल का लुत्फ उठाया। यानी औसत 54,212 दर्शक प्रतिमैच उबरे। साल्ट लेक स्टेडियम में 66,600 दर्शक एक साथ मैच देख सकते हैं।