पेट्रोल-डीजल पर मप्र में अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा वैट लगने से कारोबारियों का नुकसान हो रहा है। इसे कम करने के लिए सरकार कोई रास्ता निकाल सकती है। वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि मेरी कुछ कारोबारियों से बातचीत हुई है। दो दिन बाद इस मसले पर अधिकारियों से बातचीत की जाएगी और पूरा अध्ययन कर फैसला किया जाएगा।
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गौरतलब है कि पड़ोसी प्रदेशों के मुकाबले मप्र में महंगा ईंधन होने की वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर, परिवहन समेत अन्य सेक्टर के उद्योगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उद्योगपतियों ने इस मामले की शिकायत जयंत मलैया से भी की थी। उद्योगपतियों का कहना है कि वैट ज्यादा होने की वजह से डीजल का खर्च उद्योगों की लागत में जुड़ता है और इस पर जीएसटी चुकाना पड़ता है। इस दोहरे कर से उद्योगों पर मार पड़ रही है।
गौरतलब है कि मप्र सरकार पेट्रोल पर 31 प्रतिशत वैट और 4 रुपए प्रति लीटर अलग से टैक्स लेती है। वहीं डीजल पर 27 प्रतिशत वैट और डेढ़ रुपए प्रति लीटर टैक्स अतिरिक्त लिया जा रहा है। वित्त मंत्री जयंत मलैया ने नवदुनिया से बातचीत में कहा कि पूरे मामले की जानकारी मिली है, जल्द ही अधिकारियों के साथ मिलकर इसका निराकरण करेंगे।
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