मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौके का मुआयना करने शुक्रवार शाम गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पहुंचे। केजरीवाल ने स्थानीय निवासियों से हादसे की जानकारी लेने के बाद इसे मानव जनित आपदा बताया। साथ ही सवाल भी किया कि एमसीडी ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल क्यों नहीं करती, जिसकी वजह से यहां कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है। स्वाइन फ्लू का कहर: 23 मरीजों को हुआ स्वाइन फ्लू, अब तक मरीजों की संख्या बढ़कर 120 हो गई
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ गाजीपुर पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि यहां बड़ा हादसा हुआ है। मौके पर एनडीआरएफ की टीम मौजूद है। यहां कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। मानक 20-25 मीटर की जगह इसकी ऊंचाई 45 मीटर तक पहुंच गई है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पूर्वी दिल्ली नगर निगम को लगातार पत्र लिख रहा है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट अब बंद होनी चाहिए।
केजरीवाल के मुताबिक, कूड़ा निपटान के आधुनिक तकनीक होने के बावजूद एमसीडी इसका इस्तेमाल नहीं कर रही है। इस बारे में उन्होंने उपराज्यपाल से बात कर एमसीडी पर इसके लिए दबाव बनाने की बात कही।
दूसरी तरफ दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नगेंद्र शर्मा ने तीन साल पहले के एक हाईकोर्ट के एक आदेश को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने तीन साल पहले ही डीडीए से कहा था कि लैंडफिल के लिए कोई दूसरी जगह का इंतजाम करे। लेकिन अभी तक इस दिशा में कुछ नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से लगातार इस मसले पर एमसीडी को आगाह करते हुए डीडीए से जगह के आंवटन करने को कहा है। लेकिन डीडीए अभी तक इसके लिए तैयार नहीं हुआ है। उन्होंने इसे आपराधिक लापरवाही करार दिया है।
आप भी हुई एमसीडी व डीडीए पर हमलावर
सौरभ भारद्वाज का आरोप है कि डीडीए के पास जमीन केवल मॉल बनाने व विजय गोयल को देने के लिए है। उन्होंने कहा कि एमसीडी व डीडीए सीधे उपराज्यपाल के अधीन है। ऐसे में दिल्ली सरकार पर आरोप लगाना पूरी तरह गलत है।