काउंसिल की बैठक में होटल और रेस्तरां पर मल्टीपल टैक्स स्लैब लगाने पर भी फैसला होगा। महंगे बिस्किट की तुलना में सस्ते बिस्किट पर लगने वाले टैक्स में अंतर हो सकता है। इस मीटिंग में ब्रांडेड कपड़ों, गोल्ड, बेशकीमती मेटल्स, मोती, हीरा और अन्य ज्वैलरी स्टोन, इमिटेशन ज्वैलरी पर फैसला लिया जाएगा।
बाकी चीजों में टेक्सटाइल, बिस्किट, फुटवियर, बिजली से चलने वाले एग्रीकल्चर इक्विपमेंट्स और बीड़ी, तेंदूपत्ता शामिल हैं। फाइनेंस मिनिस्ट्री के एक ऑफिशियल ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट और बायोडीजल पर भी टैक्स रेट इसी मीटिंग में तय हो सकता है। इस मीटिंग में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे।
रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसी चीनी, चाय, कॉफी, खाद्य तेल, जीवनरक्षक दवाओं आदि पर कम से कम टैक्स होगा। दही और दूध को भी इससे मुक्त रखा गया है। टैक्स का भुगतान भी इलेक्ट्रानिक विधि अथवा इंटरनेट से होगा। जीएसटी भुगतान क्रेडिट कार्ड, आरटीजीएस और नेफ्ट से भी हो सकता है। टैक्स भुगतान करने के सभी चालान ऑनलाइन होंगे। मतलब ये भी होगा कि इससे केवल चीजें ही सस्ती नहीं होंगी, बल्कि भ्रष्टाचार भी खत्म होगा।