अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो फिर 1 जुलाई के बाद ऐसा करना काफी महंगा शौक हो जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके घूमने फिरने में शामिल ट्रेन, बस और एयर टिकट से लेकर के होटल में रुकना, खाना आदि महंगा हो जाएगा। हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि कैसे गुड्स एंड सर्विस टैक्स के लागू होने के बाद इन चीजों पर टैक्स की कितनी मार पड़ेगी।
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रेल टिकट
अभी रेल टिकट ऑनलाइन बुक कराने पर 15 फीसदी सर्विस चार्ज देना होना है। जीएसटी के लागू हो जाने के बाद यह 18 फीसदी हो जाएगा। इसके अलावा बैंक भी टिकट बुक कराने पर ट्रांजेक्शन चार्ज लगाता है, जिसकी दर भी जीएसटी के लागू हो जाने के बाद महंगी हो जाएगी। अभी यह 1 से 2 फीसदी है, जिसके 3 फीसदी तक हो जाने की उम्मीद है। इसके अलावा रेलवे ने भी सरकार से ई-टिकट पर सर्विस चार्ज बढ़ाने के लिए कहा है।
अभी रेल टिकट ऑनलाइन बुक कराने पर 15 फीसदी सर्विस चार्ज देना होना है। जीएसटी के लागू हो जाने के बाद यह 18 फीसदी हो जाएगा। इसके अलावा बैंक भी टिकट बुक कराने पर ट्रांजेक्शन चार्ज लगाता है, जिसकी दर भी जीएसटी के लागू हो जाने के बाद महंगी हो जाएगी। अभी यह 1 से 2 फीसदी है, जिसके 3 फीसदी तक हो जाने की उम्मीद है। इसके अलावा रेलवे ने भी सरकार से ई-टिकट पर सर्विस चार्ज बढ़ाने के लिए कहा है।
एसी बस
अगर आप एसी या फिर वॉल्वो बस से सफर करते हैं और उसके लिए ऑनलाइन टिकट बुक कराते हैं, तो फिर सर्विस टैक्स देना होगा। इसमें भी सर्विस टैक्स रेलवे के समान है।हवाई टिकट
हवाई टिकट से यात्रा करने पर आपको टिकट तो सस्ता मिल जाएगा, क्योंकि लो कॉस्ट एयरलाइंस कंपनियों ने अपने किराये में काफी कमी करने की घोषणा की है। लेकिन एयरपोर्ट पर लगने वाले टैक्स की दर में इजाफा होने की उम्मीद है, जिससे एयर ट्रेवल करना भी महंगा हो जाएगा।
अगर आप एसी या फिर वॉल्वो बस से सफर करते हैं और उसके लिए ऑनलाइन टिकट बुक कराते हैं, तो फिर सर्विस टैक्स देना होगा। इसमें भी सर्विस टैक्स रेलवे के समान है।हवाई टिकट
हवाई टिकट से यात्रा करने पर आपको टिकट तो सस्ता मिल जाएगा, क्योंकि लो कॉस्ट एयरलाइंस कंपनियों ने अपने किराये में काफी कमी करने की घोषणा की है। लेकिन एयरपोर्ट पर लगने वाले टैक्स की दर में इजाफा होने की उम्मीद है, जिससे एयर ट्रेवल करना भी महंगा हो जाएगा।
कैब सर्विस
घूमने के लिए अगर आप 1 जुलाई के बाद कैब, टैक्सी की सर्विस लेते हैं तो फिर आपको टैक्स के तौर पर ज्यादा पैसा चुकाना होगा। इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल को भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
होटल
बाहर घूमने जाएंगे तो होटल में रुकना पड़ेगा। ऐसे में किसी भी होटल में एसी कमरा 1000 रुपये से ज्यादा में मिलता है। जीएसटी में केवल 1000 रुपये से कम किराये वाले कमरे पर टैक्स का प्रावधान नहीं है। 1000 से 5000 रुपये तक के कमरे पर 18 फीसदी और इससे ज्यादा के किराये वाले कमरों पर 28 फीसदी के हिसाब से टैक्स देना होगा।
बाहर घूमने जाएंगे तो होटल में रुकना पड़ेगा। ऐसे में किसी भी होटल में एसी कमरा 1000 रुपये से ज्यादा में मिलता है। जीएसटी में केवल 1000 रुपये से कम किराये वाले कमरे पर टैक्स का प्रावधान नहीं है। 1000 से 5000 रुपये तक के कमरे पर 18 फीसदी और इससे ज्यादा के किराये वाले कमरों पर 28 फीसदी के हिसाब से टैक्स देना होगा।
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