GST से मोदी के कैशलेस इंडिया की निकलेगी हवा, जानें कैसे..?

नवंबर 2016 में नोटबंदी के ऐलान के बाद मोदी सरकार ने देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन पर जोर दिया था. अब 1 जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू कर सरकार ने एक बार फिर कैशलेस ट्रांजैक्शन की दिशा में बढ़ते देश के लिए टैक्स ढ़ांचे में बड़ा फेरबदल कर दिया है. इस बार सरकार के फैसले से देश में बैंकों के लिए एटीएम सुविधा देना महंगा हो जाएगा क्योंकि 1 जुलाई के बाद जीएसटी के तहत बैंक के लिए एटीएम मशीन खरीदना महंगा हो चुका है. सरकार ने एटीएम मशीन पर सर्वाधिक 28 फीसदी टैक्स लगाया है. इसके अलावा एटीएम मशीनों का रखरखाव करना और भी महंगा हो गया है.

GST से मोदी के कैशलेस इंडिया की निकलेगी हवा, जानें कैसे..?

फरवरी 2017 में नोटबंदी के बाद अपना अहम केन्द्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया था, “देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए पीओएस मशीन(प्वाइंट ऑफ सेल मशीन) पर बेसिक कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, काउन्टरवेलिंग ड्यूटी समेत अन्य ड्यूटी को माफ कर दिया गया है(शून्य फीसदी).”

सरकार के इस फैसले से देश में बैंकों के लिए पीओएस मशीनों की खरीद बेहद सस्ती हो गई थी और उनके लिए देशभर में कारोबारियों को पीओएस मशीन जारी करना आसान हो गया था. 1 जुलाई से यह पीओएस मशीन एक बार फिर जीएसटी के दायरे में ला दी गई है. जीएसटी ढ़ांचे के मुताबिक पीओएस मशीन पर अब 18 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. लिहाजा, जीएसटी लागू होने के बाद अब बैंकों के लिए देशभर में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए पीओएस मशीनों का विस्तार करना महंगा हो गया है.

गौरतलब है कि नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद कुछ महीनों तक कैशलेस ट्रांजैक्शन में बड़ा इजाफा देखने को मिला था. लेकिन जैसे-जैसे रिजर्व बैंक बाजार में नई करेंसी का संचार बढ़ाती गई, लोगों में कैश के प्रति रुझान में भी इजाफा होने लगा और कैशलेस ट्रांजैक्शन के आंकड़े एक बार फिर गिरने लगे हैं.

लिहाजा, जीएसटी में एटीएम और पीओएस मशीन पर नए टैक्स ढ़ाचे का नकारात्मक असर पड़ना तय है. लेकिन सवाल यह है कि क्या केन्द्र सरकार ने जिस नोटबंदी के बाद देश में कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने की कोशिश की उसे अब वह जीएसटी से पलटने की तैयारी में है. जाहिर है|

एटीएम और पीओएस मशीन की बढ़ी हुई कीमत छोटे और नए बैंकों के साथ-साथ नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान के नए माध्यमों के लिए अच्छी खबर नहीं है. इस नई दर के बाद बैंक एक तरफ डिजिटल माध्यमों को बढ़ावा देने वाली पीओएस मशीनें का विस्तार करने से कतराएंगी वहीं दूसरी तरफ कैश संचार को दुरुस्त रखने के लिए एटीएम नेटवर्क भी बैंकों के लिए परेशानी बन जाएंगे. लिहाजा, केन्द्र सरकार ने जहां नोटबंदी लागू कर देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ाने की कोशिश की वहीं अब जीएसटी से एक बार फिर कैश की वापसी का रास्ता साफ कर दिया है.

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com