हमने अपने आसपास बहुत से ऐसे लोग देखे होंगे जो जिंदगी में करना कुछ और चाहते थे और आखिर में अपना प्रोफेशन बदल कर कुछ और ही करने लगे। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं जो हॉकी खेलना और उसमें करियर बनाना बहुत पसंद करते थे पर उन्होंने क्रिकेट में अपना करियर बनाया। इतना ही नहीं क्रिकेट में वे इतिहास के मशहूर फील्डरों में भी शुमार हो गए हैं। तो चलिए जानते हैं कि वे कौन हैं और उन्होंने अपने पसंदीदा खेल हॉकी को छोड़ कर क्रिकेट में करियर क्यों बनाया।
वनडे पारी में सबसे ज्यादा कैच लपकने का रिकॉर्ड
दुनिया के महानतम फील्डरों में क्रिकेटर जाॅन्टी रोड्स का नाम शामिल है। आज 27 जुलाई को उनका जन्मदिन है और वें 52 साल के हो चुके हैं। रोड्स ने इस खास मौके पर खास खुलासा किया है। दरअसल जब वे 22 साल के थे तब साल 1992 के वर्ल्ड कप में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए पदार्पण किया था। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी दमदार फील्डिंग की बदौलत अपना नाम रौशन किया और अपनी एक अलग पहचान बना डाली। दरअसल फील्डिंग के लिए रोड्स जिस ओर मैदान में खड़े हो जाते थे, उस वक्त के लोगों का मानना होता था कि उनके पास से कोई भी बल्लेबाज शाॅर्ट लगा नहीं सकता। साल 1993 में एक वनडे की पारी में रोड्स ने सबसे अधिक कैच पकड़ने का रिकॉर्ड भी कायम किया है।
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हॉकी छोड़ क्रिकेट को बनाया करियर
1992 में वर्ल्ड कप ग्रुप मैच में उन्होंने पाकिस्तान के इंजमाम–उल–हक को रन आउट किया था। ये बात आज भी क्रिकेट प्रेमियों को याद होगी। उनकी खासियत हवा में उड़ते हुए ग्रेविटी के विरुद्ध कैच पकड़ना था। वर्ल्ड क्रिकेट में उन्होंने ही इस तरह के कैच पकड़ने का ट्रेंड सेट किया है। इसके साथ ही उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए टेस्ट मैच में तीन शतक भी जड़े थे। हालांकि उनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं कि वे हॉकी के शानदार प्लेयर रहे हैं पर उन्होंने क्रिकेट को बतौर करियर चुना।
दक्षिण अफ्रीकी हॉकी टीम के रहे कप्तान
रोड्स ने हॉकी के खेल में दक्षिण अफ्रीका की कप्तानी भी की है। साल 1992 में उन्हें बार्सिलोना जाने के लिए ओलंपिक की दक्षिण अफ्रीकी हॉकी टीम का हिस्सा बनाया गया था। हालांकि तब उनकी टीम ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी।
ऋषभ वर्मा