जब भी क्रिकेट जगत की बात होती है तो खिलाड़ियों के प्रदर्शन या उनके फ्लाॅप होने की बातें भी उसमें शामिल होती हैं। कई बार उनके निजी जीवन या अफेयर को लेकर भी चर्चे होते हैं। हालांकि आज हम इन सभी टाॅपिक से हट कर एक अलग तरह के टाॅपिक पर बात करेंगे। आज हम आपको बताएंगे कि दुनिया के सबसे कंजूस बाॅलरों में कौन-कौन शामिल है और उन्हें आखिर कंजूस क्यों कहा जाता है।
इन्हें क्यों कहते हैं दुनिया का सबसे कंजूस बाॅलर
क्रिकेट जगत के कंजूस बाॅलरों की बात करें तो सबसे पहला नाम श्रीलंका के पूर्व स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का सामने आता है। हालांकि इनके अलावा लांस गिब्स भी जाने–माने बाॅलर रहे हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट चटकाने का कारनामा किया है। ऐसा करने वाले वे पहले स्पिन गेंदबाज थे। वहीं 300 से अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की इकोनाॅमी की बात करें तो इस मामले में वे दुनियाभर में टाॅप पर हैं। उनकी उम्र इस वक्त 87 साल है। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 1000 से अधिक विकेट हासिल किए हैं।
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कैसा रहा है गिब्स का करियर
गिब्स ने 5 फरवरी, 1958 में पाकिस्तान टीम के खिलाफ मैदान पर डेब्यू किया था। उन्होंने अपने डेब्यू मैच में ही 4 विकेट चटका दिए थे। वहीं जब वे अपना तीसरा टेस्ट मैच खेल रहे थे तब उन्होंने पांच विकेट चटकाए थे। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए इस टेस्ट की दूसरी पारी में महज 80 रन देकर 5 विकेट चटकाए थे। साल 1958 में ही उन्होंने भारत का दौरा भी किया था। यहां भी इन्होंने टेस्ट मैच खेला था। हालांकि इस टेस्ट में उन्होंने एक भी विकेट नहीं लिया था। गिब्स ने अपने करियर में कुल 79 टेस्ट मैच खेले थे। खास बात ये है कि इन टेस्ट मैचों में उन्होंने 29 की औसत से 309 विकेट चटकाए हैं। उनकी इकोनाॅमी उस वक्त 1.98 की थी। दुनिया भर में 300 से अधिक विकेट अपने नाम करने वाले बाॅलरों में एक मात्र गिब्स ही ऐसे हैं जिनकी इकोनाॅमी 2 से कम रही। इसीलिए गिब्स को दुनिया का सबसे कंजूस बॉलर भी कहा जाता है। क्रिकेट के 400 साल के लम्बे इतिहास में इन जैसा कंजूस बॉलर आज तक पैदा ही नहीं हुआ।
ऋषभ वर्मा