शहर के हाई सिक्योरिटी जोन में एसएमएचएस अस्पताल में आतंकियों ने पुलिस पार्टी पर हमला कर हार्ड कोर लश्कर आतंकी नवीद जट उर्फ अबु हंजुला को भगा लिया। नवीद पाकिस्तानी आतंकी है। उसके साथ छह आतंकियों को मंगलवार को सेंट्रल जेल से इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था।वहां पहले से मौजूद दो आतंकियों ने पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इसमें दो पुलिस कर्मी हेड कांस्टेबल मुश्ताक अहमद और कांस्टेबल बाबर अहमद शहीद हो गए। घटना के बाद अस्पताल में अफरातफरी मच गई। तीनों आतंकी मोटरसाइकिल से फरार हुए हैं।
पुलिस के अनुसार घटना के बाद आतंकी मोटरसाइकिल से डाउन टाउन की संकरी गलियों की ओर भाग निकले। डीजीपी डा. एसपी वैद ने बताया कि घटना के बाद पूरे शहर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। आतंकियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि आतंकी अपने एक हार्डकोर साथी को भगा ले जाने में सफल रहे। पुलिस के अनुसार नावेद तथा छह अन्य कैदियों को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था। ओपीडी के पास गाड़ी से उतरते ही आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी।
फिरन में दो आतंकी पहले से ही पार्किंग में वाहन का इंतजार कर रहे थे। फायरिंग होते ही अस्पताल में भगदड़ मच गई। इस बीच आतंकियों के साथ नवीद फरार हो गया। डीआईजी (मध्य कश्मीर) गुलाम हसन भट ने बताया कि पूरे इलाके में घेराबंदी की गई है। सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है।
2010 में लश्कर में हुआ था शामिल
नवीद 2010 में लश्कर में शामिल हुआ था और दो साल की ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। उसने मुजफ्फराबाद कैंप में ट्रेनिंग ली थी। अक्टूबर-नवंबर 2012 में वह कुपवाड़ा के रास्ते सात अन्य विदेशी आतंकियों के साथ रियासत में दाखिल हुआ था।
नावेद तथा 22 आतंकियों का ग्रुप छह महीने से अधिक समय तक बांदीपोरा के जंगलों में मई 2013 तक ठहरा था। नावेद तथा एक अन्य आतंकी आशिक लोन को पुलवामा व शोपियां के इलाके में भेजा गया था।
इस दौरान उन्हें मोबाइल फोन, सिम कार्ड देने के साथ ही स्काईपे के इस्तेमाल की जानकारी दी गई थी। नावेद को पाकिस्तान से दिशा निर्देश मिलते थे और वह लगातार अबु सज्जाद व अबु हंजाला के संपर्क में रहता था।
कई हमलों में शामिल रहा है आतंकी
नवीद घाटी में कई हमलों में शामिल रहा है। हैदरपोरा में सेना पर हमला, श्रीनगर के बाहरी इलाके में नेशनल हाईवे पर स्थित सिल्वर स्टार होटल में हमले के साथ ही दक्षिणी कश्मीर में पुलिस व सीआरपीएफ कैंप पर तीन हमले में शामिल रहा है। पुलिस के अनुसार वह कंपास, जीपीएस, वायरलेस सेट तथा मोबाइल फोन के मामले में काफी प्रशिक्षित है।
दूसरे जेल में शिफ्ट करना चाहती थी पुलिस
पुलिस नवीद तथा पांच अन्य कैदियों को श्रीनगर जेल से शिफ्ट करना चाहती थी। उसे घाटी के बाहर किसी अन्य हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट करने की योजना थी, लेकिन सेशन कोर्ट ने दिसंबर 2017 में इसकी अनुमति नहीं दी थी।
पहले से तैयार थी हमले की स्क्रिप्ट
लश्कर के टॉप कमांडरों में शामिल नवीद जट उर्फ नवीद को छुड़ाने की पूरी रिक्रप्ट पहले से ही लिखी जा चुकी थी। देर थी तो बस उसे अंजाम तक पहुंचाने की। आतंकियों ने अपनी नापाक हरकत को अंजाम देने की जगह भी पहले से ही अस्पताल का चुना था।
जहां पहले से ही लोग अपने जख्मों का इलाज करना पहुंचे थे। तयशुदा जगह पर खामोशी से अपनी जगहों पर बैठे आतंकी मौके की तलाश कर रहे थे। इसी बीच आतंकियों को लानी वाले वाहन ने जैसे ही अस्पताल में प्रवेश किया तो आतंकी हमले के लिए तैयार हो गए। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला कर पूरी फिल्मी अंदाज में इस घटना को अंजाम देकर अपने कमांडर को लेकर फरार होने में कामयाब हो गए।
जेल प्रशासन ने दिए घटना की जांच के आदेश
श्रीनगर। जेल प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। डीजीपी जेल की ओर से जारी आदेश के अनुसार जांच डीआईजी जेल करेंगे। इन्हें रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने की हिदायत दी गई है। बताते हैं कि सेंट्रल जेल से एक नर्सिंग अर्दली को मेडिकल रिकार्ड लेकर कैदियों के साथ भेजा गया था।
डीपीएल श्रीनगर से एस्कार्ट मिला था। करन नगर पुलिस थाने की ओर से बताया गया कि आतंकियों ने एस्कार्ट पार्टी पर हमला किया। इसके बाद एस्कार्ट पार्टी की कस्टडी से पाक आतंकी नावेद को भगा ले गए।
सूत्रों का कहना है कि गाड़ी में जेल से श्रीनगर के सीरातुल हसन व आरिफ अहमद शेख, सोपोर के अब्दुल अहमद राथर, गूस सतापोरा के मोहम्मद खलील नजर और बारामुला के बशीर अहमद साले को अस्पताल लाया गया था।