रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को संसदीय समिति से कहा कि नोटबंदी के दौरान बंद हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों के वेरिफिकेशन का काम चल रहा है। अभी इसमें काफी समय लगने की संभावना है, क्योंकि नोटों की संख्या काफी ज्यादा है। सरकारी बैंकों ने फेस्टिव सीजन से पहले किया होम-कार लोन सस्ता, ब्याज दरों में की 0.45 % तक की कटौती
आरबीआई के ऑफिस में लग रही है 10 घंटे की शिफ्ट
सेंट्रल बैंक ने संसदीय समिति से कहा कि अभी जमा हुए पुराने नोटों को उच्च तकनीक वाली करेंसी वेरिफिकेशन मशीन में प्रोसेस किया जा रहा है। इसके लिए आरबीआई के सभी ऑफिस में 10-10 घंटे की दो शिफ्ट लगाई जा रही हैं। जो कर्मचारी इस काम में लगे हैं उनसे शनिवार और छुट्टी के दिन भी काम कराया जा रहा है। स्टॉफ को केवल रविवार को ऑफ दिया जा रहा है।
इस दिन मशीनों का भी मेंटिनेंस भी किया जाता है। इस काम को पूरा करने के लिए आरबीआई ने अपनी मशीनों के अलावा अन्य कमर्शियल बैंकों से भी मशीन मंगवाई हैं। इसके अलावा आरबीआई इन मशीनों को खरीद भी रहा है और नए वेंडर्स से किराये पर भी ले रहा है।
वापस आ गए 99 फीसदी नोट
आरबीआई ने वार्षिक रिपोर्ट 2016-17 में बताया गया कि नोटबंदी के बाद 1000 रुपए के 8.9 करोड़ नोट वापस नहीं आए। इस दौरान कुल 99 फीसदी नोट वापस आए जिनकी वैल्यू 15.44 लाख करोड़ है। जिसका मतलब साफ है कि नोटबंदी के बाद सिस्टम का लगभग सारा पैसा बैंकों में वापस आ गया। वहीं नोटबंदी के बाद नए नोटों की छपाई पर हुए खर्च के बारे में बताया कि इन्हें छापने में अब तक सरकार के 7,965 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को 500 व 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का निर्णय लिया था। जिसके संदर्भ में आरबीआई ने कहा कि नोटबंदी की प्रक्रिया बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण थी।