सदस्यता भर्ती अभियान के बाद अब सपा के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस क्रम में पांच सितंबर को एक ही दिन जिला व महानगर सम्मेलन होंगे। माना जा रहा है कि इन सम्मेलनों में सपा के एक तिहाई से ज्यादा अध्यक्ष बदले जाएंगे। सम्मेलनों में जिले के राजनीतिक हालात, निकाय चुनाव की तैयारियों व जनसमस्याओं पर चर्चा होगी।अभी-अभी: JDU के महासचिव ने शरद यादव को पार्टी से निकालने का लिया बड़ा फैसला….
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि कुछ जिलाध्यक्षों व कई पूर्व विधायकों व पूर्व मंत्रियों ने सदस्यता अभियान में ज्यादा सक्रियता नहीं दिखाई है। अभियान में अपेक्षित परिणाम न देने वाले जिलाध्यक्षों को चिह्नित कर लिया गया है। इन्हें सम्मेलनों में हटाने की तैयारी है।
जिलाध्यक्षों का चुनाव सक्रिय सदस्य करेंगे। जो अध्यक्ष सक्रिय सदस्य बनाने में पीछे रहे हैं उनकी दावेदारी खुद ही कमजोर हो गई है। जिला पदाधिकारियों के चुनाव में पर्यवेक्षकों की भूमिका अहम रहेगी। उन्होंने बताया कि संगठनात्मक कार्यक्रमों की शुरुआत 5 सितंबर से हो रही है। इस दिन पार्टी के जिला सम्मेलन सभी जिलों में होंगे।
प्रत्येक जिला व महानगर सम्मेलन में एक-एक पर्यवेक्षक रहेगा। संगठनात्मक कार्यक्रम के संबंध में सभी जिला, महानगर अध्यक्षों, महासचिव, सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय एवं राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को सूचना दे दी गई है। उन्हें जिला एवं महानगर सम्मेलनों में सहयोग को कहा गया है।