दिन भर हमारे दिमाग में कई तरह के जो भी विचार आते रहते हैं, उन पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं रहता। कुछ विचार ऐसे भी होते हैं जिनसे हम काफी परेशान हो जाते हैं। ऐसे में हमें कोई उपाय नहीं सूझता कि इन बेकार के विचारों से छुटकारा कैसे पाया जाए। इस परिस्थिति में मेडिटेशन यानी कि ध्यान हमारी मदद कर सकता है। ध्यान हमारे दिमाग में आ रहे नकारात्मक विचारों को रोकने में हमारी सहायता करता है। इसके अलावा हमारे हर्ट रेट, डाइजेशन और सांस लेने की प्रक्रिया को रेगुलेट करता है।
ध्यान भारत की प्राचीन परंपरा का हिस्सा है। ईसा के जन्म के पांच सौ साल पहले से ही यहां ध्यान की अवधारणा अस्तित्व में थी। बाद में यह जापान और चीन की संस्कृति का भी अहम हिस्सा रही। आज के दौर में वैज्ञानिकों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि ध्यान करना सबसे बेहतर मानसिक व्यायाम है। इतना ही नहीं, मेडिटेशन से शरीर की सेहत बेहतर बनी रहती है। शरीर की ऊर्जा में बढ़ोत्तरी होती है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। स्ट्रेस हार्मोन के रेगुलेशन के लिए ध्यान बेहद जरूरी है। इससे मानसिक एकाग्रता बढ़ती है तथा तनाव और चिंता दूर होती है। मेडिटेशन के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आज हम आपको उन्हीं बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मेडिटेशन शुरू करने से पहले आपको ध्यान रखना चाहिए।
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मेडिटेशन को किसी भी ऐसी जगह पर किया जा सकता है जहां शांति हो और बहुत चहल-पहल न हो। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि जगह खुली हुई हो।
ध्यान करने के लिए सुबह का समय सबसे बेहतर होता है। हालांकि इसे किसी भी समय किया जा सकता है। आपको जब भी समय मिलता हो आप मेडिटेशन कर सकते हैं।
ध्यान करते हुए आप अपने सभी विचारों को इकट्ठा कर उन्हें खुद से कहीं दूर कर दें। आप खुद से कहें कि मैं इस समय किसी चीज के बारे में नहीं सोच रहा हूं। थोड़ी देर तक सामान्य तरीके से सांस लेते रहिए।
मेडिटेशन करते हुए अपनी आंखों को बंद रखिए और अपनी सांसों के आवागमन पर ध्यान केंद्रित कीजिए। मेडिटेशन की शुरूआत विचारों पर नियंत्रण करने से होती है और फिर इसमें अपना सारा ध्यान एक जगह केंद्रित करना होता है। अपने विचारों पर एक बार नियंत्रण करना सीख लेने का मतलब है कि आप जब चाहे तब अपने मन को शांत रख सकते हैं।