इसके पहले पूर्व भारतीय राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह तथा प्रणब मुखर्जी भी यह विशेष पूजा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री रामायण सर्किट का भी उद्घाटन करेंगे, जो भारत के "स्वदेश दर्शन स्कीम" के तहत 13 पर्यटक सर्किट में से एक है। इसके अलावा प्रधानमंत्री जनकपुर-अयोध्या बस सेवा की भी शुरुआत करेंगे। जनकपुर से मुस्तांग जाएंगे, जहां वह मुक्तिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी काठमांडू पहुंचेंगे। हालांकि नेपाल के गृह मंत्री राम बहादुर थापा ने कहा है कि भारतीय नेता का यह दौरा धार्मिक और सांस्कृतिक होगा। इस दौरान कोई राजनीतिक समझौता नहीं होगा। नेपाल रवाना होने से एक दिन पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- "बतौर प्रधानमंत्री यह मेरी तीसरी नेपाल यात्रा होगी। यह दर्शाता है कि भारत तथा मैं व्यक्तिगत तौर पर भी युगों पुरानी नजदीकियां तथा दोस्ताना रिश्ते को उच्च प्राथमिकता देता हूं।"मालूम हो कि नेपाल में फरवरी में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद ओली भी अपनी पहली विदेश यात्रा पर पिछले महीने ही भारत आए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा कि यह उच्च स्तरीय तथा नियमित बातचीत उनकी सरकार की "पड़ोसी प्रथम" की नीति को दर्शाता है, जो हमारा ध्येय "सबका साथ, सबका विकास" के अनुरूप है। दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षों में कई द्विपक्षीय संपर्क और परियोजनाओं को पूरा किया है और दोनों देशों के लोगों हित में परिवर्तनकारी पहल की है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि पिछले महीने नई दिल्ली में उनके और ओली के बीच हुई परस्पर हितों की बातचीत को इस यात्रा में आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान जनकपुर तथा मुक्तिनाथ भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन दोनों स्थलों पर हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जो भारत और नेपाल के लोगों के बीच प्राचीन और मजबूत सांस्कृतिक संबंधों के जीवंत साक्ष्य हैं। मोदी ने कहा कि नेपाल ने लोकतंत्र के लाभप्रद नए युग में प्रवेश किया है और तेजी से आर्थिक वृद्धि और विकास कर रहा है तथा भारत "समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाल" के अपने नजरिए को लागू करने में दृढ़ साझेदार बना रहेगा। उन्होंने कहा कि वहां राजनेताओं और मित्रों से मिलने को लेकर उत्सुक हैं और उन्हें विश्वास है कि यह दौरा नेपाल के साथ परस्पर हितों के लिए लोक केंद्रित साझीदारी, सद्भावना तथा समझदारी को और मजबूत करेगा।

LIVE: जनकपुर के जानकी मंदिर में पीएम मोदी ने की विशेष पूजा, कहा- यहां आना सौभाग्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह अपने दो दिवसीय दौरे के लिए नेपाल पहुंचे। पीएम के दौरे की शुरुआत जनकपुर से हुई जहां एयरपोर्ट पर स्वागत के बाद वो राम जानकी मंदिर पहुंचे जहां नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम ने मंदिर में विशेष षोडशोपचार से पूजा की। प्रधानमंत्री के रूप में यह उनका तीसरा नेपाल दौरा है।इसके पहले पूर्व भारतीय राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह तथा प्रणब मुखर्जी भी यह विशेष पूजा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री रामायण सर्किट का भी उद्घाटन करेंगे, जो भारत के "स्वदेश दर्शन स्कीम" के तहत 13 पर्यटक सर्किट में से एक है। इसके अलावा प्रधानमंत्री जनकपुर-अयोध्या बस सेवा की भी शुरुआत करेंगे। जनकपुर से मुस्तांग जाएंगे, जहां वह मुक्तिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी काठमांडू पहुंचेंगे।  हालांकि नेपाल के गृह मंत्री राम बहादुर थापा ने कहा है कि भारतीय नेता का यह दौरा धार्मिक और सांस्कृतिक होगा। इस दौरान कोई राजनीतिक समझौता नहीं होगा।  नेपाल रवाना होने से एक दिन पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- "बतौर प्रधानमंत्री यह मेरी तीसरी नेपाल यात्रा होगी। यह दर्शाता है कि भारत तथा मैं व्यक्तिगत तौर पर भी युगों पुरानी नजदीकियां तथा दोस्ताना रिश्ते को उच्च प्राथमिकता देता हूं।"मालूम हो कि नेपाल में फरवरी में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद ओली भी अपनी पहली विदेश यात्रा पर पिछले महीने ही भारत आए थे।  प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा कि यह उच्च स्तरीय तथा नियमित बातचीत उनकी सरकार की "पड़ोसी प्रथम" की नीति को दर्शाता है, जो हमारा ध्येय "सबका साथ, सबका विकास" के अनुरूप है। दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षों में कई द्विपक्षीय संपर्क और परियोजनाओं को पूरा किया है और दोनों देशों के लोगों हित में परिवर्तनकारी पहल की है।  प्रधानमंत्री ने कहा है कि पिछले महीने नई दिल्ली में उनके और ओली के बीच हुई परस्पर हितों की बातचीत को इस यात्रा में आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान जनकपुर तथा मुक्तिनाथ भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन दोनों स्थलों पर हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जो भारत और नेपाल के लोगों के बीच प्राचीन और मजबूत सांस्कृतिक संबंधों के जीवंत साक्ष्य हैं।  मोदी ने कहा कि नेपाल ने लोकतंत्र के लाभप्रद नए युग में प्रवेश किया है और तेजी से आर्थिक वृद्धि और विकास कर रहा है तथा भारत "समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाल" के अपने नजरिए को लागू करने में दृढ़ साझेदार बना रहेगा। उन्होंने कहा कि वहां राजनेताओं और मित्रों से मिलने को लेकर उत्सुक हैं और उन्हें विश्वास है कि यह दौरा नेपाल के साथ परस्पर हितों के लिए लोक केंद्रित साझीदारी, सद्भावना तथा समझदारी को और मजबूत करेगा।

इसके बाद पीएम ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जनकपुर आने वाला मैं पहला भारतीय पीएम बना और यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मुझे माता सीता को प्रणाम करने का मौका मिला। मेरा सम्मान, भारत के 125 करोड़ लोगों का सम्मान है।

पीएम ने इस दौरान कहा कि अयोध्या और जनकपुर का नाता अटूट है। रामायण सर्किट भारत और नेपाल के लिए अहम है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देश इस सर्किट को बनाने का काम करेंगे और यह हमारे लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का जरिया बनेगा।

दौरे पर रवाना होने से पहले नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस हिमालयी देश से दोस्ताना रिश्ता उच्च प्राथमिकता में है। मोदी नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आमंत्रण पर शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं। नेपाल में प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत की जोरदार तैयारी है।

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को पटना से सीधे विमान से जनकपुर जाएंगे, जहां राम जानकी मंदिर में नेपाल के प्रधानमंत्री ओली उनका स्वागत करेंगे। मोदी मंदिर में विशेष पूजा करेंगे। वह “षोडसोपचार” विधि से यहां पूजा-अर्चना करने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे। बाद में प्रधानमंत्री का नागरिक अभिनंदन भी होगा।

इसके पहले पूर्व भारतीय राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह तथा प्रणब मुखर्जी भी यह विशेष पूजा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री रामायण सर्किट का भी उद्घाटन करेंगे, जो भारत के “स्वदेश दर्शन स्कीम” के तहत 13 पर्यटक सर्किट में से एक है। इसके अलावा प्रधानमंत्री जनकपुर-अयोध्या बस सेवा की भी शुरुआत करेंगे। जनकपुर से मुस्तांग जाएंगे, जहां वह मुक्तिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी काठमांडू पहुंचेंगे।

हालांकि नेपाल के गृह मंत्री राम बहादुर थापा ने कहा है कि भारतीय नेता का यह दौरा धार्मिक और सांस्कृतिक होगा। इस दौरान कोई राजनीतिक समझौता नहीं होगा।

नेपाल रवाना होने से एक दिन पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- “बतौर प्रधानमंत्री यह मेरी तीसरी नेपाल यात्रा होगी। यह दर्शाता है कि भारत तथा मैं व्यक्तिगत तौर पर भी युगों पुरानी नजदीकियां तथा दोस्ताना रिश्ते को उच्च प्राथमिकता देता हूं।”मालूम हो कि नेपाल में फरवरी में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद ओली भी अपनी पहली विदेश यात्रा पर पिछले महीने ही भारत आए थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा कि यह उच्च स्तरीय तथा नियमित बातचीत उनकी सरकार की “पड़ोसी प्रथम” की नीति को दर्शाता है, जो हमारा ध्येय “सबका साथ, सबका विकास” के अनुरूप है। दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षों में कई द्विपक्षीय संपर्क और परियोजनाओं को पूरा किया है और दोनों देशों के लोगों हित में परिवर्तनकारी पहल की है।

प्रधानमंत्री ने कहा है कि पिछले महीने नई दिल्ली में उनके और ओली के बीच हुई परस्पर हितों की बातचीत को इस यात्रा में आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान जनकपुर तथा मुक्तिनाथ भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन दोनों स्थलों पर हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जो भारत और नेपाल के लोगों के बीच प्राचीन और मजबूत सांस्कृतिक संबंधों के जीवंत साक्ष्य हैं।

मोदी ने कहा कि नेपाल ने लोकतंत्र के लाभप्रद नए युग में प्रवेश किया है और तेजी से आर्थिक वृद्धि और विकास कर रहा है तथा भारत “समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाल” के अपने नजरिए को लागू करने में दृढ़ साझेदार बना रहेगा। उन्होंने कहा कि वहां राजनेताओं और मित्रों से मिलने को लेकर उत्सुक हैं और उन्हें विश्वास है कि यह दौरा नेपाल के साथ परस्पर हितों के लिए लोक केंद्रित साझीदारी, सद्भावना तथा समझदारी को और मजबूत करेगा।

 
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