मध्यप्रदेश में 13 जिलों ने कानून और व्यवस्था के चलते वार्षिक भर्ती के लिए पहुंची सेना को वापस भेज दिया है। जिसके बाद सेना ने कहा है कि यदि यह मुद्दा एक या दो दिन में हल हो जाए तो ठीक, वरना वह प्रदेश की खाली सीटों पर अन्य प्रदेश के युवकों को मौके देगी। आज सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे कलश की स्थापाना, जानिए पूरी कार्यक्रम!
इस घटना से कुछ हफ्तों पहले ही भारतीय एयरफोर्स ने भी खराब व्यवस्था को लेकर आपत्ति जताई थी। भारतीय वायु सेना ने लंबे अंतराल के बाद भोपाल में भर्ती का आयोजन किया था। एयरफोर्स ने कहा था कि वह इन पदों पर छत्तीसगढ़ में भर्ती कर लेगी।
भारतीय सेना को भर्ती की अनुमति इसलिए नहीं दी गई क्योंकि भर्ती में हिस्सा लेने हजारों युवा अलग-अलग जिलों से आएंगे। ऐसे में जिले की कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। ऐसे उस वक्त हुआ है जब सेना ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि वह मध्यप्रदेश का कोटा किसी अन्य प्रदेश को दे सकती है।
ग्वालियर जिला प्रशासन ने मंजूरी इसलिए नहीं दी क्योंकि नवंबर 2014 में 30,000 युवक भर्ती में शामिल होने आए थे। ऐसा भी देखा गया कि 500 पदों पर भर्ती के लिए लगभग 70 हजार युवक आए, ऐसे में कानून व्यवस्था बनाए रख पाना एक बड़ी चुनौती है।