लाइफस्टाइल

स्किन टाइप के अनुसार करें फेस पैक का इस्तेमाल

आज की बिजी लाइफ स्टाइल में सभी लोग अपने अपने कामों में व्यस्त रहते हैं. दिनभर धूल-मिट्टी, धूप और प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण स्किन से जुड़ी कई समस्याएं देखने को मिलती हैं. इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए लड़कियां मार्केट में मिलने वाले महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं. जिनके इस्तेमाल से आपकी स्किन को कई तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं. आप अपने घर में रखी कुछ चीजों का इस्तेमाल करके अपनी स्किन को खूबसूरत बना सकती हैं. आज हम आपको स्किन से जुड़ी समस्याओं और सभी स्किन टाइप पर इस्तेमाल होने वाले नेचुरल फेस मास्क के बारे में बताने जा रहे हैं. 1- जिन लड़कियों की स्किन ऑयली होती है उन्हें चेहरे की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल करना चाहिए. मुल्तानी मिट्टी के इस्तेमाल से ऑयली स्किन की समस्या दूर हो जाती है. इसे इस्तेमाल करने के लिए एक कटोरी में दो बड़े चम्मच मुल्तानी मिट्टी ले लें. अब इसमें एक छोटा चम्मच गुलाबजल और दो तीन बूंद नींबू का रस डालकर अच्छे से मिलाएं. अपने इसे अपने चेहरे पर लगाकर सूखने दें. बाद में इसे ठंडे पानी से धो लें. 2- ड्राई स्किन की समस्या को दूर करने के लिए शहद से बना फेस पैक इस्तेमाल करें. इसे बनाने के लिए एक कटोरी में दो बड़े चम्मच मिल्क पाउडर ले ले. अब इसमें दो बड़े चम्मच शहद और थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट के बाद ठंडे पानी से धो लें. 3- मिलीजुली स्किन के लिए दही का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है. इसके लिए एक कटोरी में आधा कप दही ले ले. अब इसमें एक अंडे का सफेद भाग डालकर अच्छे से मिलाएं. अब इसे अपने चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट बाद अपने चेहरे को साफ पानी से धो लें.

आज की बिजी लाइफ स्टाइल में सभी लोग अपने अपने कामों में व्यस्त रहते हैं. दिनभर धूल-मिट्टी, धूप और प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण स्किन से जुड़ी कई समस्याएं देखने को मिलती हैं. इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए लड़कियां मार्केट में मिलने वाले महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट …

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सेहत के लिए फायदेमंद होता है शंख बजाना

हिंदू धर्म में शंख को पूजनीय माना जाता है. सभी घरों में शंख का इस्तेमाल पूजा पाठ के लिए किया जाता है. पर क्या आपको पता है कि यह हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसे घर में रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है. शंख को बजाने से घर में मौजूद जीवाणु खत्म हो जाते हैं. और शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है. शंख में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फास्फोरस और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं. शंख में रखा पानी पीने से कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है. आज हम आपको शंख बजाने के कुछ फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं. 1- शंख बजाने से श्वसन प्रणाली, श्रवण तंत्र तथा मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम हो जाता है. जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है उन्हें नियमित रूप से शंख बजाना चाहिए. ऐसा करने से अस्थमा की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. 2- जो लोग नियमित रूप से शंख बजाते हैं उन्हें कभी भी गले और फेफड़ों की बीमारियां नहीं होती है. शंख बजाने से याददाश्त भी तेज हो जाती है. 3- शंख में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं. शंख में रखे पानी का सेवन करने से दांत मजबूत हो जाते हैं. 4- दिल के मरीजों के लिए शंख की आवाज बहुत फायदेमंद होती है. शंख की ध्वनि सुनने से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है.

हिंदू धर्म में शंख को पूजनीय माना जाता है. सभी घरों में शंख का इस्तेमाल पूजा पाठ के लिए किया जाता है. पर क्या आपको पता है कि यह हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसे घर में रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता …

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चावल का पानी दिला सकता है डायरिया की बीमारी से छुटकारा

गर्मियों के मौसम में सेहत से जुड़ी कई समस्याएं सामने आने लगती हैं. जिनमें से एक बीमारी है डायरिया. डायरिया यानी दस्त लगना. डायरिया की बीमारी बच्चों से लेकर बड़ों तक हो सकती है. डायरिया की बीमारी में शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है. जिसके कारण पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, पेट मरोड़ना, उल्टी आना, बुखार और कमजोरी की समस्या होने लगती है. आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनके इस्तेमाल से आप डायरिया की बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं. 1- डायरिया होने पर 2 घंटे के अंतर पर नमक और पानी का घोल बनाकर पिएं. दिन में 6 से 7 बार इस घोल का सेवन करने से डायरिया की समस्या दूर हो जाती है. 2- अदरक के रस में थोड़ा सा नींबू का रस और काली मिर्च पाउडर मिलाकर पीने से डायरिया के साथ-साथ पेट दर्द से भी आराम मिलता है. इसके अलावा दिन में तीन चार बार अदरक की चाय का सेवन करने से भी डायरिया की बीमारी से छुटकारा मिलता है. 3- डायरिया की समस्या होने पर दिन में कम से कम तीन चार बार चावल के पानी का सेवन करें. इससे डायरिया की समस्या से आराम मिल जाता है.

गर्मियों के मौसम में सेहत से जुड़ी कई समस्याएं सामने आने लगती हैं. जिनमें से एक बीमारी है डायरिया. डायरिया यानी दस्त लगना. डायरिया की बीमारी बच्चों से लेकर बड़ों तक हो सकती है. डायरिया की बीमारी में शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है. जिसके कारण …

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कैप्सूल की ये सच्चाई जानकर आप हो जायेंगे हैरान…

कैप्सूल की ये सच्चाई जानकर आप हो जायेंगे हैरान...

बढ़ते प्रदूषण के दौर में अक्सर बीमार होने पर हम गोली या फिर केप्स्यूल लेते है लेकिन आपकी फेवरेट गोली को लेकर मन में हमेशा सवाल रहता कि ये प्लास्टिक जैसा है क्या. और अगर प्लास्टिक है तो शरीर के अंदर घुलता कैसे है. यही आपमें से कई लोगों का …

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जानिए छिपकली के घर में दिखने से क्या होता है

ज्योतिष के अनुसार दैनिक जीवन में बहुत सारे ऐसे संकेतों के बारे में बताया गया है जिनसे हमें अंदाजा हो जाता है कि भविष्य में कैसा समय होगा-जब छिपकली शरीर के किसी अंग पर गिरे तो उस स्थान को पानी से धो लें या नहा लें क्योंकि उसके शरीर में …

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पढ़ाई में हर कमजोर बच्चे को अव्वल नम्बर से पास कराता है यह उपाय

मानव जीवन कि हर समस्या का समाधान शास्त्र के माध्यम से किया जा सकता है, हर वो समस्या जो मानव के हाथ मेे नहीं है, जिसका समाधान तो वह चाहता है लेकिन उसके लिए कुछ कर नहीं पाता, ऐसे में शास्त्र ही एक ऐसा माध्यम है, जो मानव कि इस …

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वेदो में छुपा स्त्रियों का एक अनोखा रहस्य

वेदो में छुपा स्त्रियों का एक अनोखा रहस्य

आपने किसी के मुँह से यह जरूर सुना होगा कि स्त्री के स्वाभाव को समझ पाना तो भगवान के भी बस की बात नहीं है पर आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे भारतीय शास्त्र के बारे में जिसमे आपको इस सवाल का जवाब बहुत ही आसानी से …

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जानिए क्यों जरूरी हैं सूर्य-नमस्कार

योग का जन्म भारत में ही हुआ है. मगर दुखद यह है कि आधुनिक कहे जाने वाले समय में अपनी दौड़ती-भागती जिंदगी से लोगों ने योग को अपनी दिनचर्या से हटा लिया। जिसका असर लोगों के स्वाथ्य पर हुआ। मगर आज भारत में ही नहीं विश्व भर में योग का बोलबाला है और निसंदेह उसका श्रेय भारत के ही योग गुरूओं को जाता है जिन्होंने योग को फिर से पुनर्जीवित किया है.योगासन के द्वारा आप अपने शरीर और मन को तरोताजा करने, उनकी खोई हुई शक्ति की पूर्ति कर देने और आध्यात्मिक लाभ की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं. सूर्य नमस्कार : सूर्य नमस्कार, योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है. इसके नियमित अभ्यास से मानव स्वस्थ रहता हैं और मानसिक-विचार भी शुद्ध होते हैं. एक स्वस्थ मनुष्य को रोजाना कुछ समय के लिए ही सही पर सूर्यनमस्कार अवश्य करना चाहिए .वैसे तो सूर्य नमस्कार में अलग-अलग १२ मंत्रो का उच्चारण किया जाता हैंऔर हर मंत्र का एक ही अर्थ होता हैं -"एक ही सरल अर्थ है- सूर्य को (मेरा) नमस्कार है" विधि : सर्वप्रथम दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हों. फिर नेत्रो को बंद करके ध्यान 'आज्ञा चक्र' पर केंद्रित करके 'सूर्य भगवान' का आह्वान करें .श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर तानें तथा भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं और गर्दन को पीछे कि और झुकाएं. फिर श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुके तथा हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें फिर घुटने सीधे करके माथे को घुटनों पर स्पर्श कराते हुए ध्यान नाभि के पीछे 'मणिपूरक चक्र' पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में रुकें.सूर्य नमस्कार हमारे शरीर के संपूर्ण अंगों की विकृतियों को दूर करके निरोग बना देती हैं तथा यह पूरी प्रक्रिया अत्यधिक लाभकारी है. इसके अभ्यासी के हाथों-पैरों के दर्द दूर होकर उनमें सबलता आ जाती है.

योग का जन्म भारत में ही हुआ है. मगर दुखद यह है कि आधुनिक कहे जाने वाले समय में अपनी दौड़ती-भागती जिंदगी से लोगों ने योग को अपनी दिनचर्या से हटा लिया। जिसका असर लोगों के स्वाथ्य पर हुआ। मगर आज भारत में ही नहीं विश्व भर में योग का …

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नियमित योगासन कर बनाएं अवसाद से दुरी

मनोचिकित्सकों के अनुसार अवसाद होने के कई कारण हो सकते हैं . यह मूलत: किसी व्यक्ति की सोच की बनावट या उसके मूल व्यक्तित्व पर निर्भर करता है. अवसाद में उस व्यक्ति-विशेष के लिए सुख, शांति, सफलता, खुशी यहाँ तक की संबंध तक बेमानी हो जाते हैं और कभी-कभी जैवरासायनिक असंतुलन के कारण भी अवसाद घेर लेता है . इससे बाहर निकलना बेहद मुश्किल होता है. इंसान के शरीर के दिखाई देने वाले जख्मों की दवा तो हम कर सकते है पर जब इंसान मन से बीमार होता है तो किसी को दिखाई नहीं देता. जिस तरह दीमक एक लकड़ी को अंदर से पूरी तरह खोखला कर देती है ठीक उसी तरह अवसाद(डिप्रेशन) भी दीमक की तरह किसी भी इंसान को भीतर से ख़त्म कर देता है.ऐसी स्थिति में लोग खुद को तन्हा महसूस करते हैं. इस खतरे को कम करने में योगासन अहम भूमिका निभाता है.एक अध्ययन के मुताबिकअस्पताल में भर्ती 20 फीसदी मरीजो को अवसाद के कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा तीन गुना ज्‍यादा होता है. अवसाद के उपचार में योगासन बहुत सहायक सिद्ध हुआ है साथ ही यदि कोई व्यक्ति लगातार सकारात्मक सोच का अभ्यास करता है, तो वह आपने डिप्रेशन या अवसाद की स्थिति का एकमात्र इलाज खुद ही कर सकता है इसलिए हमेशा सकारात्मक सोच दिमाग में रखना चाहिए . योगासन शरीर के पांच मुख्यांगों, स्नायु तंत्र, रक्ताभिगमन तंत्र, श्वासोच्छवास तंत्र की क्रियाओं का व्यवस्थित रूप से संचालन करते हैं जिससे शरीर पूर्णत: स्वस्थ बना रहता है और कोई रोग नहीं होने पाता. व्यायाम पद्धतियां केवल वाह्य शरीर को ही प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं, जब कि योगासन मानव का चहुँमुखी विकास करते हैं.

मनोचिकित्सकों के अनुसार अवसाद होने के कई कारण हो सकते हैं . यह मूलत: किसी व्यक्ति की सोच की बनावट या उसके मूल व्यक्तित्व पर निर्भर करता है. अवसाद में उस व्यक्ति-विशेष के लिए सुख, शांति, सफलता, खुशी यहाँ तक की संबंध तक बेमानी हो जाते हैं और कभी-कभी जैवरासायनिक …

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जानिए क्या होते हैं बार-बार प्यास लगने के कारण

गर्मियों के मौसम में तेज धूप के कारण लोगों को ज्यादा प्यास लगती है. इस मौसम में अधिक प्यास लगना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. पर अगर आपको जरूरत से ज्यादा प्यास लगती है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है. आज हम आपको बार-बार प्यास लगने के कुछ कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं. 1- जिन लोगों के मुंह में सलाइवा कम मात्रा में बनता है, उन्हें बार बार प्यास लगती है. अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो सतर्क हो जाएँ, और फ़ौरन अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें. 2- अगर कोई व्यक्ति एनीमिया का पेशेंट है, तो उसके शरीर में खून की कमी हो जाती है. खून में रेड सेल्स की कमी होने के कारण उस व्यक्ति को बार-बार प्यास लगती है. इस समस्या को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. 3- जिन लोगों को शुगर की समस्या होती है, उन्हें बार-बार यूरिन जाना पड़ता है. जिसके कारण उनके शरीर में पानी की कमी होने लगती है. इसी वजह से उन्हें बार-बार प्यास लगती है. 4- लो ब्लड प्रेशर की समस्या है में भी आपको बार बार प्यास लग सकती है.

गर्मियों के मौसम में तेज धूप के कारण लोगों को ज्यादा प्यास लगती है. इस मौसम में अधिक प्यास लगना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. पर अगर आपको जरूरत से ज्यादा प्यास लगती है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है. आज हम आपको बार-बार प्यास लगने …

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