कारोबार

फाइनेंशियल प्लानर में नजर आएं ये 5 बातें तो, उसे तुरंत कह दें ‘बाय-बाय’

जीवन में फाइनेंशियल रिस्क लेने से बचने के लिए आपके पास एक वित्तीय सलाहकार का होना जरूरी होता है। हालांकि लोगों के बीच यह गलत धारणा होती है कि वित्तीय सलाहकार केवल मोटी सैलरी वाले लोग ही रख सकते हैं, जबकि ऐसा हरगिज नहीं हैं। हालांकि इसको रखने के दौरान आपको थोड़ी सावधानी भी बरतनी चाहिए। कई बार वित्तीय सलाहकार रखने में सावधानी नहीं बरतने पर यह आपके लिए घातक हो सकता है। क्योंकि कुछ वित्तीय सलाहकार निवेश के बजाए अपना प्रोडक्ट बेचने में ज्यादा इंटरेस्ट दिखाते हैं। इसलिए कोई भी वित्तीय सलाहकार रखने से पहले उसके पृष्ठभूमि की जांच कर लें या उसके मौजूदा ग्राहक से राय लें की वह कैसा है। इसके बावजूद अगर उसमें ये पांच कमियां दिखती हैं तो उसे फौरन हटा दें। जब आपका सलाहकार विश्वसनीय न हो: क्या आपका लगता है कि आपका वित्तीय सलाहकार विश्वसनीय नहीं है और वह बस उत्पादों को बेचने के लिए आपके साथ जुड़ा हुआ है? अगर वह केवल निवेश उत्पादों को बेच रहा है और या फिर इससे कमीशन के जरिए आय अर्जित कर रहा है तो फिर वक्त आ गया है कि आप उसे हटा दें। अपनी निवेश रणनीति को बनाइए मजबूत, बड़े काम के हैं ये 4 टिप्स यह भी पढ़ें खुद के फायदे के लिए आपका नुकसान: एक्सपर्ट के मुताबिक, विभिन्न निवेशकों के बीच जोखिम सहनशीलता की प्राथमिकता अलग-अलग होती है। कई बार ऐसा होता है कि आपका वित्तीय सलाहकार किसी स्पेसिफिक प्रोडक्ट पर कमीशन कमाने के लिए आपको उसमें निवेश के लिए बोलेगा जिसकी जरूरत आपको नहीं है। अगर ऐसा होता है तो वक्त आ गया है कि आप अपना वित्तीय सलाहकार बदल लें। तिमाही आधार पर फाइनेंशियल एडवाइज से इंकार: फाइनेंशियल प्रोसेस के लिए नियमित वित्तीय परामर्श की आवश्यकता होती है। साल में कम से कम चार बार ऐसा होना चाहिए। लेकिन, ऐसे सलाहकार जो यह नहीं करते या करने में आनाकानी करते हैं उन्हें हटा देना चाहिए। कई वित्तीय सलाहकार ऐसे होते हैं जो केवल नए कस्टमर की फिराक में रहते हैं। ऐसे सलाहकार को हटा देना ही आपके लिए सही रहेगा। निवेश से जुड़ी इन 5 बड़ी बातों का रखेंगे ध्यान तो कर पाएंगे मोटी कमाई यह भी पढ़ें अलग-अलग राय: एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आपके और वित्तीय सलाहकार की राय में अंतर है और यदि वह खुद की कमाई को लेकर ज्यादा सोच रहा है तो वक्त आ गया है कि आप उसकी जगह किसी और के बारे में सोचें। आपको लेकर उदासीन: फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए आपके और आपके वित्तीय सलाहकार के बीच समय समय पर बातचीत जरूरी है। उसे आपके प्लानिंग के लिए उत्तरदायी होना चाहिए और सक्रियता दिखानी चाहिए। आपकी कोशिश रहे कि उससे व्यक्तिगत रूप से जुड़ें। अगर आपकी लाख कोशिश के बावजूद वह इन बातों पर नहीं सोचता तो उसे हटा दें।

जीवन में फाइनेंशियल रिस्क लेने से बचने के लिए आपके पास एक वित्तीय सलाहकार का होना जरूरी होता है। हालांकि लोगों के बीच यह गलत धारणा होती है कि वित्तीय सलाहकार केवल मोटी सैलरी वाले लोग ही रख सकते हैं, जबकि ऐसा हरगिज नहीं हैं। हालांकि इसको रखने के दौरान …

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Infosys के CFO रंगनाथ का इस्तीफा, कौन लेगा उनकी जगह?

Infosys के CFO रंगनाथ का इस्तीफा, कौन लेगा उनकी जगह?

एम. डी. रंगनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि वे 16 नवंबर तक अपने पद पर बने रहेंगे. आईटी दिग्गज ने शनिवार को यह जानकारी दी. इंफोसिस ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा, “कंपनी के निदेशक मंडल ने रंगनाथ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. …

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यदि आप केरल के लोगों की करना चाहते हैं मदद तो रेलवे देगा आपका साथ

यदि आप केरल के लोगों की करना चाहते हैं मदद तो रेलवे देगा आपका साथ

रेलवे ने बड़ा निर्णय लिया है. रेलवे ने केरल भेजे जाने वाली राहत सामग्री को देश के किसी भी हिस्से से  रेलगाड़ी के जरिए केरल भेजने पर कोई भी शुल्क न लेने का निणय लिया है. केरल के किसी भी स्टेशन के लिए समान बुक कराया जा सकता है. वहीं …

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7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों को करना होगा और इंतजार, जानें कब मिल सकता है फायदा?

7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों को करना होगा और इंतजार, जानें कब मिल सकता है फायदा?

केंद्रीय कर्मचारियों का इतंजार और बढ़ गया है. 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सातवें वेतन आयोग के तहत मिलने वाली सैलरी का ऐलान नहीं किया. मतलब यह कि सैलरी में इजाफा कब से और कितना होगा इसके लिए अभी इंतजार करना होगा. केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 15 अगस्त …

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अमेजन ने कर्मचारियों को दी राहत, कहा- रात में घर से काम और ईमेल का जवाब न दें

अमेजन ने कर्मचारियों को दी राहत, कहा- रात में घर से काम और ईमेल का जवाब न दें

ऑफिस का नाम जहन में आते ही अक्सर लोगों के मन में काम के दवाब का विचार आता है. ऑफिस से छूटने के बाद भी अपने वरिष्ठ को जवाब देना होता है, कई बार देर रात तक जगकर भी काम करना होता है. ऊपर से काम की वजह से नींद …

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क्रेडिट कार्ड पर ले रहे हैं लोन तो आपको मालूम होनी चाहिए ये 5 बातें

अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्सर लोग बैंक से लोन लेते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अधिकांश बैंक ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की एवज में भी लोन उपलब्ध करवाते हैं। लेकिन इसपर लगने वाला ब्याज थोड़ा अलग होता है। पहले समझिए क्या होता है क्रेडिट कार्ड के एवज में मिलने वाले लोन का मतलब। क्रेडिट कार्ड की एवज में मिलने वाला लोन पर्सनल लोन की तरह ही होता है। यह असुरक्षित लोन होता है। इसमें निश्चित अवधि के साथ ब्याज दर तय होती है। आपकी ओर से लिया जाने वाला लोन आपकी कार्ड की लिमिट से ज्यादा नहीं हो सकता है। हालांकि इस पर ब्याज दर क्रेडिट कार्ड ट्रांंजेक्शन पर लगने वाली मौजूदा दर से कम होती है। अगर आपके पास भी है क्रेडिट कार्ड की एवज में लोन है तो इन बातों का रखें ध्यान- देरी से भुगतान आगे लोन मिलने की संभावना को करता है प्रभावित: अधिकांश बैंक ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की एवज में टॉप अप लोन ऑफर करते हैं। इसके लिए आवेदक की क्रेडिट हिस्ट्री साफ होनी चाहिए मसलन, कोई भी डिफॉल्ट पेमेंट नहीं होनी चाहिए। इसलिए अगर भविष्य में आप लोन लेना चाहते हैं तो देरी से भुगतान करने से बचें। क्रेडिट कार्ड से हो सकता है बड़ा नुकसान, इस्तेमाल से पहले बैंक से जरूर पूछें ये सवाल यह भी पढ़ें अपनी पसंद की तारीख चुन सकते हैं: क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले लोन को चुकता करने में सहूलियत होती है। क्योंकि इस पर आप अपनी पसंद की तारीख चुन सकते हैं। कई बैंक जो क्रेडिट कार्ड के बदले लोन देते हैं वो बिल चुकाने के लिए आपको अधिकतम 24 महीने का समय देते हैं। कुछ ऐसे भी बैंक हैं जो 24 महीने से ज्यादा का वक्त देते हैं। क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर ब्याज दरें: अगर आपने अपने क्रेडिट कार्ड लिमिट का 75% लोन ले रखा है और बाकी बचे 25% पर लेनदेन कर रहे हैं और उसका भुगतान तय समय पर नहीं कर रहे हैं तो आप पर प्रति वर्ष लगभग 35% की दर से ब्याज चार्ज किया जाएगा। क्रेडिट कार्ड बनवाने की एप्लीकेशन हो गई अचानक रद्द, ये हो सकते हैं कारण यह भी पढ़ें प्री क्लोज्ड की सुविधा: आपको लोन के संबंध में किसी भी समय प्री-क्लोजिंग की सुविधा मिलती है। इसके लिए आपको बैंक को बताने के जरुरत नहीं है और आप किसी समय ऐसा कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए आपसे प्री-क्लोजर शुल्क लिया जाएगा। प्रोसेसिंग चार्ज: क्रेडिट कार्ड के बदले लिए जाने वाले लोन पर प्रोसेसिंग चार्ज भी लगता है। ज्यादातर बैंक पर्सनल लोन पर 1% से 5% तक प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं।

अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्सर लोग बैंक से लोन लेते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अधिकांश बैंक ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की एवज में भी लोन उपलब्ध करवाते हैं। लेकिन इसपर लगने वाला ब्याज थोड़ा अलग होता है। पहले समझिए क्या होता है क्रेडिट …

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सबसे ज्यादा GDP मनमोहन सिंह के PM रहते वक्त हुआ, 10.08 प्रतिशत रहा

देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि आंकड़ा है. यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. आजादी के बाद देखा जाए तो सर्वाधिक 10.2 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर 1988-89 में रही. उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित ‘कमेटी आफ रीयल सेक्टर स्टैटिक्स’ ने पिछली श्रृंखला (2004-05) के आधार पर जीडीपी आंकड़ा तैयार किया. यह रिपोर्ट सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी की गयी है. रिपोर्ट में पुरानी श्रृंखला (2004-05) और नई श्रंखला 2011-12 की कीमतों पर आधारित वृद्धि दर की तुलना की गयी है. पुरानी श्रृंखला 2004-05 के तहत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 2006-07 में 9.57 प्रतिशत रही. उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. नई श्रृंखला (2011-12) के तहत यह वृद्धि दर संशोधित होकर 10.08 प्रतिशत रहने की बात कही गयी है. वर्ष 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की अगुवाई में शुरू आर्थिक उदारीकरण की शुरूआत के बाद यह देश की सर्वाधिक वृद्धि दर है. रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘जीडीपी श्रृंखला पर आधारित आंकड़ा अंतत: आ गया है. यह साबित करता है कि यूपीए शासन के दौरान (औसतन 8.1 प्रतिशत) की वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर (7.3 प्रतिशत) से अधिक रही.’’ View image on Twitter View image on Twitter Congress ✔ @INCIndia The GDP backseries data is finally out. It proves that like-for-like, the economy under BOTH UPA terms (10 year avg: 8.1%) outperformed the Modi Govt (Avg 7.3%) . The UPA also delivered the ONLY instance of double digit annual growth in modern Indian history. 6:41 PM - Aug 17, 2018 1,701 1,166 people are talking about this Twitter Ads info and privacy पार्टी ने कहा, ‘‘यूपीए सरकार के शासन में ही वृद्धि दर दहाई अंक में रही जो आधुनिक भारत के इतिहास में एकमात्र उदाहरण है.’’ रिपोर्ट के अनुसार बाद के वर्षों के लिये भी जीडीपी आंकड़ा संशोधित कर ऊपर गया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने इन आंकड़ों के संग्रह, मिलान और प्रसार के लिये प्रणाली और प्रक्रियाओं को मजबूत करने हेतु उपयुक्त उपायों का सुझाव देने के लिये समिति का गठन किया था.देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि आंकड़ा है. यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. आजादी के बाद देखा जाए तो सर्वाधिक 10.2 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर 1988-89 में रही. उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित ‘कमेटी आफ रीयल सेक्टर स्टैटिक्स’ ने पिछली श्रृंखला (2004-05) के आधार पर जीडीपी आंकड़ा तैयार किया. यह रिपोर्ट सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी की गयी है. रिपोर्ट में पुरानी श्रृंखला (2004-05) और नई श्रंखला 2011-12 की कीमतों पर आधारित वृद्धि दर की तुलना की गयी है. पुरानी श्रृंखला 2004-05 के तहत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 2006-07 में 9.57 प्रतिशत रही. उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. नई श्रृंखला (2011-12) के तहत यह वृद्धि दर संशोधित होकर 10.08 प्रतिशत रहने की बात कही गयी है. वर्ष 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की अगुवाई में शुरू आर्थिक उदारीकरण की शुरूआत के बाद यह देश की सर्वाधिक वृद्धि दर है. रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘जीडीपी श्रृंखला पर आधारित आंकड़ा अंतत: आ गया है. यह साबित करता है कि यूपीए शासन के दौरान (औसतन 8.1 प्रतिशत) की वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर (7.3 प्रतिशत) से अधिक रही.’’ View image on Twitter View image on Twitter Congress ✔ @INCIndia The GDP backseries data is finally out. It proves that like-for-like, the economy under BOTH UPA terms (10 year avg: 8.1%) outperformed the Modi Govt (Avg 7.3%) . The UPA also delivered the ONLY instance of double digit annual growth in modern Indian history. 6:41 PM - Aug 17, 2018 1,701 1,166 people are talking about this Twitter Ads info and privacy पार्टी ने कहा, ‘‘यूपीए सरकार के शासन में ही वृद्धि दर दहाई अंक में रही जो आधुनिक भारत के इतिहास में एकमात्र उदाहरण है.’’ रिपोर्ट के अनुसार बाद के वर्षों के लिये भी जीडीपी आंकड़ा संशोधित कर ऊपर गया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने इन आंकड़ों के संग्रह, मिलान और प्रसार के लिये प्रणाली और प्रक्रियाओं को मजबूत करने हेतु उपयुक्त उपायों का सुझाव देने के लिये समिति का गठन किया था.

देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि आंकड़ा है. यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. आजादी के बाद देखा जाए तो सर्वाधिक 10.2 …

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88% ग्रामीण परिवारों के पास बचत खाते, औसत सालाना आय 1.07 लाख: नाबार्ड सर्वे

88% ग्रामीण परिवारों के पास बचत खाते, औसत सालाना आय 1.07 लाख: नाबार्ड सर्वे

देश के दूर-दराज के क्षेत्रों और ग्रामीण भागों को बैंक‍िंग से जोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों का लाभ मिलता नजर आ रहा है. कृष‍ि बैंक राष्ट्रीय कृष‍ि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने एक सर्वेक्षण किया है. इसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों के 88.1 फीसदी परिवारों के पास बैंक …

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क्‍या Air India की उड़ानों पर लगेगा ब्रेक? यात्रियों को झेलनी पड़ सकती है बड़ी मुसीबत

क्‍या Air India की उड़ानों पर लगेगा ब्रेक? यात्रियों को झेलनी पड़ सकती है बड़ी मुसीबत

हवाई यात्रियों के लिए बुरी खबर है. कैश की किल्‍लत झेल रही सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया को उसके पायलटों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका फ्लाइंग अलाउंस का तत्‍काल भुगतान नहीं किया गया तो वह हड़ताल कर देंगे. अगर ऐसा होता है तो इससे एयरलाइन को उड़ानें निरस्‍त करनी …

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दो दिन परेशान करेंगी Railway की ये बड़ी सुविधाएं, टिकट बुकिंग में भी होगी दिक्कत

दो दिन परेशान करेंगी Railway की ये बड़ी सुविधाएं, टिकट बुकिंग में भी होगी दिक्कत

दिल्ली में पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम के अपग्रेडेशन के काम के चलते यात्री 18 व 19 अगस्त को कुछ समय के लिए टिकट की ऑनलाइन बुकिंग व कैंसिलेशन नहीं कर पाएंगे. वहीं इस दौरान रेलवे की पूछताछ सेवा 139 भी प्रभावित रहेगी. ऐसे में 139 पर फोन कर गाड़ियों की स्थिति व पीएनआर …

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