कारोबार

स्टील कारोबार में दस लाख करोड़ का निवेश संभव

भारत देश में स्टील धातु की बढ़ती मांग कि पूर्ति करने के लिए करीब 10 लाख करोड़ रुपए निवेश की जरूरत पड़ेगी. इस मामले में केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी विरेंद्र सिंह ने कहा है कि वर्ष 2030 तक देश में 30 करोड़ टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य बनाया गया है. …

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UK की कोर्ट का माल्या को झटका, भारतीय बैंकों का पैसा देने को कहा

ब्रिटेन में बैठे विजय माल्या को यूके कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. यूके की कोर्ट ने कानूनी खर्च के एवज में भारत के 13 बैंकों को 1 करोड़ 80 लाख रुपए चुकाने का आदेश दिया है. ये बैंक माल्या से अपने बकाया कर्ज की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. न्यायाधीश एंड्रयू हेनशॉ पिछले महीने माल्या की संपत्तियों को कुर्क करने के एक विश्वव्यापी आदेश को पलटने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय अदालत की इस व्यवस्था को सही ठहराया कि भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाला 13 भारतीय बैंकों का समूह माल्या से लगभग 1.145 अरब पौंड की वसूली का हकदार है. इस आदेश के तहत अदालत ने माल्या से कहा कि वह ब्रिटेन में विश्वव्यापी कुर्की आदेश तथा कर्नाटक के कर्ज वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के फैसले के पंजीकरण मद में लागत का भुगतान करे. मामले की जानकारी रखने वाले एक कानूनी विशेषज्ञ ने कहा कि अदालत ने माल्या को आदेश दिया कि बैंक की लागत का भुगतान किया जाए. मानक आदेश है कि अगर सम्बद्ध पक्ष भुगतान की जाने वाली राशि को लेकर सहमत नहीं हुए तो अदालत इसका आकलन करेंगे. अदालत द्वारा आकलन के लागत की एक अलग प्रक्रिया है, जो कि विशेष जज (लागत) के समक्ष अन्य अदालती सुनवाई के साथ समाप्त होगी. इसी बीच माल्या को कानूनी लागत जवाबदेही के मद में 2,00,000 पौंड का भुगतान करना ही होगा. इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, कारपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक आफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया व जेएम फिनांशल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी शामिल है. उल्लेखनीय है कि भारत से भागे माल्या पर भारतीय बैंकों को लगभग 9000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. वह खुद को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ एक अलग मामला लड़ रहे हैं. इस मामले में लंदन की एक अदालत में अंतिम सुनवाई अगले महीने होगी.

ब्रिटेन में बैठे विजय माल्या को यूके कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. यूके की कोर्ट ने कानूनी खर्च के एवज में भारत के 13 बैंकों को 1 करोड़ 80 लाख रुपए चुकाने का आदेश दिया है. ये बैंक माल्या से अपने बकाया कर्ज की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई …

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सूरत: 24 करोड़ की इस अंगूठी में जड़े हैं 6690 हीरे, गिनीज बुक में शामिल

हीरा नगरी सूरत का नाम एक बार फिर से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ है. इस बार रिकॉर्ड की वजह शहर के एक हीरा कारोबारी द्वारा 6690 हीरा जड़ित अंगूठी बनी है, जिसकी कीमत तक़रीबन 24 करोड़ रुपये है. सूरत के हीरा कारोबारी विशाल अग्रवाल की मानें तो मेक इन इंडिया को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के मुख्य मकसद से यह अंगूठी बनाई गई है. इसकी डिजाइन विशाल की पत्नी खुशबु अग्रवाल ने की है. इस लोटस अंगूठी को तैयार करने में 20 कारीगर लगे थे. हीरे में कमल के फूल का डिजाइन को बानाने के लिए सबसे पहले कम्प्यूटर मॉडल बनाया गया. इसके बाद रिंग का कॉन्सेप्टयुलाइजेशन किया गया. फिर फाइनल डिजाइन तैयार होने पर इसे तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई. पूरे एक साल बाद यह अंगूठी बन कर तैयार हुई. इसमें खास बात यह है कि ये 18 कैरेट रोज गोल्ड और 24 फीसदी अलॉय से बनाई गई है. यह 58.176 ग्राम वजन की यानी अंदाजन 6 तोला सोने की बनी है. इस अंगूठी को बनाने वाले व्यापारी विशाल अग्रवाल का कहना है कि जब वह विदेश जाते थे तो वहां वह आउट ऑफ द बॉक्स डिजाइन ज्वैलरी को देखते थे, तब ही ख्याल आया कि मेड इन इंडिया डिजाइन भी कुछ ऐसा होना चाहिए. जिसके बाद इस पर काम करना शुरू किया गया.

हीरा नगरी सूरत का नाम एक बार फिर से गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ है. इस बार रिकॉर्ड की वजह शहर के एक हीरा कारोबारी द्वारा 6690 हीरा जड़ित अंगूठी बनी है, जिसकी कीमत तक़रीबन 24 करोड़ रुपये है. सूरत के हीरा कारोबारी विशाल अग्रवाल की मानें तो …

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पेट्रोल 8 पैसे सस्ता हुआ, डीजल की कीमत में आज कोई बदलाव नहीं

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले दो दिनों में कोई बदलाव नहीं हुआ. हालांकि शुक्रवार को ईंधन की कीमतों से राहत तो मिली है, लेक‍िन वो भी ना के बराबर है. आज पेट्रोल 8 पैसे सस्ता हुआ है. लेक‍िन डीजल की कीमतों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. इंडियन ऑयल कंपनी के मुताबिक दिल्ली में शुक्रवार को एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 76.35 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. डीजल की कीमत मंगलवार के स्तर पर ही बनी हुई है. यहां डीजल 67.85 रुपए प्रति लीटर पर है. बता दें कि 29 मई से लेकर अब तक पेट्रोल 2.08 रुपये और डीजल 1.46 रुपये सस्ता हो चुका है. बता दें क‍ि कच्चे तेल की कीमतों में स्थ‍िरता आने की वजह से पिछले दो दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था. दोनों ही दिन इनकी कीमतें मंगलवार के स्तर पर बनी रहीं. कच्चे तेल को लेकर बढ़ी चिंता कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर बदलाव होना शुरू हो गया है. अमेरिका में सप्लाई पर असर पड़ने की वजह से एक बार फिर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होती नजर आ रही है. हालांकि बेहतर घरेलू प्रोडक्शन से कीमतों में ज्यादा उछाल नहीं आया है. ओपेक देशों की जल्द बैठक होने वाली है. उससे पहले कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में चिंता जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में फिर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले दो दिनों में कोई बदलाव नहीं हुआ. हालांकि शुक्रवार को ईंधन की कीमतों से राहत तो मिली है, लेक‍िन वो भी ना के बराबर है. आज पेट्रोल 8 पैसे सस्ता हुआ है. लेक‍िन डीजल की कीमतों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं …

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फिर 68 के पार रुपया, पेट्रोल-डीजल समेत ये चीजें हो सकती हैं महंगी

रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर 68 के स्तर पर पहुंच गया है. इसमें 40 पैसे की भारी गिरावट देखने को मिल रही है. फिलहाल एक डॉलर के मुकाबले रुपया 68.02 के स्तर पर बना हुआ है. डॉलर में तेजी आने के लिए अमेर‍िका में बढ़ाई गई ब्याज दरों को माना जा रहा है. बता दें कि बुधवार को अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. इसके चलते डॉलर में मजबूती दिख रही है. डॉलर इंडेक्स बढ़कर 95.10 के स्तर तक पहुंच गया है. यह प‍िछले 7 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है. डॉलर में आ रही मजबूती ही रुपये में कमजोरी की वजह बन रहा है. इसकी वजह से रुपये की वैल्यू पर दबाव है. रुपये में कमजोर से नुकसान रुपये के कमजोर होने से तेल कंपनियों के लिए कच्चा तेल आयात करना महंगा साबित होगा. इससे प्रति लीटर पेट्रोल तैयार करने के लिए उनकी लागत काफी ज्यादा बढ़ जाएगी. इससे देश में एकबार फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ना शुरू हो सकती हैं. पेट्रोल और डीजल के अलावा विदेशों से आयात होने वाले सामान जैसे कि मोबाइल फोन, टेलीविजन और इलेक्ट्रोनिक्स का अन्य सामान भी महंगा हो सकता है. क्योंकि इन सामान को आयात करने पर लागत बढ़ने से कंपनियां इनकी कीमतें बढ़ा सकती हैं. रुपये में गिरावट का फायदा सिर्फ इतना मिलेगा कि भारत से विदेश भेजे जाने वाले सामान के लिए अच्छे दाम मिलेंगे. बता दें क‍ि भारत से ज्यादातर इंजीनियरिंग गुड्स, जेम्स एंड ज्वैलरी और टेक्सटाइल समेत अन्य उत्पादों का निर्यात होता है.

रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर 68 के स्तर पर पहुंच गया है. इसमें 40 पैसे की भारी गिरावट देखने को मिल रही है. फिलहाल एक डॉलर के मुकाबले रुपया 68.02 के स्तर पर बना हुआ है. …

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ट्रंप ने छेड़ा ट्रेड वॉर, चीनी सामान पर 50 अरब डॉलर के टैरिफ लगाने को दी मंजूरी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ एक बार फिर ट्रेड वॉर की शुरुआत कर दी है. ट्रंप ने चीन से आने वाले सामान के आयात पर 50 अरब डॉलर का शुल्क लगाने को मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि अमेरिका के व्यापार मंत्री इस संबंध में आज औपचारिक घोषणा कर सकते हैं. ट्रंप के इस फैसले से एक बार फिर चीन और यूएस के बीच तनातनी बढ़ना तय है. एनबीसी न्यूज ने एक अध‍िकारी के हवाले से लिखा है कि ट्रंप ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसकी घोषणा होने के बाद आने वाले हफ्ते में इसे संघीय लेखा-जोखा में भी अध‍िसूचित किया जा सकता है. अमेरिका की तरफ से टैरिफ लगाए जाने के बाद ये तय माना जा रहा है कि चीन भी जवाबी कार्रवाई करेगा. वह भी अपने देश में अमेर‍िकी सामान पर टैरिफ बढ़ा सकता है. इससे एक बार फिर ट्रेड वॉर की स्थ‍िति पैदा हो जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने गुरुवार को अपने कैबिनेट मंत्र‍ियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने टैरिफ लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. ट्रंप के मुताबिक वह यह टैर‍िफ चीन की तरफ से गलत व्यापार नीतियों पर रोक लगाने के लिए लगाते हैं. हालांकि 50 अरब डॉलर का टैरिफ स्थ‍िति को बिगाड़ सकता है. हाल ही में ट्रंप उत्तर कोर‍िया के शासन क‍िम जोंग उन के साथ बैठक कर लौट आए हैं. हालांकि चीन के साथ ट्रेड वॉर शुरू होने से किम के साथ समझौते की राह भी मुश्क‍िल हो सकती है. बता दें यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने चीनी सामान पर टैरिफ लगाया हो. इससे पहले वह चीन से आने वाले एल्युमीनियम और स्टील पर टैक्स बढ़ा चुके हैं. उस समय भी चीन ने जवाब देने की बात कही थी. माना जा रहा है कि अगर यह 50 अरब डॉलर का टैर‍िफ शुल्क लगाने के फैसले को पूरी तरह लागू कर दिया जाता है, तो इससे दोनों देशों के बीच गंभीर ट्रेड वॉर छ‍िड़ सकता है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ एक बार फिर ट्रेड वॉर की शुरुआत कर दी है. ट्रंप ने चीन से आने वाले सामान के आयात पर 50 अरब डॉलर का शुल्क लगाने को मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि अमेरिका के व्यापार मंत्री इस …

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लगातार दूसरे दिन नहीं बदले पेट्रोल-डीजल के दाम, इस वजह से थमी राहत

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 14 दिन तक कटौती के बाद एक बार फिर विराम लग गया है. बुधवार को ईंधन की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ. गुरुवार को भी यही हाल रहा. आज भी कीमतें मंगलवार के स्तर पर बनी हुई हैं. गुरुवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 76.43 रुपये का मिल रहा है. कोलकाता में यह 79.10 रुपये पर बना हुआ है. मुंबई में 84.26 रुपये और चेन्नई में यह 79.33 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. डीजल भी मंगलवार के स्तर पर बना हुआ है. गुरुवार को दिल्ली में यह आपको 67.85 रुपये में मिल रहा है. वहीं, कोलकाता की बात करें तो, यहां आपको इसके लिए 70.40 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. मुंबई में 72.24 और चेन्नई में 71.62 रुपये प्रति लीटर है. कच्चे तेल की कीमतें स्थिर: पिछले कुछ दिनों से कच्चे तेल की कीमतों में कटौती पर ब्रेक लग गया है. इसकी कीमतें स्थिर हो गई हैं. यही वजह है कि घरेलू स्तर पर भी पेट्रोल और डीजल के दामों में हो रही कटौती पर ब्रेक लग गया है. सउदी और रूस की मीटिंग पर नजर: सउदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और रूस के राष्ट्रपत‍ि व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात होनी है. ऐसे में इन दोनों नेताओं की बैठक में लिए जाने वाले फैसले का असर कच्चे तेल पर दिखना तय माना जा रहा है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 14 दिन तक कटौती के बाद एक बार फिर विराम लग गया है. बुधवार को ईंधन की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ. गुरुवार को भी यही हाल रहा. आज भी कीमतें मंगलवार के स्तर पर बनी हुई हैं. गुरुवार को दिल्ली में एक लीटर …

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पिछले साल के मुकाबले दोगुनी हुई महंगाई दर, रिटेल के बाद थोक में भी इजाफा

पेट्रोल और डीजल व सब्जि‍यों के दाम बढ़ने से मई महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. सरकार की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक मई में थोक महंगाई दर (WPI) 4.43 फीसदी पर पहुंच गई है. इससे पहले अप्रैल में यह 3.18 फीसदी पर थी. पिछले साल मई महीने में यह 2.26 फीसदी पर थी. थोक महंगाई दर से पहले आए आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधार (CPI) महंगाई मई में 4.87 फीसदी पर पहुंच गई. अप्रैल महीने में यह 4.58 फीसदी रही थी. खुदरा महंगाई दर बढ़ने के लिए सब्ज‍ियों और दालों के दाम में बढ़ोतरी को वजह बताया गया है. मई महीने में खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई दर भी बढ़ी है. महीने दर महीने के आधार पर मई में खाद्य थोक महंगाई दर 0.67 फीसदी से बढ़कर 1.12 फीसदी पर पहुंच गई. वहीं, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई की बात करें, तो महीने दर महीने के आधार पर इसमें भी बढ़ोतरी हुई है. यह 3.11 फीसदी से बढ़कर 3.73 फीसदी पर पहुंच गई है. प्राइमरी आर्ट‍िकल्स की थोक महंगाई को देखें, तो पिछले महीने इसमें भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. यह 1.41 फीसदी से बढ़कर 3.16 फीसदी रही है. वहीं, बिजली और ईंधन की थोक महंगाई महीने दर महीने आधार पर 7.85 फीसदी से बढ़कर 11.22 फीसदी पर पहुंच गई है. अंडों, मांस और मछली की थोक महंगाई दर भी -0.2 फीसदी से बढ़कर 0.15 फीसदी पर पहुंच गई है. वहीं, दालों की बात करें तो महीने दर महीने के आधार पर मई में दालों की थोक महंगाई -22.46 फीसदी से बढ़कर -21.13 फीसदी पर पहुंच गई है. सब्जियों की बात करें, तो महीने दर महीने के आधार पर सब्जियों की थोक महंगाई दर -0.89 फीसदी से बढ़कर 2.51 फीसदी पर पहुंच गई है. वहीं, आलू की थोक महंगाई 67.94 फीसदी से बढ़कर 81.93 फीसदी पर पहुंची है. इस दौरान महीने दर महीने आधार पर मई में प्याज की थोक महंगाई दर 13.62 फीसदी से घटकर 13.20 फीसदी पर आ गई है.

पेट्रोल और डीजल व सब्जि‍यों के दाम बढ़ने से मई महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. सरकार की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक मई में थोक महंगाई दर (WPI) 4.43 फीसदी पर पहुंच गई है. इससे पहले अप्रैल में …

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सस्ता तेल हासिल करने के लिए भारत-चीन मिलाएंगे हाथ, शुरू हुई चर्चा

भारत ने तेल की कीमतों पर मोलभाव के लिए ‘तेल खरीदारों का क्लब’बनाने की संभावना के बारे में चीन के साथ चर्चा की है. इसके पीछे सोच यह है कि बाजार में उत्पादकों के दबदबे के मुकाबले आयातकों का भी एक मजबूत समूह हो, जो उनसे बेहतर मोल-भाव करने की स्थति में हो तथा अधिक मात्रा में अमेरिकी कच्चे तेल की आपूर्ति हासिल की जा सके. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच (आईईएफ) की बैठक में इसका विचार रखा था. इसी के तहत इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्प (सीएनपीसी) के चेयरमैन वांग यिलिन से चर्चा के लिए इस महीने बीजिंग का दौरा किया. अमेरिकी क्रूड के ज्यादा आयात पर बल बैठक के दौरान एशिया में अधिक अमेरिकी क्रूड की आपूर्ति के लिए संरचना पर चर्चा हुई ताकि करीब 60 प्रतिशत कच्चा तेल की आपूर्ति करने वाले ओपेक देशों का दबदबा कम किया जा सके. सूत्र ने कहा कि आईईएफ की बैठक में तेल उत्पाद देशों के गुट के खिलाफ बेहतर मोल-भाव करने की स्थिति में पहुंचने के लिए भारत-चीन हाथ मिलाने पर सहमत हुए थे. सिंह की यह यात्रा इसी तालमेल को ठोस प्रस्तावों के साथ आगे बढ़ाने के लिए थी. उन्होंने कहा कि तेल के संयुक्त आयात तथा एशियाई प्रीमियम को कम करने के लिए साझे मोलभाव की संभावनाओं पर चर्चा की गई. जापान और दक्षिण कोरिया को भी इसी तरह की पेशकश की जाएगी. चीनी कंपनियों से कच्चा तेल लेने में दिलचस्पी सीएनपीसी और उसकी सहयोगी कंपनियां तीसरे देशों में अपने तेल क्षेत्र से उत्पादित कच्चा तेल विदेशी बाजारों में बेचती है. भारत ने चीनी कंपनियों से सीधे कच्चा तेल खरीदने में भी दिलचस्पी जाहिर की. गौरतलब है कि दोनों देश मिलकर दुनिया के तेल खपत में करीब 17 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं. इसके पहले साल 2005 में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर ने यह प्रस्ताव दिया था कि भारत-चीन को एक साझा मोर्चा बनाकर मोलभाव करना चाहिए ताकि वाजिब कीमत पर कच्चा तेल मिल सके. इसमें यह भी प्रस्ताव था कि साल 2006 में इसके लिए दोनों देशों के बीच एमओयू होगा, लेकिन द्विपक्षीय बातचीत की तमाम जटिलताओं की वजह से ऐसा संभव नहीं हो पाया. लेकिन अब जब वैश्विक मार्केट में तेल की आपूर्ति जरूरत से ज्यादा हो गई है और बिक्री का केंद्र एशिया हो गया है, ऐसे में इस तरह की संभावना पर बातचीत फिर से जोर पकड़ने लगी है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी को ऐसा लगता है कि अगले पांच साल दुनिया की वैश्विक तेल मांग का करीब 50 फीसदी हिस्सा भारत-चीन में जाएगा.

भारत ने तेल की कीमतों पर मोलभाव के लिए ‘तेल खरीदारों का क्लब’बनाने की संभावना के बारे में चीन के साथ चर्चा की है. इसके पीछे सोच यह है कि बाजार में उत्पादकों के दबदबे के मुकाबले आयातकों का भी एक मजबूत समूह हो, जो उनसे बेहतर मोल-भाव करने की …

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सेंसेक्स में 109 अंकों की तेजी

वैश्विक बाजारों से मिले संकेतों से आज भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत हल्की बढ़त के साथ हुई. सेंसेक्स 142.92 अंक यानी 0.40 फीसदी बढ़कर 35,835.44 पर और निफ्टी 44.65 अंक अर्थात 0.41 फीसदी चढ़कर 10,887.50 पर खुला. निफ्टी पर सभी 11 इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं, वहीं …

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