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गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद होता है ककड़ी का सेवन

ककड़ी गर्मियों में मिलने वाला स्वादिष्ट फल होता है ज्यादातर लोग इसे सलाद के रूप में खाना पसंद करते हैं. इसमें भरपूर मात्रा में पानी मौजूद होता है, जिसके कारण इसके सेवन से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है. ककड़ी में भरपूर मात्रा में फास्फोरस, पोटेशियम मौजूद होते हैं. नियमित रूप से ककड़ी का सेवन करने से किडनी से जुड़ी सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. आज हम आपको ककड़ी खाने के कुछ फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं. 1- स्वस्थ शरीर के लिए पेट का स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक होता है. पेट में गड़बड़ी होने से शरीर को बहुत सारी बीमारियां हो सकती हैं. आज के समय में ज्यादातर लोग कब्ज़, एसिडिटी, सीने में जलन, गैस्ट्रिक संबंधी समस्याओं से परेशान रहते हैं. अगर आप इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो नियमित रूप से ककड़ी का सेवन करें. रोजाना ककड़ी खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है. 2- अगर आप अपने वजन को कम करना चाहते हैं तो ककड़ी का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. ककड़ी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो आपके वजन को कंट्रोल में रखने का काम करता है. 3- आज के समय में ज्यादातर लोग शुगर की समस्या का सामना कर रहे हैं. जब शरीर में इंसुलिन का निर्माण बंद हो जाता है, तो शुगर लेवल बढ़ने लगता है. शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए नियमित रूप से ककड़ी का सेवन करें. ककड़ी में इंसुलिन के लेवल को कंट्रोल रखने की क्षमता होती है. 4- गर्मियों के मौसम में बहुत बार दिमाग में गर्मी हो जाती है. जिसके कारण चिड़चिड़ापन, उदासी जैसी समस्याएं होने लगती हैं. मस्तिष्क की गर्मी को दूर करने के लिए रोजाना ककड़ी के बीज का ठंडाई के रूप में सेवन करें.

ककड़ी गर्मियों में मिलने वाला स्वादिष्ट फल होता है ज्यादातर लोग इसे सलाद के रूप में खाना पसंद करते हैं. इसमें भरपूर मात्रा में पानी मौजूद होता है, जिसके कारण इसके सेवन से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है. ककड़ी में भरपूर मात्रा में फास्फोरस, पोटेशियम मौजूद होते …

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सेहत के लिए फायदेमंद होता है मटके का पानी

गर्मियों के मौसम में ठंडा ठंडा पानी पीना बहुत अच्छा लगता है. आज के समय में सभी लोग फ्रिज का ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं. पर क्या आप जानते हैं फ्रिज की जगह मटके का पानी हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. मिट्टी में कुछ ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने का काम करते हैं. और आप को स्वस्थ रखते हैं. मटके में रखा पानी नेचुरल तरीके से ठंडा होता है. जिसके कारण इसे पीने से कोई बीमार नहीं होता है. आज हम आपको मटके के पानी के कुछ फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं. 1- मिट्टी में भरपूर मात्रा में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पानी की अशुद्धियों को शुद्ध करने का काम करते हैं. मिटटी पानी में मौजूद विषाक्त पदार्थों को सोख लेती है और पानी में जरूरी पोषक तत्वों को मिलाने में सहायता करती हैं. इसे पीने से शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है. 2- अगर आप मटके के पानी का सेवन करते हैं तो आपके शरीर में टेस्टोरोन का लेवल भी बढ़ जाता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है. 3- मटके के पानी में भरपूर मात्रा में क्षारीय गुण मौजूद होते हैं जो आपके शरीर के पी एच लेवल को संतुलित रखते हैं. इसे पीने से एसिडिटी और पेट दर्द से आराम मिलता है. 4- फ्रिज का पानी पीने से गले की कोशिकाओं का टेंपरेचर अचानक कम हो जाता है, जिसके कारण आपको टॉन्सिल या ग्रंथियों में सूजन आदि जैसी समस्याएं होने लगती हैं. मटके का पानी पीने से गले को किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता है. 5- प्रेगनेंसी में ज्यादा ठंडा पानी पीना सेहत के लिए हानिकारक होता है. प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए मटके का पानी बहुत फायदेमंद होता है.

गर्मियों के मौसम में ठंडा ठंडा पानी पीना बहुत अच्छा लगता है. आज के समय में सभी लोग फ्रिज का ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं. पर क्या आप जानते हैं फ्रिज की जगह मटके का पानी हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. मिट्टी में कुछ ऐसे गुण …

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स्वीडन में स्वागत के बाद पीएम मोदी लंदन रवाना

स्टॉकहोम: कॉमनवेल्थ समिट में दुनिया के करोड़ो लोगों को सम्बोधित करने के लिए विदेश यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल अपने पहले पड़ाव स्वीडन पहुंचे थे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया, वहां उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों की स्वीडन के समाज को बनाने में भूमिका की तारीफ भी की, इस दौरान उनके साथ स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफ़ेन भी मौजूद थे, लोफ़ेन ने भी भारतीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व की तारीफ की, इसके बाद मंगलवार देर रात पीएम मोदी लंदन के लिए रवाना हो गए. इससे पहले स्टॉकहोम में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने अपनी सरकार की जमकर उपलब्धियां गिनाईं, उन्होंने मुद्राधन योजना से लेकर आयुष्यमान भारत तक की कई योजनाओं के बारे में बताया. इससे पहले लवेन ने नमस्कार के साथ अपना भाषण शुरू किया. उन्होंने कहा कि वह संक्षेप में अपनी बात रखेंगे, क्योंकि लोग यहां पीएम मोदी को सुनने आए हैं. वहीं पीएम मोदी ने कहा कि "स्वीडन में मेरे और मेरे डेलीगेशन के स्वागत-सत्कार के लिए यहां की जनता और सरकार का, विशेष रूप से स्वीडन के राजा और स्वीडन के प्रधानमंत्री श्रीमान लवेन का, मैं हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं." मोदी ने कहा कि लवेन उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए और बाद में होटल तक छोड़ने भी गए. पीएम ने कहा कि भाषा अलग हो सकती है, स्थितियां-परिस्थितियां अलग हो सकती हैं, लेकिन एक बात है जो हम सभी को एक सूत्र में पिरोती है, और वो बात है भारतीय होने का गर्व. अफ्रीका हो या पैसिफिक के छोटे देश, या फिर आसियान या यूरोप या एशिया, सभी आज भारत को एक विश्वसनीय साथी, एक भरोसेमंद मित्र के रूप में देख रहे हैं.

 कॉमनवेल्थ समिट में दुनिया के करोड़ो लोगों को सम्बोधित करने के लिए विदेश यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल अपने पहले पड़ाव स्वीडन पहुंचे थे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया, वहां उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों की स्वीडन के समाज को बनाने में भूमिका की तारीफ भी की, …

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क्यों मनाया जाता है विश्व धरोहर दिवस

दुनियाभर में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस (वर्ल्ड हेरिटेज डे) मनाया जाता है. इस दिन को दुनियाभर की पुरानी स्मारकों और ऐतिहासिक दृष्टी से महत्वपूर्ण स्थलों के लिए ख़ास माना जाता है. विश्व धरोहर क्या है..? दरअसल में विश्व धरोहर या विरासत सांस्कृतिक महत्व और प्राकृतिक महत्व के वह स्थल होते है जो बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं. कई ऐसे स्थल जो ऐतिहासिक और पर्यावरण के रूप में महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इन स्थलों का अंतर्राष्ट्रीय महत्व भी होता हैं और साथ ही इन्हे बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जाते हैं. ये धरोहर हमारी संस्कृति को दर्शाती हैं और हमारे इतिहास के बारे में जानकारी देती हैं. हमारे इतिहास या हमारी विरासत को बचाने के लिए कदम उठाने जरुरी हैं. दुनियाभर में कुल 1052 विश्व धरोहर स्थल हैं जो बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. इनमे से 814 सांस्कृति, 203 प्राकृतिक और 35 मिश्रित स्थल हैं. अब बात करे भारत की तो भारत में कुल 27 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित धरोहर हैं कुल मिलाकर भारत में 35 विश्व धरोहर स्थल हैं जिनकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी हैं. विश्व धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त स्थलों के महत्व को समझने के लिए, उनकी सुरक्षा के लिए, उनके संरक्षण के लिए, उसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस विश्व धरोहर दिवस (वर्ल्ड हेरिटेज डे) को मनाया जाता हैं.

दुनियाभर में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस (वर्ल्ड हेरिटेज डे) मनाया जाता है. इस दिन को दुनियाभर की पुरानी स्मारकों और ऐतिहासिक दृष्टी से महत्वपूर्ण स्थलों के लिए ख़ास माना जाता है. विश्व धरोहर क्या है..? दरअसल में विश्व धरोहर या विरासत सांस्कृतिक महत्व और प्राकृतिक महत्व के वह …

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खालिस्तान मुद्दे पर पाक का बनावटी बयान

खालिस्तान

 भारत द्वारा खालिस्तान मुद्दे को लेकर पाकिस्तान पर लगाए गए आरोपों को पाक ने ख़ारिज कर दिया है, पाकिस्तान का कहना है कि इस तरह के आरोप लगाकर भारत ने सिख तीर्थयात्रियों की यात्रा को लेकर जानबूझकर विवाद पैदा किया है. बता दें कि सिख तीर्थयात्री बैसाखी और खालसा जन्मदिन …

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जापान प्रधानमंत्री शिंजो आबे को ट्रम्प के साथ की आस

जापान: अपने घर में ही राजनीतिक उठा-पटक का शिकार हो रहे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ से शुरू हो रही दो दिवसीय वार्ता के लिए मारा लागो रिसॉर्ट जा रहे हैं. आबे ने कहा कि वह वापस लौटकर अपनी सरकार की गड़बड़ियों को दूर करेंगे. उन्होंने कहा , ‘‘ सरकार का प्रमुख होने के नाते मैं प्रत्येक समस्या से निपटने और सच्चाई बाहर लाने के लिए प्रतिबद्ध हूं. ’’ कयास लगाए जा रहे है कि ट्रंप के साथ बैठक से आबे को उनके देश में कुछ समस्याओं से राहत मिल सकती है और उनकी लोकप्रियता में हो रही गिरावट भी रूक सकती है . दोनों नेताओं की इससे पहले दो बार पहले भी बैठक हो चुकी है. इस बार की बैठक पूर्ववर्ती दो बैठकों से अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है. आबे को व्यापार और उत्तर कोरिया को लेकर नीति विभाजनों से पार पाना होगा जो कि ट्रंप के कार्यकाल के दूसरे वर्ष में उभरा है. गौरतलब है कि जापान में हुए कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार आबे की लोकप्रियता 30 प्रतिशत से नीचे गिर गई है. आबे पर भाई भतीजावाद और उनके कई मंत्रियों पर सरकारी दस्तावेजों को सही तरीके से नहीं संभालने के आरोप लगे हैं. वहीं पिछले वर्ष नवम्बर में तोक्यो में ट्रंप के साथ बैठक के दौरान उनकी लोकप्रियता 50 प्रतिशत थी. उससे कुछ समय पहले ही उनकी पार्टी को चुनाव में जबर्दस्त विजय हासिल हुई थी.

 अपने घर में ही राजनीतिक उठा-पटक का शिकार हो रहे जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ से शुरू हो रही दो दिवसीय वार्ता के लिए मारा लागो रिसॉर्ट जा रहे हैं. आबे ने कहा  कि वह वापस लौटकर अपनी सरकार की गड़बड़ियों को दूर …

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भागवत को चार साल बाद राममंदिर याद आया- अंसारी

दिल्ली : चुनाव करीब आते ही आरएसएस को राम मंदिर की याद आने पर बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने मोहन भागवत को घेरा है . अयोध्या में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर दिए एक बयान में कहा कि यदि राममंदिर का निर्माण उसी जगह नहीं हुआ तो भारतीय संस्कृति की जड़ें कट जाएंगी. इसका जवाब देते हुए बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा कि अब राममंदिर की याद आ रही है, चार साल बीत गए तब राम मंदिर की याद नहीं आई? बकौल इकबाल अंसारी, ‘हम लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चले गए. हम लोग कोई प्रोग्राम नहीं करते हैं, हम केवल कोर्ट का सहारा ले रहे हैं. चार साल में सरकार ने कोई काम नहीं किया है, जनता को रोजगार चाहिए, लेकिन नेता बौखलाए हुए हैं और राम मंदिर की धमकी दे रहे हैं. हम धमकी से डरने वाले नहीं है, सरकार को कोर्ट का सहारा लेना चाहिए’. वहीं, भागवत के बयान पर रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि वहां पर अस्थायी मंदिर बना हुआ है, जिसकी विधि-विधान से पूजा होती है. सत्येन्द्र दास ने आगे कहा, ‘हमारी भारतीय संस्कृति का विनाश करने के लिए बहुत से विदेशी आए, लेकिन इसका विनाश नहीं हो पाया क्योंकि हमारी संस्कृति इतनी मजबूत है कि इसको जड़ से नहीं उखाड़ा जा सकता.सत्येंद्र ने कहा कि मंदिर बनना चाहिए, वह अस्थायी रूप में है, बस उसे भव्य रूप देना है, लेकिन यह सोच कि मंदिर नहीं बना तो भारतीय संस्कृति की जड़ें कट जाएंगी यह सही नहीं है. हमारी संस्कृति की जड़ें बहुत मजबूत है. समय आने पर भव्य राममंदिर का निर्माण हो जाएगा. गौतरतलब है कि राम मंदिर मुद्दे को लेकर विपक्ष भी आरएसएस और सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार किये हुए है.

चुनाव करीब आते ही आरएसएस को राम मंदिर की याद आने पर बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने मोहन भागवत को घेरा है . अयोध्या में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर दिए एक बयान में कहा कि यदि राममंदिर का निर्माण उसी जगह नहीं हुआ …

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राष्ट्रीय युवा कांग्रेस प्रधान के इस्तीफे का मामला गर्माया

चंडीगढ़ : गिदड़बाहा के विधायक और राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के प्रधान राजा वड़िंग के इस्तीफे के चर्चा से इन दिनों यहां का माहौल गर्माया हुआ है.कहा जा रहा है कि राजा वड़िंग से इस्तीफा ले लिया गया है, जबकि राजा वडिंग ने इसका खंडन कर इसे झूठा और बेबुनियाद बताया है. आपको बता दें कि एक हिंदी अखबार में उनके इस्तीफे को लेकर छपी खबर को राजा वड़िंग ने झूठा और बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि यह खबर पैसे लेकर उन की साख को बिगाड़ने के लिए छापी गई है.इस खबर में कहा गया है कि युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा वड़िंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी आने वाले दिन में छिन सकती है और उनकी जगह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं. राजा वड़िंग से दस दिन पहले ही इस्तीफा लेने का भी उल्लेख किया गया है .इस खबर में चार नामों का भी जिक्र किया गया है,इनमें सीवी चांद रेड्डी का नाम सबसे ऊपर बताया गया है.इसके अलावा अशोक चांदना, केशव चंद यादव,और श्रीनिवास बी वी बेंगलुरू के नाम शामिल है. उल्लेखनीय है कि राजा वड़िंग के बयान के समर्थन में ट्वीट करते हुए कृष्ण आलवरु संयुक्त सचिव, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने लिखा कि राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के प्रधान राजा वड़िंग अध्यक्ष हैं .उन्होंने भी इस्तीफे की खबरों को निराधार बताते हुए कहा कि वह हमारे लिए एक प्रेरणा है हमें उनपर गर्व है. इस घटना से कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी सामने आ गई है.

 गिदड़बाहा के विधायक और राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के प्रधान राजा वड़िंग के इस्तीफे के चर्चा से इन दिनों यहां का माहौल गर्माया हुआ है.कहा जा रहा है कि राजा वड़िंग से इस्तीफा ले लिया गया है, जबकि राजा वडिंग ने इसका खंडन कर इसे झूठा और बेबुनियाद बताया है. आपको …

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कांग्रेस के द्वारा मेहुल चोकसी के वकील को टिकट देने पर बवाल

कर्नाटक चुनाव का बिगुल फूंका जा चूका है और दोनों बड़े दल अपनी अपनी तरफ से पुरजोर कोशिश कर रहे है. मगर बीजेपी और कांग्रेस दोनों में ही आपसी कलह भी सीटों के बटवारें के साथ ही शुरू हो गया है. अब जब दोनों पार्टियों ने उम्मीदवारों की सूचियाँ जारी कर दी है तो इसी को मुद्दा बनाकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर भी छींटाकशी कर रही है. कांग्रेस ने पीएनबी स्कैम के आरोपी मेहुल चोकसी के वकील को भी टिकट दिया है. मेहुल चोकसी के वकील एच.एस चंद्रमौली को टिकट दिए जाने के चलते पार्टी के अंदर भारी विरोध हो रहा है वही बीजेपी इस मुद्दे को विकराल रूप देने में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता. इस पर मेहुल चौकसी के वकील एच.एस चंद्रमौली ने कहा, ''मैं 35 साल से वकील हूं और कोई भी मेरे पास केस ले कर आ सकता है. वकील के रूप में, मेरा कर्तव्य मेरे मुवक्किल की रक्षा करना है मैं सिर्फ चौकसी का वकील ही नहीं हूं मेरे कई क्लाइंट हैं. वही बीजेपी के नेता भी सीट नहीं दिए जाने से इतना दुखी हो गए है कि मिडिया के सामने फुट फुट कर रो रहे है और जग हंसाई के पात्र बन रहे है. बीजेपी के नेता का रोता हुआ वीडियों सोशल मिडिया पर वायरल हो रहा है.

कर्नाटक चुनाव का बिगुल फूंका जा चूका है और दोनों बड़े दल अपनी अपनी तरफ से पुरजोर कोशिश कर रहे है. मगर बीजेपी और कांग्रेस दोनों में ही आपसी कलह भी सीटों के बटवारें के साथ ही शुरू हो गया है. अब जब दोनों पार्टियों ने उम्मीदवारों की सूचियाँ जारी …

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वसीम रिजवी ने किया पाक के झंडे का विरोध

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. ​इसमें उन्होंने मांग की है कि इस्लाम के नाम पर देश में जिस झंडे का इस्तेमाल किया जाता है, वह पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग का झंडा है, उसे बैन किया जाए. उन्होंने दावा किया है कि इस्लाम में इस तरह के झंडे का कहीं जिक्र या इतिहास नहीं है. देश में ऐसा झंडा लगाना संविधान विरोधी है. रिट याचिका के संबंध में रिजवी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय जो हरे रंग के झंडे में चांद तारा के साथ जो झंडा इस्तेमाल करते हैं. उस पर हमने कहा है कि ये कोई इस्लामिक फ्लैग नहीं है. यही नहीं इस तरह के झंडे का इस्लाम में कहीं कोई जिक्र ही नहीं है. वसीम रिजवी ने आगे कहा कि 1906 में ​मुस्लिम लीग के गठन के साथ ये झंडा बनाया गया. ये झंडा मुस्लिम लीग की पहचान बना. इससे पहले इस झंडे की कोई इस्लामिक इतिहास नहीं रहा है. रिजवी ने कहा कि, ये राजनीतिक झंडा बनाया गया था. पाकिस्तान जब अलग हो गया तो जिन्ना आदि इसे लेकर पाकिस्तान चले गए. इसी से पाकिस्तान का झंडा बनाया गया. वहीं पाकिस्तान की मुस्लिम लीग में आज भी ये झंडा इस्तेमाल किया जाता है. इस झंडे को यहां के कट्टरपंथी मुसलमानों ने पाकिस्तान की मोहब्बत में इस झंडे को कायम रखा और इसे धार्मिक झंडा बना दिया. वसीम रिजवी कहते हैं कि ये धार्मिक नहीं राजनीतिक झंडा है. रिजवी इससे पहले भी राम, मंदिर के पक्ष में bayan दे कर AIMPLB सहित अन्य मुस्लिम संगठनों की नाराजगी झेल चूके है.

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. ​इसमें उन्होंने मांग की है कि इस्लाम के नाम पर देश में जिस झंडे का इस्तेमाल किया जाता है, वह पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग का झंडा है, उसे बैन किया जाए. …

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