कारोबार

यदि आप केरल के लोगों की करना चाहते हैं मदद तो रेलवे देगा आपका साथ

यदि आप केरल के लोगों की करना चाहते हैं मदद तो रेलवे देगा आपका साथ

रेलवे ने बड़ा निर्णय लिया है. रेलवे ने केरल भेजे जाने वाली राहत सामग्री को देश के किसी भी हिस्से से  रेलगाड़ी के जरिए केरल भेजने पर कोई भी शुल्क न लेने का निणय लिया है. केरल के किसी भी स्टेशन के लिए समान बुक कराया जा सकता है. वहीं …

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7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों को करना होगा और इंतजार, जानें कब मिल सकता है फायदा?

7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों को करना होगा और इंतजार, जानें कब मिल सकता है फायदा?

केंद्रीय कर्मचारियों का इतंजार और बढ़ गया है. 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सातवें वेतन आयोग के तहत मिलने वाली सैलरी का ऐलान नहीं किया. मतलब यह कि सैलरी में इजाफा कब से और कितना होगा इसके लिए अभी इंतजार करना होगा. केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 15 अगस्त …

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अमेजन ने कर्मचारियों को दी राहत, कहा- रात में घर से काम और ईमेल का जवाब न दें

अमेजन ने कर्मचारियों को दी राहत, कहा- रात में घर से काम और ईमेल का जवाब न दें

ऑफिस का नाम जहन में आते ही अक्सर लोगों के मन में काम के दवाब का विचार आता है. ऑफिस से छूटने के बाद भी अपने वरिष्ठ को जवाब देना होता है, कई बार देर रात तक जगकर भी काम करना होता है. ऊपर से काम की वजह से नींद …

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क्रेडिट कार्ड पर ले रहे हैं लोन तो आपको मालूम होनी चाहिए ये 5 बातें

अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्सर लोग बैंक से लोन लेते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अधिकांश बैंक ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की एवज में भी लोन उपलब्ध करवाते हैं। लेकिन इसपर लगने वाला ब्याज थोड़ा अलग होता है। पहले समझिए क्या होता है क्रेडिट कार्ड के एवज में मिलने वाले लोन का मतलब। क्रेडिट कार्ड की एवज में मिलने वाला लोन पर्सनल लोन की तरह ही होता है। यह असुरक्षित लोन होता है। इसमें निश्चित अवधि के साथ ब्याज दर तय होती है। आपकी ओर से लिया जाने वाला लोन आपकी कार्ड की लिमिट से ज्यादा नहीं हो सकता है। हालांकि इस पर ब्याज दर क्रेडिट कार्ड ट्रांंजेक्शन पर लगने वाली मौजूदा दर से कम होती है। अगर आपके पास भी है क्रेडिट कार्ड की एवज में लोन है तो इन बातों का रखें ध्यान- देरी से भुगतान आगे लोन मिलने की संभावना को करता है प्रभावित: अधिकांश बैंक ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की एवज में टॉप अप लोन ऑफर करते हैं। इसके लिए आवेदक की क्रेडिट हिस्ट्री साफ होनी चाहिए मसलन, कोई भी डिफॉल्ट पेमेंट नहीं होनी चाहिए। इसलिए अगर भविष्य में आप लोन लेना चाहते हैं तो देरी से भुगतान करने से बचें। क्रेडिट कार्ड से हो सकता है बड़ा नुकसान, इस्तेमाल से पहले बैंक से जरूर पूछें ये सवाल यह भी पढ़ें अपनी पसंद की तारीख चुन सकते हैं: क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले लोन को चुकता करने में सहूलियत होती है। क्योंकि इस पर आप अपनी पसंद की तारीख चुन सकते हैं। कई बैंक जो क्रेडिट कार्ड के बदले लोन देते हैं वो बिल चुकाने के लिए आपको अधिकतम 24 महीने का समय देते हैं। कुछ ऐसे भी बैंक हैं जो 24 महीने से ज्यादा का वक्त देते हैं। क्रेडिट कार्ड लेनदेन पर ब्याज दरें: अगर आपने अपने क्रेडिट कार्ड लिमिट का 75% लोन ले रखा है और बाकी बचे 25% पर लेनदेन कर रहे हैं और उसका भुगतान तय समय पर नहीं कर रहे हैं तो आप पर प्रति वर्ष लगभग 35% की दर से ब्याज चार्ज किया जाएगा। क्रेडिट कार्ड बनवाने की एप्लीकेशन हो गई अचानक रद्द, ये हो सकते हैं कारण यह भी पढ़ें प्री क्लोज्ड की सुविधा: आपको लोन के संबंध में किसी भी समय प्री-क्लोजिंग की सुविधा मिलती है। इसके लिए आपको बैंक को बताने के जरुरत नहीं है और आप किसी समय ऐसा कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए आपसे प्री-क्लोजर शुल्क लिया जाएगा। प्रोसेसिंग चार्ज: क्रेडिट कार्ड के बदले लिए जाने वाले लोन पर प्रोसेसिंग चार्ज भी लगता है। ज्यादातर बैंक पर्सनल लोन पर 1% से 5% तक प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं।

अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्सर लोग बैंक से लोन लेते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अधिकांश बैंक ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की एवज में भी लोन उपलब्ध करवाते हैं। लेकिन इसपर लगने वाला ब्याज थोड़ा अलग होता है। पहले समझिए क्या होता है क्रेडिट …

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सबसे ज्यादा GDP मनमोहन सिंह के PM रहते वक्त हुआ, 10.08 प्रतिशत रहा

देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि आंकड़ा है. यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. आजादी के बाद देखा जाए तो सर्वाधिक 10.2 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर 1988-89 में रही. उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित ‘कमेटी आफ रीयल सेक्टर स्टैटिक्स’ ने पिछली श्रृंखला (2004-05) के आधार पर जीडीपी आंकड़ा तैयार किया. यह रिपोर्ट सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी की गयी है. रिपोर्ट में पुरानी श्रृंखला (2004-05) और नई श्रंखला 2011-12 की कीमतों पर आधारित वृद्धि दर की तुलना की गयी है. पुरानी श्रृंखला 2004-05 के तहत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 2006-07 में 9.57 प्रतिशत रही. उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. नई श्रृंखला (2011-12) के तहत यह वृद्धि दर संशोधित होकर 10.08 प्रतिशत रहने की बात कही गयी है. वर्ष 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की अगुवाई में शुरू आर्थिक उदारीकरण की शुरूआत के बाद यह देश की सर्वाधिक वृद्धि दर है. रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘जीडीपी श्रृंखला पर आधारित आंकड़ा अंतत: आ गया है. यह साबित करता है कि यूपीए शासन के दौरान (औसतन 8.1 प्रतिशत) की वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर (7.3 प्रतिशत) से अधिक रही.’’ View image on Twitter View image on Twitter Congress ✔ @INCIndia The GDP backseries data is finally out. It proves that like-for-like, the economy under BOTH UPA terms (10 year avg: 8.1%) outperformed the Modi Govt (Avg 7.3%) . The UPA also delivered the ONLY instance of double digit annual growth in modern Indian history. 6:41 PM - Aug 17, 2018 1,701 1,166 people are talking about this Twitter Ads info and privacy पार्टी ने कहा, ‘‘यूपीए सरकार के शासन में ही वृद्धि दर दहाई अंक में रही जो आधुनिक भारत के इतिहास में एकमात्र उदाहरण है.’’ रिपोर्ट के अनुसार बाद के वर्षों के लिये भी जीडीपी आंकड़ा संशोधित कर ऊपर गया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने इन आंकड़ों के संग्रह, मिलान और प्रसार के लिये प्रणाली और प्रक्रियाओं को मजबूत करने हेतु उपयुक्त उपायों का सुझाव देने के लिये समिति का गठन किया था.देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि आंकड़ा है. यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. आजादी के बाद देखा जाए तो सर्वाधिक 10.2 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर 1988-89 में रही. उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित ‘कमेटी आफ रीयल सेक्टर स्टैटिक्स’ ने पिछली श्रृंखला (2004-05) के आधार पर जीडीपी आंकड़ा तैयार किया. यह रिपोर्ट सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी की गयी है. रिपोर्ट में पुरानी श्रृंखला (2004-05) और नई श्रंखला 2011-12 की कीमतों पर आधारित वृद्धि दर की तुलना की गयी है. पुरानी श्रृंखला 2004-05 के तहत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 2006-07 में 9.57 प्रतिशत रही. उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. नई श्रृंखला (2011-12) के तहत यह वृद्धि दर संशोधित होकर 10.08 प्रतिशत रहने की बात कही गयी है. वर्ष 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की अगुवाई में शुरू आर्थिक उदारीकरण की शुरूआत के बाद यह देश की सर्वाधिक वृद्धि दर है. रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘जीडीपी श्रृंखला पर आधारित आंकड़ा अंतत: आ गया है. यह साबित करता है कि यूपीए शासन के दौरान (औसतन 8.1 प्रतिशत) की वृद्धि दर मोदी सरकार के कार्यकाल की औसत वृद्धि दर (7.3 प्रतिशत) से अधिक रही.’’ View image on Twitter View image on Twitter Congress ✔ @INCIndia The GDP backseries data is finally out. It proves that like-for-like, the economy under BOTH UPA terms (10 year avg: 8.1%) outperformed the Modi Govt (Avg 7.3%) . The UPA also delivered the ONLY instance of double digit annual growth in modern Indian history. 6:41 PM - Aug 17, 2018 1,701 1,166 people are talking about this Twitter Ads info and privacy पार्टी ने कहा, ‘‘यूपीए सरकार के शासन में ही वृद्धि दर दहाई अंक में रही जो आधुनिक भारत के इतिहास में एकमात्र उदाहरण है.’’ रिपोर्ट के अनुसार बाद के वर्षों के लिये भी जीडीपी आंकड़ा संशोधित कर ऊपर गया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने इन आंकड़ों के संग्रह, मिलान और प्रसार के लिये प्रणाली और प्रक्रियाओं को मजबूत करने हेतु उपयुक्त उपायों का सुझाव देने के लिये समिति का गठन किया था.

देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि आंकड़ा है. यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है. आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है. आजादी के बाद देखा जाए तो सर्वाधिक 10.2 …

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88% ग्रामीण परिवारों के पास बचत खाते, औसत सालाना आय 1.07 लाख: नाबार्ड सर्वे

88% ग्रामीण परिवारों के पास बचत खाते, औसत सालाना आय 1.07 लाख: नाबार्ड सर्वे

देश के दूर-दराज के क्षेत्रों और ग्रामीण भागों को बैंक‍िंग से जोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों का लाभ मिलता नजर आ रहा है. कृष‍ि बैंक राष्ट्रीय कृष‍ि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने एक सर्वेक्षण किया है. इसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों के 88.1 फीसदी परिवारों के पास बैंक …

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क्‍या Air India की उड़ानों पर लगेगा ब्रेक? यात्रियों को झेलनी पड़ सकती है बड़ी मुसीबत

क्‍या Air India की उड़ानों पर लगेगा ब्रेक? यात्रियों को झेलनी पड़ सकती है बड़ी मुसीबत

हवाई यात्रियों के लिए बुरी खबर है. कैश की किल्‍लत झेल रही सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया को उसके पायलटों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका फ्लाइंग अलाउंस का तत्‍काल भुगतान नहीं किया गया तो वह हड़ताल कर देंगे. अगर ऐसा होता है तो इससे एयरलाइन को उड़ानें निरस्‍त करनी …

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दो दिन परेशान करेंगी Railway की ये बड़ी सुविधाएं, टिकट बुकिंग में भी होगी दिक्कत

दो दिन परेशान करेंगी Railway की ये बड़ी सुविधाएं, टिकट बुकिंग में भी होगी दिक्कत

दिल्ली में पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम के अपग्रेडेशन के काम के चलते यात्री 18 व 19 अगस्त को कुछ समय के लिए टिकट की ऑनलाइन बुकिंग व कैंसिलेशन नहीं कर पाएंगे. वहीं इस दौरान रेलवे की पूछताछ सेवा 139 भी प्रभावित रहेगी. ऐसे में 139 पर फोन कर गाड़ियों की स्थिति व पीएनआर …

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ICICI बैंक ने FD की ब्याज दरें बढ़ाईं, जानें कितना होगा फायदा

देश के बड़े निजी बैंकों में से एक आईसीआईसीआई बैंक ने फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. बैंक ने कुछ चुनिंदा टर्म डिपोजि‍ट्स पर ब्याज दरों में 0.15 फीसदी से 0.25 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की है. बढ़ी हुई ब्याज दरें 14 अगस्त से लागू हो चुकी है. बैंक ने इसके साथ ही कहा कि बैंक के जितने भी कर्मचारी हैं, उन्हें 1 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर 1 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलेगा. नये एफडी रेट जनरल के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी लागू होंगे. आईसीआईसीआई बैंक से पहले भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी और कैनरा बैंक भी एफडी रेट्स में बदलाव कर चुके हैं. बैंकों की तरफ से यह कदम आरबीआई के ब्याज दरें बढ़ाने के बाद उठाया गया है. बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अगस्त को मौद्रिक नीति की घोषणा की थी. इसमें रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी की गई थी. इस बढ़त के साथ ही रेपो रेट 6.50 फीसदी पर पहुंच गया था. भारतीय स्टेट बैंक ने आरबीआई के ब्याज दरों में बदलाव करने के दो दिन पहले ही एफडी रेट्स में बदलाव कर दिया था. एसबीआई ने 31 जुलाई को 1 करोड़ रुपये से कम की डोमेस्ट‍िक टर्म डिपोजिट्स के रेट्स बदले थे. इनमें 5 से 10 बेसिस प्वाइंट का बदलाव किया गया था.

देश के बड़े निजी बैंकों में से एक आईसीआईसीआई बैंक ने फिक्स डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. बैंक ने कुछ चुनिंदा टर्म डिपोजि‍ट्स पर ब्याज दरों में 0.15 फीसदी से 0.25 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की है. बढ़ी हुई ब्याज दरें 14 अगस्त से लागू हो चुकी है. …

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बदल गए सभी बैंकों के ATM से जुड़े नियम, आपके लिए जानना है जरूरी

सरकार ने सभी बैंकों के एटीएम से संबंधित नियमों को बदल दिया है. सरकार की तरफ से जारी आदेश में पुराने कई नियमों में बदलाव के लिए कहा गया है. ऐसे कैश वैन और उसमें तैनात स्टॉफ की सुरक्षा के लिए किया गया है. पिछले कुछ सालों में कैश वैन से नगदी लुटने और अलग-अलग प्रकार की वारदातों के सामने आने के बाद ये बदलाव किए गए हैं. रात 9 बजे के बाद नहीं भरा जाएगा कैश एटीएम से संबंधि नियमों को जारी करते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि शहरी इलाकों में रात 9 बजे के बाद एटीएम में कैश नहीं भरा जाएगा. सुरक्षा के मद्देनजर यह भी कहा गया कि एक कैश वैन में सिंगल ट्रिप में 5 करोड़ से अधिक नहीं रहेंगे. साथ ही कैश वैन पर तैनात कर्मियों को किसी भी प्रकार के हमले, अपराधियों के वाहनों का पीछा करने और अन्य खतरों से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. तय समयसीमा के अंदर भरा जाएगा कैश एटीएम और कैश वैन से जुड़े आदेश में कहा गया कि कैश ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े सभी कर्मचारियों की बैक ग्राउंड की जांच के लिए उनका आधार वेरिफिकेशन कराना जरूरी होगा. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से शाम 6 बजे के बाद किसी भी एटीएम में कैश नहीं भरा जाएगा. इसके अलावा एक ATM में लोड करने के लिए कैश को पिछले दिन या दिन की शुरुआत में बैंक से कलेक्ट किया जाएगा. इस बदलाव के पीछे कैश भरने का काम तय समयसीमा से पहले करने का मकसद है. सिक्योरिटी अलार्म और मोटराइज्ड सायरन लगेंगे सभी कैशवैन में सुरक्षा के मद्देनजर जीएसएम आधारित ऑटो-डायलर के साथ सिक्योरिटी अलार्म और मोटराइज्ड सायरन लगाए जाएंगे. कैश वैन में अब सीसीटीवी, लाइव जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और बंदूकों के साथ कम से कम दो सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. सुरक्षाकर्मियों की बंदूकों से दो साल में कम से कम एक बार टेस्ट फायरिंग की जाएगी. बंदूकों की बुलेट हर दो साल में बदली जाएगी. कैश ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. कर्मचारियों को ऐसा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा जिसमें किसी मुश्किल की स्थिति से कैशवैन को सुरक्षित कैसे निकाला जाए. नक्सली क्षेत्रों में शाम 4 बजे के बाद कैश नहीं डलेगा गाइडलाइन के अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शाम 4 बजे के बाद एटीएम में कैश नहीं डाला जाएगा. मौजूदा समय में करीब 8 हजार प्राइवेट वैन प्रतिदिन करीब 15 हजार करोड़ रुपये बैंक, करेंसी चेस्ट और एटीएम में डालती हैं. अभी कैशवैन में कैश और पैंसेजर कंपार्टमेंट के बीच मजबूत लॉक लगा हुआ होता है. कैश कंपार्टमेंट में स्टील का मजबूत दरवाजा होता है. इसका दरवाजा अंदर की तरफ मैन्युअली या इलेक्ट्रिकली खुलता है.

सरकार ने सभी बैंकों के एटीएम से संबंधित नियमों को बदल दिया है. सरकार की तरफ से जारी आदेश में पुराने कई नियमों में बदलाव के लिए कहा गया है. ऐसे कैश वैन और उसमें तैनात स्टॉफ की सुरक्षा के लिए किया गया है. पिछले कुछ सालों में कैश वैन से नगदी …

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