कारोबार

Bank Loan: अब महंगा हुआ सभी तरह का बैंक लोन, जानिए क्यों!

नई दिल्ली: अगर आप लोन लेने की सोचे रहे हैं तो अब इसका असर आपकी जेब पर भी ज्यादा पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.25 किया गया है। बढ़ती महंगाई की वजह से …

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RBI के फैसले का दिखा बाजार पर असर, सेंसेक्स 85 अंक गिरकर 37521 पर बंद

RBI की लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में इजाफा किया गया है। इसके बाद सेंसेक्स करीब 150 अंक तक गिर गया था। लेकिन बाजार बंद होते समय रिकवरी के चलते सेंसेक्स 85 अंक गिरकर 37521 के स्तर पर और निफ्टी 10 अंक की गिरावट के साथ 11346 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। सबसे ज्यादा गिरावट मारुति और वेदांता लिमिटेड के शेयर्स में है। मारुति 1.75 फीसद की गिरावट के साथ 9340 के स्तर पर और वेदांता लिमिटेड 1.84 फीसद की कमजोरी के साथ 218.15 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप 0.15 फीसद और स्मॉलकैप 0.03 फीसद की बढ़त के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। ऑटो शेयर्स में बिकवाली सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो बैंक (0.60 फीसद), ऑटो (0.76 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.62 फीसद), मेटल (0.45 फीसद) और प्राइवेट बैंक (0.67 फीसद) की गिरावट के साथ बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा बिकवाली ऑटो शेयर्स में हुई है। वहीं एफएमसीजी, आईटी, फार्मा, पीएसयू बैंक और रियल्टी शेयर्स बढ़त के साथ बंद हुए हैं। हिंडाल्को टॉप लूजर निफ्टी में शुमार दिग्गज शेयर्स की बात करें तो 26 हरे निशान और 24 गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी कोल इंडिया, ल्यूपिन, आइओसी, इंफ्राटेल और डॉ रेड्डी के शेयर्स में हुई है। वहीं, हिंडाल्को, आइसीआइसीआइ बैंक, मारुति, वेदांता लिमिटेड और टाटा स्टील के शेयर्स में गिरावट हुई है। RBI ने रेपो रेट को 6.25 से बढ़ाकर 6.50 फीसद किया चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में बढ़ती महंगाई का असर साफ तौर पर देखा गया। आरबीआई ने लगातार दूसरी बार नीतिगत दरों में इजाफा किया है। केंद्रीय बैंक ने अब रेपो रेट को 6.25 फीसद से बढ़ाकर 6.50 फीसद और रिवर्स रेपो को 6 फीसद से बढ़ाकर 6.25 फीसद कर दिया है। आरबीआई की अगली बैठक 3 से 5 अक्टूबर को होगी। इस बैठक में नीतिगत दरों बढ़ाने का फैसला 5:1 के आधार पर लिया गया है। सिर्फ रवींद्र एच ढोलकिया ने नीतिगत दरों में इजाफे के खिलाफ मतदान किया। जानकारी के लिए आपको बता दें कि रेपो रेट के बढ़ने का मतलब बैंक से मिलने वाले लोन का महंगा होना माना जाता है।

RBI की लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में इजाफा किया गया है। इसके बाद सेंसेक्स करीब 150 अंक तक गिर गया था। लेकिन बाजार बंद होते समय रिकवरी के चलते सेंसेक्स 85 अंक गिरकर 37521 के स्तर पर और निफ्टी 10 अंक की गिरावट के साथ 11346 के स्तर पर …

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जुलाई महीने में बढ़ा GST कलेक्शन, टैक्स के रूप में मिले 96483 करोड़ रुपये

जुलाई महीने में जीएसटी संग्रह 96,483 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा है। जून में यह 95610 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा था। जुलाई के आंकड़े से यह माना जा रहा है कि जल्द एक लाख करोड़ का लक्ष्य हासिल किया जाने वाला है। आम बजट 2018-19 के मुताबिक मासिक औसतन 1.15 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए था। उस समय भी विशेषज्ञों का माना था कि यह लक्ष्य हासिल करना मुश्किल रह सकता है। वहीं मई में जीएसटी संग्रह 94016 करोड़ रुपये रहा था। आधिकारिक रिलीज में बताया गया है कि जुलाई में एकत्रित हुए 96483 करोड़ रुपये में से 15877 करोड़ रुपये सीजीएसटी, 22293 करोड़ रुपये एसजीएसटी, 49951 करोड़ रुपये आइजीएसटी (जिसमें 24852 करोड़ रुपये आयात से एकत्रित किये शामिल हैं) और 8362 करोड़ रुपये सेस से (जिसमें आयात से 794 करोड़ रुपये इकट्ठे किये गये हैं)। यह अनुमान के अनुरूप ही रहा है। 30 जुलाई तक, जून महीने के लिए 55 लाख से ज्यादा जीएसटी रिटर्न फाइल किये जा चुके थे। पहली तिमाही के अंत सेंट्रल जीएसटी से केंद्र ने 504 बिलियन रुपये एकत्रित किये थे। सूत्रों के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद शुरुआती 11 महीनों में औसतन 58 प्रतिशत करदाताओं ने ही निर्धारित तिथि तक जीएसटी रिटर्न भरे। चिंताजनक बात यह है कि दिसंबर 2017 के बाद से निर्धारित तिथि तक जीएसटी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों का अनुपात लगातार कम होता जा रहा है। GST के 28% टैक्स में आने वाली वस्तुओं की संख्या राजस्व संग्रह पर करेगी निर्भर: अढिया यह भी पढ़ें दिसंबर 2017 में 67 प्रतिशत व्यापारियों ने निर्धारित तिथि तक जीएसटी रिटर्न फाइल किया था लेकिन इस साल मई में यह अनुपात घटकर 61 प्रतिशत रह गया। दरअसल दिसंबर 2017 में 81.22 लाख व्यापारियों को जीएसटी का रिटर्न भरना था लेकिन रिटर्न भरने के लिए निर्धारित तारीख तक मात्र 54.26 लाख व्यापारियों ने ही रिटर्न भरा। इस तरह लगभग 33 प्रतिशत व्यापारियों ने समय पर रिटर्न दाखिल नहीं किया। इस साल मई में ऐसे व्यापारियों का आंकड़ा बढ़कर लगभग 40 प्रतिशत हो गया है। इस साल मई में 91.22 लाख व्यापारियों को रिटर्न फाइल करना था लेकिन महज 56.18 लाख ने ही निर्धारित तिथि तक जीएसटी का रिटर्न भरा।

जुलाई महीने में जीएसटी संग्रह 96,483 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा है। जून में यह 95610 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा था। जुलाई के आंकड़े से यह माना जा रहा है कि जल्द एक लाख करोड़ का लक्ष्य हासिल किया जाने वाला है। आम बजट 2018-19 के मुताबिक …

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दुनिया के इन 6 देशों में काफी मजबूत है भारतीय रुपया और घूमना है काफी सस्ता, जानिए

भारतीय रुपये में बीते कुछ महीनों से उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि 69 के स्तर पार कर रुपया 70 के स्तर को भी पार कर सकता है। कमजोर होता रुपया बेशक आम आदमी के लिए राहतभरी बात नहीं है लेकिन अगर आप घूमने फिरने के शौकीन हैं तो हमारी यह खबर आरके काम की है। हम अपनी इस खबर में आपको कुछ ऐसे देशों की जानकारी दे रहे हैं जहां भारतीय रुपया काफी मजबूत है और वहां घूमना भी काफी सस्ता है। गौरतलब है कि मंगलवार को शाम 4:15 बजे भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 68.58 के स्तर पर कारोबार करता हुआ देखा गया। कंबोडिया: यहां भारत के एक रुपये की कीमत 59.28 कंबोडियन रियाल अगर आप सूर्योदय के भव्य दर्शन करना चाहते हैं तो आप अंकोरवाट के मंदिर में जा सकते हैं। यह कंबोडिया में स्थित है और दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है। आप यहां के सिएम रीप नाइट मार्केट (कंबोडिया) में अच्छी खासी बार्गेनिंग भी कर सकते हैं। घूमने फिरने के लिहाज से कम्बोडिया सबसे सस्ते देशो में से एक है। यह देश दक्षिण-पूर्व एशिया एशिया की खूबसूरत जगहब में से एक है। किन लोगों को काफी कम कीमत में मिलता है ट्रेन का टिकट, जान लीजिए यह भी पढ़ें नेपाल: यहां भारत का एक रुपया 1.60 नेपाली रुपये के बराबर हमारा पड़ोसी देश नेपाल सैलानियों के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। यहां पर पशुपतिनाथ और बौधनाथ जैसे दो प्रसिद्ध मंदिर हैं। साथ ही यहां की पोखरा वैली में आप पैराग्लाइडिंग कर सकते हैं। यहां लुंबनी में भगवान बुद्ध का पवित्र जन्मस्थान भी है। यहां थामल रोड पर व्यस्त मार्केट भी है जहां आप जा सकते हैं। रेल यात्री कृपया ध्यान दें, टिकट रिजर्वेशन से जुड़े ये 10 नियम आपको मालूम होने चाहिए यह भी पढ़ें श्रीलंका: एक भारतीय रुपये की कीमत श्रीलंका के 2.33 रुपये के बराबर श्रीलंका में हर कोई किसी न किसी उद्देश्य के तहत जाता है। बीच से लेकर हरियाली तक हर मामले में यह देश बेहतर है। यहां पर ब्रिटिश कॉलोनियल इरा की एक बिल्डिंग नुवारा एलिया भी है। साथ ही यहां चौथी शताब्दी का टेंपल कैंडी हाउस भी है, जिसमें टेंपल ऑफ टुथ भी है। रेलवे टिकट कैंसिल करने पर देना पड़ता है कितना चार्ज, जानिए यह भी पढ़ें हंगरी: भारत का एक रुपया यहां हंगरी के 4.03 फोरिन्ट के बराबर है आप यहां बुडापेस्ट के ग्रेट मार्केट प्लेस में भ्रमण कर सकते हैं जो कि अपनी विशेष संरचना के लिए जाना जाता है। आप यहां बाल्टन झील में मछली पकड़ने के लिए जा सकते हैं या फिर आप डेनुबे में रिवर क्रूज का चुनाव कर सकते हैं। अगर आप यूरोप घूमने के शौकीन है तो कम बजट में हंगरी से अच्छी को जगह हो ही नहीं सकती। यह घूमने-फिरने के लिहाज से काफी सस्ती और खूबसूरत जगह है। हंगरी की राजधानी बुडापोस्ट की खूबसूरती देखते ही बनती है क्योंकि यह देश डैन्यूब नदी के किनारे में बसा हुआ है।

भारतीय रुपये में बीते कुछ महीनों से उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि 69 के स्तर पार कर रुपया 70 के स्तर को भी पार कर सकता है। कमजोर होता रुपया बेशक आम आदमी के लिए राहतभरी बात नहीं है लेकिन अगर …

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IRCTC दे रहा है खास ऑफर, कम कीमत में करें दिल्ली से केरल तक का सफर

IRCTC दे रहा है खास ऑफर, कम कीमत में करें दिल्ली से केरल तक का सफर

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने एक नया टूर पैकेज पेश किया है। रेलवे इसके तहत किफायती कीमत पर दिल्ली से केरल तक का ऑफर उपलब्ध करवा रहा है। पांच रात और छह दिन के इस टूर की कीमत 23700 रुपये (ट्रिप्पल ऑक्यूपेंसी) है। इस ऑफर का लाभ …

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महंगी हुई LPG, दिल्ली में सब्सिडी वाले सिलेंडर के लिए देने होंगे 498.02 रुपये

महंगी हुई LPG, दिल्ली में सब्सिडी वाले सिलेंडर के लिए देने होंगे 498.02 रुपये

सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 1.76 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। 31 जुलाई की आधी रात से यह वृद्धि प्रभावी हो गई। यह वृद्धि एलपीजी के बढ़े आधार मूल्य पर टैक्स की गणना के आधार पर हुई है। इस वृद्धि के बाद दिल्ली में सब्सिडी वाले सिलेंडर की …

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किसी एक कंपनी को लाभ देने के मकसद से नहीं लाया गया IBC अध्यादेश: पीयूष गोयल

किसी एक कंपनी को लाभ देने के मकसद से नहीं लाया गया IBC अध्यादेश: पीयूष गोयल

मोदी सरकार ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज किया है कि केंद्र ने एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के मकसद से दिवालियेपन पर कानून (आइबीसी) में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया था। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने साफ कहा कि सरकार ने यह अध्यादेश मकान खरीदने वालों …

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बाजार की गिरावट के साथ शुरुआत, निफ्टी 11,300 के स्तर से नीचे फिसला

इस कारोबारी हफ्ते की शुरुआत एक नये रिकॉर्ड स्तर पर करने के बाद मंगलवार को बाजार में गिरावट का दौर नजर आ रहा है. हालांकि गिरावट के बावजूद भी सेंसेक्स 37,400 के पार बना हुआ है जबकि निफ्टी 11,300 के स्तर से नीचे फिसलकर 11,291 के स्तर पर खुला. कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन सेंसेक्स 90.60 अंकों की गिरावट के साथ 37,403.80 के स्तर पर कारोबार शुरू करने में कामयाब हुआ है. दूसरी तरफ, निफ्टी में भी गिरावट देखने को मिल रही है. यह 28.05 अंक गिरकर 11,291.50 के स्तर पर कारोबार शुरू करने में कामयाब हुआ है. शुरुआती कारोबार में एक्स‍िस बैंक, टेक महिंद्रा, ओएनजीसी और बजाज फाइनेंस के शेयरों में बढ़त देखने को मिल रही है. दूसरी तरफ, निफ्टी पर आईसीआईसीआई बैंक और बीपीसीएल के शेयरों में गिरावट नजर आ रही है. रुपये में भी गिरावट रुपये ने भी इस कारोबारी हफ्ते के दूसरे दिन की शुरुआत गिरावट के साथ की है. मंगलवार को रुपये ने डॉलर के मुकाबले 68.70 के स्तर पर शुरुआत की है. इससे पहले सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 68.67 के स्तर पर बंद हुआ था. बता दें कि सोमवार को शेयर बाजार ने रिकॉर्ड स्तर पर शुरुआत की और यह बंद भी रिकॉर्ड स्तर पर हुआ. इस कारोबारी हफ्ते के पहले दिन सेंसेक्स नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ. सोमवार को सेंसेक्स ने 157.55 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 37,494.40 का नया रिकॉर्ड आंकड़ा छुआ. निफ्टी ने भी नया रिकॉर्ड स्थापित किया. सोमवार को निफ्टी 41.20 अंकों की बढ़त के साथ 11,319.55 के स्तर पर बंद हुआ. निफ्टी पहली बार इस स्तर पर पहुंचा था.

इस कारोबारी हफ्ते की शुरुआत एक नये रिकॉर्ड स्तर पर करने के बाद मंगलवार को बाजार में गिरावट का दौर नजर आ रहा है. हालांकि गिरावट के बावजूद भी सेंसेक्स 37,400 के पार बना हुआ है जबकि निफ्टी 11,300 के स्तर से नीचे फिसलकर 11,291 के स्तर पर खुला. कारोबारी …

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लगातार दूसरे दिन बढ़े पेट्रोल के दाम, डीजल भी हुआ महंगा

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आने के बावजूद घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई राहत नहीं मिली है. लगातार दूसरे दिन मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) के मुताबिक मेट्रो शहरों में ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी हुई है. पेट्रोल के दाम मेट्रो शहरों में 6 पैसे बढ़े हैं. वहीं, डीजल की कीमत में 7 पैसे की बढ़त हुई है. आईओसीएल की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 76.31 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. कोलकाता में इसकी कीमत 79.20 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है. मुंबई की बात करें तो यहां आपको 83.76 रुपये और चेन्नई में 79.26 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, डीजल की बात करें तो दिल्ली में एक लीटर डीजल के लिए आपको 67.82 रुपये, कोलकाता में 70.58, मुंबई में 72 और चेन्नई में इसके लिए आपको 71.62 रुपये प्रति लीटर दाम देने पड़ रहे हैं. बता दें कि इससे पहले सोमवार को पेट्रोल की कीमतों में 9 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी. वहीं, डीजल की कीमतों में 14 पैसे की बढ़ोतरी मेट्रो शहरों में दर्ज की गई थी. हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आई है. ओपेके देशों का उत्पादन जुलाई में 2018 के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आई है. रॉयटर्स के मुताबिक ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 7 सेंट्स गिरकर $74.90 प्रति बैरल पर पहुंच गया है. वहीं, डब्लूटीआई क्रूड में 6 सेंट्स की गिरावट देखने को मिली है. यह 70.08 प्रति डॉलर के स्तर पर बना हुआ है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आने के बावजूद घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई राहत नहीं मिली है. लगातार दूसरे दिन मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) के मुताबिक मेट्रो शहरों में ईंधन …

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कच्चे तेल और MSP का असर, ब्याज दरों में RBI नहीं देगा राहत!

भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति की बैठक सोमवार से शुरू हो चुकी है. जून की तरह ही इस बार भी यह बैठक तीन दिन तक चलेगी. हालांकि इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं की जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और सरकार की तरफ से किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने का असर आरबीआई के फैसले पर दिखेगा. विशेषज्ञों का मानना है क‍ि बुधवार को आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की तरफ से रेपो रेट में कोई बदलाव किए जाने की संभावना ना के बराबर है. बता दें कि जून में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस बढ़‍त के साथ रेपो रेट 6.25 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया था. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और एमएसपी बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद खुदरा महंगाई भी 5 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंची है. जून में आई इस बढ़त के लिए तेल की कीमतों में आ रहा उछाल ही जिम्मेदार रहा. भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के मुताबिक आरबीआई इस मी‍ट‍िंग में दरें नहीं बदलने का फैसला ले सकता है. एसबीआई ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में कहा कि वैसे तो रेपो रेट में बढ़ोतरी का विकल्प अपनाया जाना ही इस समय बेहतर था. लेक‍िन इसके बावजूद हमें लगता है कि आरबीआई रेपो रेट में न कोई बढ़ोतरी करेगा और न ही इसमें कोई कटौती ही करेगा. एडेलवीस सिक्योरिटीज ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा कि इस पॉलिसी रिव्यू में हमें लगता है कि मौद्रिक नीति समिति तटस्थत स्थिति अपनाएगी और रेट्स में कोई बदलाव नहीं करेगी. हालांकि ग्लोबल फाइनेंस सर्विस मेजर डीबीएस का मानना है कि इस बैठक में आरबीआई रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. आरबीआई 1 अगस्त को रेपो रेट की घोषणा करेगा.

भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति की बैठक सोमवार से शुरू हो चुकी है. जून की तरह ही इस बार भी यह बैठक तीन दिन तक चलेगी. हालांकि इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं की जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल की …

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