कारोबार

कांग्रेस का आरोप-शाह जिस बैंक के निदेशक, नोटबंदी में वहां जमा हुए सबसे ज्यादा पुराने नोट

गौरतलब है कि समाचार एजेंसी आईएएनएस ने खबर दी थी कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जिस सहकारी बैंक के निदेशक हैं, वह नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा 500 और 1000 रुपये के प्रतिबंधि‍त नोट जमा करने वाला जिला सहकारी बैंक था. समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी से यह बात सामने आई है. मोदी सरकार ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाकर उन्हें चलन से बाहर कर दिया था. पांच दिन के भीतर 745 करोड़ जमा समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन एस. रॉय को जानकारी मिली है कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा करने के महज पांच दिन के भीतर 745.59 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित नोट प्राप्त किए थे. नोटबंदी की घोषणा के पांच दिन बाद 14 नवंबर 2016 को सभी जिला सहकारी बैंकों को लोगों से प्रतिबंधित नोट जमा लेने से मना कर दिया गया था, क्योंकि यह आशंका जताई गई थी कि सहकारी बैंकों के जरिए काले धन को सफेद किया जा सकता है. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, अमित शाह उस समय बैंक में निदेशक पर थे और वह कई साल से इस पद पर बने हुए हैं. वह 2000 में बैंक के अध्यक्ष भी रहे हैं. एडीसीबी के पास 31 मार्च 2017 को कुल 5,050 करोड़ रुपये जमा थे और वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक का शुद्ध मुनाफा 14.31 करोड़ रहा. गुजरात के मंत्री एक बैंक के अध्यक्ष, यहां जमा हुए 693 करोड़ एडीसीबी के बाद सबसे ज्यादा प्रतिबंधित नोट जमा करने वाला सहकारी बैंक राजकोट जिला सहकारी बैंक है जिसके अध्यक्ष गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की सरकार में कैबिनेट मंत्री जयेशभाई विट्ठलभाई रडाड़िया हैं. इस बैंक ने 693.19 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित नोट जमा लिए थे. राजकोट गुजरात में बीजेपी की राजनीति का केंद्र रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार यहीं से 2001 में विधायक चुने गए थे. गौर करने वाली बात यह है कि अहमदाबाद और राजकोट के जिला सहकारी बैंकों द्वारा जमा प्राप्ति का यह आंकड़ा गुजरात राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड द्वारा प्राप्त रकम 1.11 करोड़ रुपये से बहुत ज्यादा है.

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जिस सहकारी बैंक में निदेशक हैं, उसमें नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा पुराने नोट जमा किए गए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को इस मामले में बीजेपी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर जम कर हमला बोला. कांग्रेस …

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RBI का बैंकों को सख्त निर्देश, ATM को जल्द करें अपग्रेड, नहीं तो होगी कार्रवाई

बैंकों की तरफ से एटीएम को अपग्रेड करने को लेकर धीमी गति अपनाने के चलते केंद्रीय बैंक ने नाराजगी जाहिर की है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को इसको लेकर गंभीरता बरतने का निर्देश दिया है. आरबीआई ने सख्त लहजे में कहा है कि यह काम तय समय सीमा के भीतर हो जाना चाहिए. भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी क‍िया है. इसमें केंद्रीय बैंक ने एक बार फिर साफ किया है कि बैंकों को अगस्त तक सभी एटीएमो में सुरक्षा फीचर लगाने होंगे. यही नहीं, बैंकों को अगले साल जून तक चरणबद्ध तरीके से परिचालन की तयशुदा प्रणाली के अनुरूप संयोजित भी करना होगा. आरबीआई ने कहा है कि अगर बैंक ऐसा नहीं करते हैं या फिर से वे लेट लतीफी करते हैं, तो उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल अप्रैल में एक सर्कुलर जारी किया था. इसमें उसने सभी बैंकों को एटीएम अपग्रेड करने के लिए कहा था. इसमें उसने विंडोज एक्सपी व ऐसे ही पुराने विंडोज पर चलने वाले एटीएमों को लेकर चेताया था. इसके साथ ही उन्हें इस खातिर जरूरी बदलाव करने की हिदायत दी थी. बता दें कि हाल के दिनों में एटीएम से धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं. इनसे बचने के लिए ही केंद्रीय बैंक लगातार एटीएमों को अपग्रेड करने के लिए कह रहा है.

बैंकों की तरफ से एटीएम को अपग्रेड करने को लेकर धीमी गति अपनाने के चलते केंद्रीय बैंक ने नाराजगी जाहिर की है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को इसको लेकर गंभीरता बरतने का निर्देश दिया है. आरबीआई ने सख्त लहजे में कहा है कि यह काम तय समय सीमा के …

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सस्ते पेट्रोल-डीजल का रास्ता हो सकता तैयार, OPEC देशों की आज बैठक

ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्ट‍िंग कंट्रीज अथवा ओपेक देशों के मंत्र‍ियों की आज ऑस्ट्र‍िया के वियना में बैठक है. 14 देशों के इस समूह की बैठक में जो भी फैसला होगा, वो आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती और बढ़ोतरी का रास्ता तैयार करेगा. शुक्रवार को हो रही इस बैठक में एक अहम प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, जो अगर पास हो गया तो आपको सस्ते पेट्रोल और डीजल का तोहफा आगे भी मिलता रहेगा. क्रूड प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर ओपेक देशों की बैठक में कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. भारत भी अपनी तरफ से ओपेक देशों से अपील कर चुका है कि वह कच्चे तेल की आपूर्ति को बेहतर बनाए रखने पर जोर दें. इस खातिर बैठक में एक प्रस्ताव भी लाया जा रहा है. इस प्रस्ताव में कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. सुधरेगी कच्चे तेल की आपूर्ति अगर यह प्रस्ताव बैठक में पास हो जाता है, तो सभी ओपेक देश कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ा देंगे. इससे कच्चे तेल की बेहतर आपूर्ति हो सकेगी. अच्छी सप्लाई होने का फायदा यह होगा कि कच्चे तेल की कीमतों में कटौती की संभावना बढ़ जाएगी. इसका सीधा फायदा घरेलू स्तर पर सस्ते पेट्रोल और डीजल के तौर पर मिलेगा. लेक‍िन ईरान फंसा रहा पेंच सऊदी अरब ने कहा है कि वह कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने के इस प्रस्ताव को पास करने के लिए जो हो सकेगा, वो करेगा. लेक‍िन दूसरी तरफ, ईरान ने इस प्रस्ताव का विरोध शुरू कर दिया है. उसका कहना है कि वह इस प्रस्ताव का कतई समर्थन नहीं करेगा. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कई और सदस्य देश भी ईरान का इसमें साथ दे सकते हैं. ईरान के मन की हुई तो... अगर बैठक में ईरान के मन की होती है और प्रोडक्शन बढ़ाने का प्रस्ताव पास नहीं हो पाता है, तो कच्चे तेल की सप्लाई पर इसका असर पड़ना तय है. इससे कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं. ऐसा होने पर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद कम हो जाएगी. बेनतीजा रहेगी बैठक? ऐसे में देखना होगा कि आज ऑयल प्रोड्यूसर इन 14 देशों की बैठक में क्या फैसला लिया जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक बेनतीजा साबित हो सकती है. क्योंकि एक तरफ सऊदी अपने रुख पर अड़ा हुआ है. वहीं, ईरान भी प्रोडक्शन न बढ़ाने को लेकर अपना पक्ष मजबूत कर रहा है.

ऑर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्ट‍िंग कंट्रीज अथवा ओपेक देशों के मंत्र‍ियों की आज ऑस्ट्र‍िया के वियना में बैठक है. 14 देशों के इस समूह की बैठक में जो भी फैसला होगा, वो आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती और बढ़ोतरी का रास्ता तैयार करेगा. शुक्रवार को …

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पनामा पेपर्स फिर सुर्खियों में, इस बार भारत के इन धनकुबेरों के नाम आए सामने

पनामा पेपर्स फिर चर्चा में आ गए हैं. दो साल पहले पनामा के लॉ फर्म मोस्साक फॉन्सेका के कुछ लीक पेपर्स में यह बात सामने आई थी कि भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख लोगों, कारोबारियों ने टैक्स हैवन कहे जाने वाले देशों में काला धन छुपाया है. अब फिर इस फर्म के कुछ ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जिनमें कई नए नाम सामने आए हैं और पुराने कारोबारियों पर टैक्स चोरी के आरोप कुछ पुख्ता हुए हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इंटरनेशनल कंसोर्श‍ियम ऑफ इन्वेस्ट‍िगेटिव जर्नलिस्ट ने 12 लाख से ज्यादा नए दस्तावेजों की जांच की है. इनमें से कम से कम 12,000 नए दस्तावेज भारतीयों से संबंधित हैं. दो साल पहले सामने आए मोस्साक फॉन्सेका के दस्तावेज में 500 भारतीयों का नाम था. पनामा पेपर्स सबसे पहले जर्मनी के अखबार स्यूज डोयचे जेइटुंग को मिले थे. खबर के अनुसार, केंद्र सरकार ने एक मल्टी एजेंसी ग्रुप (MAG) बनाया है जो लिस्ट में शामिल 426 भारतीयों के बारे में जांच-पड़ताल कर रहा है. इस जांच के आधार पर करीब 1,000 करोड़ के काले धन का पता लगाया गया है. क्या है नए दस्तावेजों में? लीक हुए पनामा पेपर्स में कई नए दिग्गज भारतीय कारोबारियों के नाम सामने आए हैं. इनमें पीवीआर सिनेमा के मालिक अजय बिजली और उनके परिवार के सदस्य, हाइक मैसेन्जर के सीईओ और टेलीकॅाम दिग्गज सुनील मित्तल के बेटे कवीन मित्तल, एशियन पेंट्स के सीईओ अश्विन दानी के बेटे जलज दानी शामिल हैं. पनामा पेपर्स के पहले लीक में कई भारतीय कारोबारियों के टैक्स हैवन देशों में कंपनी बनाकर धन छुपाने की बात सामने आई थी, जिसका ज्यादातर कारोबारियों ने खंडन किया था. लेकिन अब नए लीक हुए दस्तावेजों से पुराने लगे आरोप पुख्ता हो रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, टैक्स हैवन देशों की कंपनी से ताल्लुक रखने वाले अन्य भारतीय दिग्गज इस प्रकार हैं- शिव विक्रम खेमका-सन ग्रुप के प्रमुख नंदलाल खेमका के बेटे अमिताभ बच्चन- सुपरस्टार एक्टर जहांगीर सोराबजी-पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के बेटे केपी सिंह-डीएलएफ समूह के प्रमुख अनुराग केजरीवाल- लोकसत्ता पार्टी के पूर्व नेता नवीन मेहरा- मेहरासन्स ज्यूलर्स के मालिक हाजरा इकबाल मेमन- अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची की पत्नी दो साल पहले लीक हुए पेपर्स में अमिताभ बच्चन का नाम तीन कंपनियों लेडी शिपिंग, ट्रेजर शिपिंग और सी बल्क शिपिंग से जोड़ा गया था, लेकिन तब उन्होंने इन कंपनियों या टैक्स हैवन देश में किसी एसेट से जुड़ाव से इंकार किया था. नए दस्तावेजों के अनुसार ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थ‍ित कंपनी मार्डी ग्रैस होल्ड‍िंग्स के मालिक लोकेश शर्मा ने साल 2016 में पनामा पेपर्स लीक के बाद कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 30 गुना तक बढ़ा दी है.

पनामा पेपर्स फिर चर्चा में आ गए हैं. दो साल पहले पनामा के लॉ फर्म मोस्साक फॉन्सेका के कुछ लीक पेपर्स में यह बात सामने आई थी कि भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख लोगों, कारोबारियों ने टैक्स हैवन कहे जाने वाले देशों में काला धन छुपाया है. अब फिर …

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ओपेक मीटिंग: कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ाने को लेकर ईरान-सऊदी में ठनी

ऑस्ट्र‍िया की राजधानी वियना में शुक्रवार को ओपेक देशों की बैठक होनी है. इस बैठक से पहले कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने को लेकर सऊदी अरब और ईरान के बीच तनातनी शुरू हो गई है. एक तरफ जहां सऊदी अरब कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दे रहा है. वहीं, ईरान इसके विरोध में खड़ा है. 'आपूर्ति बनाए रखने के लिए जो भी करना होगा, करेंगे' बैठक से पहले सऊदी अरब ने वियना में बुधवार को कहा कि दुनियाभर में कच्चे तेल की आपूर्ति कम न हो, इसके लिए वह जो भी जरूरी होगा, वह कदम उठाएगा. सऊदी के प्रिंस और एनर्जी मिनिस्टर अब्दुल अजीज बिन सलमान ने कहा, ''बाजार में स्थ‍िरता बनाए रखने के लिए हम से जो बन सकेगा, वो करेंगे. हम ये सुन‍िश्च‍ित करेंगे कि कच्चे तेल की आपूर्ति में किसी तरह की कमी न हो.'' सऊदी अरब ने कहा कि आने वाले महीने में वैश्व‍िक स्तर पर कच्चे तेल की मांग बढ़ेगी. इस वजह से हमारी कोश‍िश है कि कच्चे तेल की आपूर्ति कम न हो. सऊदी ने कहा कि कम सप्लाई की वजह से कई ग्राहक देश गुस्से में हैं. भारत ने भी की आपूर्ति बढ़ाने की अपील इस बीच, भारत के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वियना में ओपेक देशों से कहा है कि वे कच्चे तेल की आपूर्ति को पूरा करें. उन्होंने यहां कहा, ''कई देशों की राजनतिक परिस्थ‍ितियां, कभी बाहरी तो कभी आंतरिक कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर डालती हैं. ऐसे में हम ओपेक देशों से उम्मीद करते हैं कि वे कच्चे तेल की आपूर्ति को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे. ईरान कर रहा है विरोध एक तरफ जहां सऊदी अरब और रूस कच्चे तेल की आपूर्ति को बढ़ाने पर फोकस करना चाहता है. वहीं, ईरान ने इसके ख‍िलाफ झंडा उठा लिया है. उसने कहा है कि वह इस प्रस्ताव का विरोध करेगा. अमेरिका के परमाणु करार से बाहर होने के बाद ईरान दबाव में है. उसे कई प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में वह कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने का विरोध कर रहा है. 'कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के लिए ट्रंप जिम्मेदार' ईरान के ऑयल मिनिस्टर बिजान नामदार जंगानेह ने एक बार फिर कहा कि वह क्रूड प्रोडक्शन को बढ़ाने का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के लिए खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिम्मेदार हैं. जंगानेह के मुताबिक अमेरिका की तरफ से ईरान और वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाए जाने की वजह से कच्चे तेल की आपूर्ति का संकट पैदा हुआ है. इसकी वजह से कीमतें बढ़ रही हैं. क्या है OPEC? ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्ट‍िंग कंट्रीज यानी ओपेक 14 देशों का एक समूह है. इसमें शामिल ये देश ऑयल प्रोड्यूसर्स हैं. दुनियाभर के देशों के कच्चे तेल की जरूरत का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं देशों से आता है. ऐसे में इन देशों में होने वाले किसी भी तरह के भू-राजनीतिक तनाव व अन्य परिस्थितियों का असर कच्चे तेल की कीमतों पर दिखता है. ओपेक देशों की तरफ से ल‍िए गए फैसलों का असर भी कच्चे तेल की कीमतों पर नजर आता है.

ऑस्ट्र‍िया की राजधानी वियना में शुक्रवार को ओपेक देशों की बैठक होनी है. इस बैठक से पहले कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने को लेकर सऊदी अरब और ईरान के बीच तनातनी शुरू हो गई है. एक तरफ जहां सऊदी अरब कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दे रहा है. …

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ICICI केस: कोचर परिवार को मकान खरीदने में भी वीडियोकॉन की मदद? आयकर विभाग कर रहा जांच

वीडियोकॉन इंडस्ट्री को दिए गए लोन के मामले में जांच का सामना कर रही आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के हितों के टकराव का एक और मामला सामने आया है. आयकर अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या कोचर परिवार द्वारा साउथ मुंबई के सीसीआई चैम्बर्स अपार्टमेंट में मकान खरीदने में वीडियोकॉन ने मदद की है? चंदा कोचर का परिवार फिलहाल इसी मकान में रहता है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार के अनुसार, इस मकान की खरीद में वीडियोकॉन से जुड़ी कई कंपनियों के द्वारा किया गया जटिल लेनदेन शामिल है. वीडियोकॉन और कोचर के मकान से जुड़े इस तार से हितों के टकराव का वह मसला और मजबूत हो जाता है जिसमें फिलहाल चंदा कोचर फंसी हैं और जिसकी जांच चल रही है. आईसीआईसीआई इस मामले की स्वतंत्र तरीके से जांच करा रहा है और जांच होने तक चंदा कोचर को छुट्टी पर भेज दिया गया है. खबर के अनुसार 45, सीसीआई चैम्बर्स सीएचएस लिमिटेड के पते पर स्थ‍ित कोचर परिवार का फ्लैट क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के सामने चर्चगेट इलाके में है. आयकर विभाग ने अभी तक जांच से हासिल जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को भेजी है. क्या है ICICI बैंक का मामला आईसीआईसीआई बैंक ने साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को एसबीआई के नेतृत्व में बनाए गए एक कंसोर्श‍ियम में शामिल होकर 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया था. इस कंसोर्शि‍यम में 20 बैंक शामिल थे जिन्होंने कुल चालीस हज़ार करोड़ रुपये का लोन वीडियोकॉन को दिया. इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन के निवेशक अरविंद गुप्ता ने 15 मार्च, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली समेत कई अन्य सरकारी विभागों को पत्र लिखकर दावा किया गया कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन के साथ व्यापारिक रिश्ते हैं, ऐसे में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3250 करोड़ रुपये के लोन में हितों का टकराव का मामला हो सकता है. 31 मार्च को अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने एक ख़बर छापी जिसमें ये बताया गया कि वीडियोकॉन कंपनी को मिले लोन के एनपीए होने में चंदा कोचर किस तरह शामिल हैं.

वीडियोकॉन इंडस्ट्री को दिए गए लोन के मामले में जांच का सामना कर रही आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के हितों के टकराव का एक और मामला सामने आया है. आयकर अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या कोचर परिवार द्वारा साउथ मुंबई के …

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सरकार ने दिया भरोसा, कहा- सरकारी बैंकों में आपका पैसा पूरी तरह सुरक्ष‍ित

पंजाब नेशनल बैंक में सामने आए 13400 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले के बाद लोगों के मन में अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने भरोसा दिया है. सरकार ने कहा है कि सरकारी बैंकों में रखा आपका पैसा पूरी तरह सुरक्ष‍ित है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा, ''सरकारी बैंकों में रखा लोगों का पैसा पूरी तरह सुरक्ष‍ित है.'' सार्वजन‍िक क्षेत्र के बैंकों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय रिजर्व बैंक को और अध‍िकार देने के लिए भी तैयार है. पीयूष गोयल ने कहा, ''सार्वजन‍िक क्षेत्र के बैंकों में आम आदमी का पैसा पूरी तरह सुरक्ष‍ित है. सरकार लोगों के साथ मुस्तैदी से खड़ी है.'' इस दौरान उन्होंने निजी क्षेत्र की कंपनियों को लेकर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों पर भारी कर्ज है, उनमें आपका पैसा कितना सुरक्ष‍ित है? गोयल ने कहा कि धोखाधड़ी निजी कंपनियां करती हैं, न कि सार्वजन‍िक क्षेत्र के बैंक. पिछले दिनों आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा था कि केंद्रीय बैंक के पास ज्यादा शक्त‍ियां नहीं हैं. इस पर गोयल ने कहा कि वैसे तो आरबीआई के पास संपूर्ण अध‍िकार हैं. हालांकि फिर भी अगर ऐसा लगता है कि अतिरिक्त अध‍िकार दिए जाने चाहिए, तो इसके लिए भी सरकार तैयार है. बता दें कि उर्जित पटेल ने संसदीय समिति के सामने कहा था कि उसके पास पीएनबी में हुए जैसे बड़े घोटाले रोकने के लिए पर्याप्त अध‍िकार नहीं हैं.

पंजाब नेशनल बैंक में सामने आए 13400 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले के बाद लोगों के मन में अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने भरोसा दिया है. सरकार ने कहा है कि सरकारी बैंकों में रखा आपका पैसा पूरी …

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पेट्रोल की कीमत में आज कोई बदलाव नहीं, इस वजह से कल घट सकते हैं दाम

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को फौरी राहत मिलने के बाद बुधवार को इनके दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. कच्चे तेल की कीमतों में आ रही स्थ‍िरता की बदौलत पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर ब्रेक लगा है. इंड‍ियन ऑयल कंपनी के मुताबिक बुधवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 76.27 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ रहे हैं. मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 78.94 रुपये, कोलकाता में 84.06 और चेन्नई में 79.16 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. वहीं, डीजल की बात करें तो दिल्ली में एक लीटर डीजल 67.78 रुपये, कोलकाता में 70.33, मुंबई में 72.13 और चेन्नई में एक लीटर डीजल के लिए आपको 71.54 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों में थोड़ी नरमी आना शुरू हो गई है. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें फिर नीचे आएंगी. बुधवार को एक बार फिर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट देखने को मिली है. बुधवार को वैश्व‍िक बाजार में कच्चे तेल का भाव 0.78 फीसदी गिरा है. इसकी बदौलत यह फिलहाल 74.75 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. पिछले एक महीने के दौरान कच्चा तेल 6 डॉलर प्रति बैरल तक सस्ता हो चुका है. इसके अलावा 22 जून को ओपेक देशों की बैठक होनी है. जानकारों का मानना है कि इस बैठक में रूस और सउदी अरब प्रोडक्शन बढ़ाने पर सहमति जता सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो कच्चा तेल और सस्ता हो सकता है. जिसका सीधा फायदा घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत के तौर पर मिलेगा.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को फौरी राहत मिलने के बाद बुधवार को इनके दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. कच्चे तेल की कीमतों में आ रही स्थ‍िरता की बदौलत पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर ब्रेक लगा है. इंड‍ियन ऑयल कंपनी के मुताबिक बुधवार …

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PNB घोटाले में थी टॉप लेवल पर मिलीभगत, छिपाता रहा बैंक

पंजाब नेशनल बैंक की आंतरिक जांच में खुलासा हुआ है कि हाल में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में बैंक के कुछ नहीं बल्कि कई शाखाओं की मिलीभगत है. आंतरिक जांच के मुताबिक पीएनबी के बैंकिंग ढांचे में कई गंभीर खामियां मौजूद हैं जिसके चलते हजारों करोड़ रुपये के इस घोटाले को पकड़ना बेहद मुश्किल काम था. न्यूज एजेंसी राइटर के मुताबिक पीएनबी ने अपनी जांच रिपोर्ट में माना है कि इस घोटाले में बैंक के कुल 54 कर्मचारी जिम्मेदार है. इन कर्मचारियों में बैंक क्लर्क से लेकर विदेशी मुद्रा शाखा के अधिकारी और बैंक ऑडिटर से लेकर कई कई क्षेत्रीय शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. हालांकि इससे पहले अप्रैल में बैंक के सीईओ सुनील मेहता ने दावा किया था कि इस घोटाले में शामिल 21 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इस रिपोर्ट के उजागर होने से पहले तक पीएनबी की दलील थी कि यह घोटाला मुंबई की महज एक ब्राडी हाउस ब्रांच के मुट्टी भर कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते संभव हुआ है. पीएनबी की दलील के मुताबिक इस ब्रांच के कुछ कर्मचारी बीते कई वर्षों से नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों को फर्जी बैंक गारंटी जारी करने का काम करते थे जिसके आधार पर मोदी और चोकसी विदेश में पीएनबी को हजारों करोड़ डॉलर का नुकसान पहुंचाने का काम करते थे. खास बात यह है कि अभीतक पीएनबी के प्रमुख इस घोटाले को एक छोटी सी घटना बताने का काम कर रहे थे लेकिन राइटर के हाथ लगी पीएनबी की आंतरिक रिपोर्ट से साफ हो गया है कि पीएनबी इस घोटालों की गंभीरता को नकारने में लगी थी. रिपोर्ट में ऐसे कई चौकाने वाले खुलासे किए गए हैं जिससे इस बात का अंदाजा लगता है कि कैसे सरकारी बैंक की लचर व्यवस्था को कायम रखते हुए बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारियों ने बड़े स्तर की मिलीभगत के साथ इस घोटाले को अंजाम देने का काम किया है. इसे पढ़ें: रद्द पासपोर्ट पर घूम रहा नीरव मोदी, 7 पॉइंट में जानें किसकी चूक? गौरतलब है कि बैंक की यह आंतरिक रिपोर्ट 5 अप्रैल तक तैयार हो गई थी और इस रिपोर्ट के साथ-साथ बैंक रिकॉर्ड से मिले दर्जनों संवेदनशील दस्तावेज जांच एजेंसियों के पास बतौर सुबूत मौजूद है. लेकिन इस रिपोर्ट की खास खुलासों का जिक्र फिलहाल आम नहीं किया गया और मौजूदा समय तक पीएनबी के वरिष्ठ अधिकारी इस घोटाले को एक छोटी घटना करार देते रहे. पीएनबी की इस रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि जनवरी में घोटाले के खुलासे के बाद भी बैंक की तरफ से सख्त कदम नहीं उठाए गए हैं. न तो बैंक क ऊपर किसी तरह की पेनाल्टी लगाई गई है और न ही इसकी जिम्मेदारी किसी वरिष्ठ अधिकारी पर तय की गई है जबकि आंतरिक जांच में यह साफ पता चला है कि इस मामले में बैंक के वरिष्ठ स्तर के अधिकारी भी लिप्त हैं. इसे पढ़ें: नीरव का CBI को जवाब-बिजी हूं, जांच में नहीं हो सकता शामिल आंतरिक रिपोर्ट ने यह भी माना है कि पीएनबी के नई दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर में क्रेडिट रिव्यू और इंटरनेशनल बैंकिंग शाखा में कई सुरक्षा खामियों के चलते भी इस घोटाले को इतने लंबे समय तक नहीं पकड़ा जा सका. इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है बैंक की अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग शाखा और आईटी डिपार्टमेंट ने लंबे समय तक बैंक के आंतरिक सूचना संचार के काम को पूरा नहीं किया जिसके चलते मुबंई की शाखा से लगातार जारी हो रहे बैंक गारंटी की सूचना दबी रहती थी और किसी को इस घोटाले की भनक नहीं लगी. हालांकि 2016 में बैंक ने एक एडवाइजरी भी जारी करते हुए कहा था कि सूचार संचार के काम को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए. इसके अलावा एक खास बात और इस रिपोर्ट से उजागर हो रही है कि मुंबई की ब्राडी हाउस ब्रांच पीएनबी की सबसे टॉप परफॉर्मिंग ब्रांच थी और यह तमगा उसे मोदी और चोकसी के अकाउंट के चलते ही मिला था. लिहाजा, यह भी साफ है कि बैंक के शीर्ष स्तर तक यह जानकारी थी कि बीते कुछ वर्षों से मुंबई की इस ब्रांच में बड़े स्तर पर कर्ज देने का काम हो रहा है लेकिन किसी ने इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश नहीं की.

पंजाब नेशनल बैंक की आंतरिक जांच में खुलासा हुआ है कि हाल में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में बैंक के कुछ नहीं बल्कि कई शाखाओं की मिलीभगत है. आंतरिक जांच के मुताबिक पीएनबी के बैंकिंग ढांचे में कई गंभीर खामियां मौजूद हैं जिसके चलते हजारों करोड़ रुपये के इस …

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जेटली की दो टूक- पेट्रोल, डीजल सस्ता किया तो कांग्रेस की तरह विदेश से लेना पड़ेगा कर्ज

वरिष्ठ बीजेपी नेता और केन्द्र सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली (फिलहाल स्वास्थ्य लाभ के लिए अवकाश पर) ने एक लेख लिखते हुए दो टूक कहा है कि देश में सस्ता पेट्रोल-डीजल देना सरकार के बस में नहीं है. वित्त मंत्री के मुताबिक मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में यदि सरकार अपने राजस्व को कम करते हुए पेट्रोल-डीजल पर आम आदमी को राहत देने का काम करती है तो उसके सामने कांग्रेस सरकार वाली परिस्थिति पैदा हो जाएगी जहां विकास कार्यों के लिए उसे विदेशी बैंकों से कर्ज का सहारा लेना पड़ेगा. जेटली ने कहा कि बीते चार साल में मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान केन्द्र सरकार के राजस्व और जीडीपी के अनुपात में अच्छा सुधार दर्ज हुआ है. जहां कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यह औसत 10 फीसदी था वहीं मोदी सरकार में यह 11.5 फीसदी दर्ज हुआ है. जेटली के मुताबिक इस वृद्धि का आधा इजाफा यदि पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की कमाई से दर्ज हुआ है तो वहीं दूसरा आधा गैर पेट्रोल-डीजल पर एकत्र हुए राजस्व के कारण है. इनमें इनकम टैक्स और गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के जरिए राजस्व में इजाफा अहम है. इसे पढ़ें: न ड्यूटी घटेगी-न वैट होगा कम, पेट्रोल के बढ़ते दाम से आपको ऐसे राहत देगी सरकार? हालांकि गैर पेट्रोल-डीजल राजस्व केन्द्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. बीते चार साल के दौरान देश में राजस्व की स्थिति को देखते हुए यह दावा नहीं किया जा सकता है कि भारत में लोग इमानदारी से अपना टैक्स अदा करते हैं. ऐसा वित्त मंत्री का कहना है. जेटली ने कहा कि देश में सैलरी पाने वाले लोग टैक्स अदा करने में सबसे आगे हैं. इनके अलावा अन्य वर्गों को अब टैक्स अदा करने में इमानदारी दिखाने की जरूरत है. जेटली ने कहा कि जिस तरह सरकार ने बीते चार साल के दौरान जीडीपी की तुलना में अपने राजस्व में 1.5 फीसदी का इजाफा किया है उसी तर्ज पर वह अगले चार साल में एक बार फिर टैक्स-डीजीपी अनुपात में 1.5 फीसदी का इजाफा करना चाहती है. हालांकि इसके लिए वह गैर पेट्रोल-डीजल राजस्व पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगी. इसका साफ मतलब है कि जेटली संकेत दे रहे हैं कि अगले कुछ वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार की कवायद गैर पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से राजस्व में इजाफा करने की है. यह स्वाभाविक भी है कि केन्द्र सरकार के पास पेट्रोल-डीजल पर और टैक्स लगाने की गुंजाइश नहीं बची है. इसे पढ़ें: ऑडी के CEO जर्मनी में गिरफ्तार, कबूला- सॉफ्टवेयर से छिपाते थे प्रदूषण लिहाजा, अरुण जेटली ने दलील दी कि देश में लोगों को देशभक्ति की भावना के साथ अपना टैक्स अदा करने की जरूरत है. जेटली ने कहा कि फिलहाल देश में कुछ इमानदार लोग ही टैक्स अदा करते हैं. इन इमानदार टैक्स पेयर्स के ऊपर टैक्स की चोरी करने वालों का खामियाजा अदा करने का भी दबाव रहता है. इस सच्चाई का बयान करते हुए जेटली ने देश की सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील की कि वह देश में टैक्स की चोरी को पूरी तरह से खत्म करने में मदद करें जिससे सरकार के राजस्व को बढ़ा जा सके. जेटली ने कहा कि जबतक केन्द्र सरकार के राजस्व में गैर-पेट्रोल-डीजल टैक्स से अच्छी कमाई नहीं होगी, किसी भी केन्द्र सरकार के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत पहुंचाने का फैसला लेना असंभव है. अपने लेख में अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाने की सलाह को गलत ठहराते हुए कहा कि मोदी सरकार कांग्रेस कार्यकाल की गलतियों को नहीं दोहराएगी.

वरिष्ठ बीजेपी नेता और केन्द्र सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली (फिलहाल स्वास्थ्य लाभ के लिए अवकाश पर) ने एक लेख लिखते हुए दो टूक कहा है कि देश में सस्ता पेट्रोल-डीजल देना सरकार के बस में नहीं है. वित्त मंत्री के मुताबिक मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में यदि सरकार अपने …

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