खेल

IND vs ENG: लंदन में टीम इंडिया ने काली पट्टी बांधकर खेला मैच, जानिए क्यों?

लंदन: नॉटिंघम में टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच तीसरे मैच में टीम इंडिया के खिलाड़ी काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे। पहले बल्लेबाजी करने आए सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और केएल राहुल की बांह पर काली पट्टी बंधी हुई थी। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए चेतेश्वर पुजारा और कप्तान विराट …

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एशियन गेम्स: इतिहास रचने को तैयार भारत, 36 खेलों में भाग लेने के साथ इन खिलाड़ियो से है मेडल की उम्मीद

राष्ट्रमंडल खेलों में मिली सफलता के बाद भारतीय खिलाड़ियों के सामने शनिवार से शुरू हो रहे 18वें एशियाई खेलों में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की चुनौती है. अप्रैल में आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित किए गए राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन सफलता हासिल की थी और कई ऐतिहासिक उपलब्धियां अपने नाम दर्ज कराई थीं. पूरे देश को उम्मीद है कि चार साल में एक बार होने वाले इन एशियाई खेलों में उतरने वाले भारत के 572 खिलाड़ी उस सफलता को दोहराएंगे और इन खेलें में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देंगे. दिल्ली से हुई थी इन खेलों की शुरूआत इन खेलों की शुरुआत 1951 में नई दिल्ली से हुई थी. जकार्ता इससे पहले 1962 में एशियाई खेलों के चौथे संस्करण की मेजबानी कर चुका है. अब उसके जिम्मे 18वें संस्करण की मेजबानी को सफल बनाने का दारोमदार है. जकार्ता के अलावा पालेमबांग में भी कई खेल आयोजित किए जाएंगे. 1962 में तीसरे स्थान पर रहा था भारत 1962 में भारत ने जकार्ता में 52 पदक जीते थे जिसमें से 12 गोल्ड, 13 सिल्वर और 27 ब्रॉन्ज मेडल थे. इस संस्करण में भारत तीसरे स्थान पर रहा था. वहीं अगर पिछले तीन संस्करणों की बात की जाए तो भारत तीनों बार 50 से ज्यादा पदक लेकर आया है. साल 2006 में 8वें स्थान पर भारत 2006 में दोहा में आयोजित किए गए खेलों में भारत 53 मेडल्स के साथ आठवें स्थान पर था. इनमें से 10 गोल्ड, 17 सिल्वर और 26 ब्रॉन्ज मेडल थे. चीन के गुआंगझाऊ में 2010 में हुए अगले संस्करण में भारत ने एशियाई खेलों में अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. इस साल भारत ने कुल 65 पदक जीते थे जिसमें से 14 गोल्ड, 17 सिल्वर और 34 ब्रॉन्ज मेडल थे. 2010 में भारत छठे स्थान पर रहा था. इंचियोन में भारत ने 57 मेडल अपने नाम करते हुए आठवां स्थान हासिल किया. इस साल भारत ने 11 गोल्ड, 10 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. इस बार भी भारतीय दल की कोशिश ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने की होगी. शनिवार को यहां के जकार्ता के जीबीके स्टेडियम में होने वाले उद्घाटन समारोह से खेलों का औपचारिक तौर पर आगाज होगा जबकि रविवार से कई कई खेलों की स्पर्धाओं की शुरुआत होगी. नीरज चोपड़ा करेंगे भारतीय दल की अगुआई उद्घाटन समारोह में भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा तिरंगा थामे भारतीय दल की अगुआई करेंगे. नीरज ने राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड अपने नाम किया था. एशियाई खेलों में भी वह भारत की पदक की उम्मीद हैं. 36 खेलों में हिस्सा लेंगे भारतीय खिलाड़ी भारत 36 खेलों में हिस्सा ले रहा है. आईओए ने एथलेटिक्स से सबसे अधिक 52 प्रतिभागियों को जकार्ता भेजने की घोषणा की है. एशियाई खेलों में इस बार आठ और नए खेलों को शामिल किया गया है. बैडमिंटन में 20 और साइक्लिंग में 15 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे जबकि कुश्ती में 18, निशानेबाजी में 28 और टेनिस से 12 खिलाड़ी हैं. इसके अलावा तीरंदाजी में 16, हॉकी में 36, बास्केटबाल में 12, हैंडबाल में 16, कबड्डी में 24, वुशू में 13, टाइवांडो में पांच, जूडो में छह कराटे में दो, मुक्केबाजी में 10, जिम्नास्टिक में 10, शतरंज में आठ, टेबल टेनिस में 10, भारोत्तोलन में पांच और गोल्फ में 10 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. इन खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद भारत की पदक की उम्मीदों की बात की जाए तो नीरज के अलावा पहलवान सुशील कुमार, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट से भारत को पदकों की उम्मीद हैं. वहीं मुक्केबाजी में पुरुषों में शिव थापा, विकास कृष्णा के ऊपर भारत का दारोमदार रहेगा. विकास के पास एशियाई खेलों में दो स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बनने का मौका है. वह 2010 में स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके हैं. महिला वर्ग में भारत की तीन मुक्केबाज हिस्सा ले रही हैं, जिनमें से सोनिया लाठर (57 किलोग्राम भारवर्ग) में से पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद है. निशानेबाजी में युवा खिलाड़ियों पर दारोमदार रहेगा. मनु भाकेर, अनीश भानवाल जैसे दो युवा खिलाड़ी इन खेलों में पदक जीतने का माद्दा रखते हैं. वहीं अनुभवी खिलाड़ियों में संजीव राजपूत भारत की झोली में लगातार तीन खेलों में पदक डालते आ रहे हैं. बैडमिंटन बैडमिंटन में पी.वी. सिंधु, सायना नेहवाल और किदाम्बी श्रीकांत के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है. वहीं राष्ट्रमंडल खेलों में देश के टेबल टेनिस खिलाड़ियों खासकर मनिका बत्रा ने पदक जीतते हुए इतिहास रचा था. इन खेलों में भी टेबल टेनिस खिलाड़ी एक और इतिहास रचने के इरादे से उतरेंगे. हॉकी हॉकी की पुरुष टीम मौजूदा विजेता के तौर पर उतर रही है. हालिया फॉर्म को देखते हुए बहुत संभावना है कि पी.आर. श्रीजेश की कप्तानी वाली टीम अपने स्वर्ण को साथ ही लेकर लौटेगी. वहीं महिला टीम 1958 में एक मात्र स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही है. पिछले संस्करण में उसके हिस्से कांसा आया था. रानी रामपाल की कप्तानी वाली टीम इस बार पदक का रंग बदलने की कोशिश में होगी. कबड्डी कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसमें भारत का शुरू से दबदबा रहा है. इस खेल में भारत का स्वर्ण लगभग पक्का है. हाल ही में आईएएएफ अंडर-20 चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीत इतिहास रचने वाली फर्राटा धावक हिमा दास पर भी सबकी निगाहें होंगी. असम की रहने वाली हिमा 400 मीटर में भारत की पदक की सबसे बड़ी उम्मीद हैं. एशियाई खेलों के उद्घाटन समारोह में इंडोनेशिया के प्रसिद्ध गायक अंगगन, राइसा, तुलुस, इडो कोनडोलोजिट, पुत्री अयु, फातिन, कामासिएन और विया वालेन अपनी परफॉर्मेंस देंगे. इनके शो के लिए एक बहुत बड़ा मंच तैयार किया गया है जिसके बैकग्राउंड में एक पहाड़ दिखाया जाएगा जिसपर इंडोनेशिया में पाए जाने वाले फूल और पौधे दिखाई देंगे. उद्घाटन समारोह में कुल 4000 डांसर अपनी परफॉर्मेंस देंगे.

राष्ट्रमंडल खेलों में मिली सफलता के बाद भारतीय खिलाड़ियों के सामने शनिवार से शुरू हो रहे 18वें एशियाई खेलों में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की चुनौती है. अप्रैल में आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित किए गए राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन सफलता हासिल की थी और …

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Asian Games 2018: इन धुरंधरों से भारत को है मेडल की उम्मीदें

कॉमनवेल्थ गेम्स में मिली सफलता के बाद भारतीय खिलाड़ियों के सामने आज से शुरू हो रहे 18वें एशियाई खेलों में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की चुनौती है. अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित किए गए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन सफलता हासिल की थी और कई ऐतिहासिक उपलब्धियां अपने नाम दर्ज कराई थीं. शनिवार को जकार्ता के जीबीके स्टेडियम में होने वाले उद्घाटन समारोह से खेलों का औपचारिक तौर पर आगाज होगा, जबकि रविवार से इन खेलों से जुड़े इवेंट्स की शुरुआत होगी. पूरे देश को उम्मीद है कि चार साल में एक बार होने वाले इन एशियाई खेलों में उतरने वाले भारत के 572 खिलाड़ी उस सफलता को दोहराएंगे और इन खेलें में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देंगे. इन खेलों की शुरुआत 1951 में नई दिल्ली से हुई थी. जकार्ता इससे पहले 1962 में एशियाई खेलों के चौथे संस्करण की मेजबानी कर चुका है. अब उसके जिम्मे 18वें संस्करण की मेजबानी को सफल बनाने का दारोमदार है. जकार्ता के अलावा पालेमबांग में भी कई खेल आयोजित किए जाएंगे. 1962 में भारत ने जकार्ता में 52 पदक जीते थे जिसमें से 12 स्वर्ण, 13 रजत और 27 कांस्य पदक थे. इस संस्करण में भारत तीसरे स्थान पर रहा था. वहीं अगर पिछले तीन संस्करणों की बात की जाए तो भारत तीनों बार 50 से ज्यादा पदक लेकर आया है. एशियाई खेलों में भारत की पदक उम्मीदों पर नजर डालते हैं- कुश्ती 1. बजरंग पूनिया: हरियाणा के इस 24 साल के पहलवान ने इंचियोन में रजत पदक जीता था. शानदार फॉर्म में चल रहा यह पहलवान 65 किलो फ्रीस्टाइल में पदक का दावेदार है और इस साल तीन टूर्नामेंट जीत चुका है. गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण के अलावा उन्होंने जॉर्जिया और इस्तांबुल में दो टूर्नामेंट जीते. 2. सुशील कुमार: भारत के सबसे सफल ओलंपियन में से एक सुशील पर अतिरिक्त दबाव होगा जो जॉर्जिया में फ्लाप रहे थे. जॉर्जिया में नाकामी के बाद लोग सवाल उठाने लगे कि एशियाड ट्रायल से उन्हें छूट क्यों दी गई. दो बार के ओलंपिक पदक विजेता अपना चिर परिचित फॉर्म दिखाने को बेताब होंगे. 3. विनेश फोगाट: रियो ओलंपिक में पैर की चोट की शिकार हुई विनेश वापसी कर रही हैं. उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और मैड्रिड में स्पेन ग्रां प्री जीती. वह 50 किलो में पदक की प्रबल दावेदार होंगी. बैडमिंटन 1. पीवी सिंधु: विश्व चैंपियनशिप रजत पदक विजेता पीवी सिंधु से काफी उम्मीदें हैं. उन्हें नांजिंग में कैरोलिना मारिन से मिली हार को भुलाकर खेलना होगा. चार बड़े फाइनल हार चुकी सिंधु पर इस कलंक को धोने का भी दबाव है. 2. साइना नेहवाल: भारत में बैडमिंटन की लोकप्रियता का ग्राफ उठाने वाली साइना लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं. उन्हें विश्व चैंपियनशिप में जिस तरह से मारिन ने हराया, वह अच्छा संकेत नहीं हैं. लेकिन उनके अनुभव और क्षमता को देखते हुए वह पदक की बड़ी उम्मीद है. 3. के श्रीकांत: राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता श्रीकांत पुरुष एकल में भारत की अकेली उम्मीद हैं. अप्रैल में नंबर एक की रैंकिंग हासिल करने वाले श्रीकांत को चीन, इंडोनेशिया और जापान के खिलाड़ियों से कड़ी चुनौती मिलेगी. निशानेबाजी 1. मनु भाकेर: हरियाणा की 16 साल की यह स्कूली छात्रा शानदार प्रदर्शन कर सुर्खियां बंटोर चुकी हैं. आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली मनु सबसे युवा भारतीय निशानेबाज बनीं. उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा जीता और 10 मीटर एयर पिस्टल में प्रबल दावेदार हैं. एथलेटिक्स 1. हिमा दास: असम के एक गांव की 20 साल की हिमा दास ने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में छठा स्थान हासिल किया था. वह आईएएएफ ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में 400 मीटर में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय बनीं. 2. नीरज चोपड़ा: इस युवा भालाफेंक खिलाड़ी के कद का अहसास इसी से हो जाता है कि यह भारतीय दल के ध्वजवाहक हैं. अंडर 20 विश्व चैंपियनशिप 2016 में स्वर्ण जीतने वाले नीरज ने राष्ट्रमंडल खेलों में इस कामयाबी को दोहराया. उन्होंने दोहा में आईएएएफ डायमंड लीग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. पिछले चार टूर्नामेंटों में से तीन में वह स्वर्ण पदक जीत चुके हैं. टेनिस 1. रोहन बोपन्ना: रोहन बोपन्ना अगर अपनी क्षमता के अनुरूप खेल सके, तो दिविज शरण के साथ युगल में पदक के दावेदार होंगे. भारत की उम्मीदों का दारोमदार रामनाथन पर भी होगा. न्यूपोर्ट एटीपी टूर्नामेंट में फाइनल तक पहुंचे रामनाथन ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था. मुक्केबाजी 1. शिवा थापा पुरुषों के 60 किलो वर्ग में थापा एशियाई खेलों में पहला पदक जीतने की कोशिश में होंगे. एशियाई चैंपियनशिप में लगातार तीन पदक जीतकर उनका आत्मविश्वास बढा है. 2. सोनिया लाठेर: एमसी मेरी कॉम की गैरमौजूदगी में विश्व चैंपियनशिप रजत पदक विजेता सोनिया लाठेर भारतीय महिला टीम की अगुवाई करेंगी. वह 57 किलो वर्ग में प्रबल दावेदार हैं . जिम्नास्टिक 1. दीपा करमाकर: घुटने की चोट के कारण राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर रहीं दीपा ने तुर्की में विश्व चैलेंज कप में स्वर्ण जीतकर वापसी की. रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहीं दीपा पदक की प्रबल दावेदार हैं. टेबल टेनिस 1. मनिका बत्रा गोल्ड कोस्ट में स्वर्ण पदक जीतने वाली मनिका राष्ट्रमंडल खेलों की स्टार रहीं. जकार्ता में प्रतिस्पर्धा अधिक कठिन होगी, लेकिन वह भी पूरी तैयारी के साथ गई है.

कॉमनवेल्थ गेम्स में मिली सफलता के बाद भारतीय खिलाड़ियों के सामने आज से शुरू हो रहे 18वें एशियाई खेलों में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की चुनौती है. अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित किए गए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन सफलता हासिल की थी और …

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IND vs ENG: तीसरा टेस्ट मैच आज से, कब और कहां देखें

IND vs ENG: तीसरा टेस्ट मैच आज से, कब और कहां देखें

टीम इंडिया और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज मैदान पर खेला जाएगा. पहले दो टेस्ट में हार झेलने के बाद भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ ‘करो या मरो’ के तीसरे टेस्ट में फतह हासिल कर वापसी करने के लिए बेताब …

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टीम में बार-बार बदलाव की आलोचना पर भड़के कोहली, दिया ये जवाब

टीम में बार-बार बदलाव की आलोचना पर भड़के कोहली, दिया ये जवाब

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने शुक्रवार को कहा कि टीम में बार-बार बदलाव से उनके खिलाड़ी असुरक्षित महसूस नहीं करते और ऐसा सोचना भी अजीब है. भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज मैदान पर खेला जाएगा. यह मैच शनिवार …

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एशियन गेम्स-2018 का आज जकार्ता में उद्घाटन, कल से होंगे इवेंट्स

एशियन गेम्स-2018 का आज जकार्ता में उद्घाटन, कल से होंगे इवेंट्स

भारतीय दल आज (18 अगस्त) से शुरू होने वाले 18वें एशियाई खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लक्ष्य के साथ उतरेगा. एशियाई खेल-2018 इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबांग में आयोजित होंगे. इन खेलों में 45 देशों के 11,000 खिलाड़ी भाग लेंगे. एशियन गेम्स का समापन 2 सितंबर को होगा. शनिवार को …

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लिएंडर पेस एशियाई खेलों में नहीं लेंगे हिस्सा, इस वजह से नाराज

भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस पुरुष युगल में एक्सपर्ट साझेदार नहीं मिलने से नाराज होकर 18वें एशियाई खेलों से हट गए हैं. पेस को जूझ रहे एकल खिलाड़ी सुमित नागल के साथ जोड़ी बनाने को कहा गया था क्योंकि अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) देश के शीर्ष युगल खिलाड़ियों रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की उनके आग्रह पर जोड़ी बनाने को सहमत हो गया था. पेस पहले ही टॉप प्लान से बाहर किए जाने से नाराज थे लेकिन इस 45 वर्षीय खिलाड़ी ने खुद को एशियाई खेलों के लिए उपलब्ध रखा था जहां उन्होंने 5 गोल्ड सहित 8 मेडस अपने नाम किए हैं. पेस ने पीटीआई को भेजे बयान में कहा, ‘बड़ी मायूसी के साथ मैं यह कह रहा हूं कि मैं इंडोनेशिया में आगामी एशियाई खेलों में नहीं खेलूंगा.’उन्होंने कहा, ‘इतने हफ्तों पहले से लगातार आग्रह करने के बावजूद यह दुखद है कि हम एशियाई खेलों में दूसरी मजबूत युगल जोड़ी के लिए युगल एक्सपर्ट को टीम में शामिल नहीं कर पाए.’ दिविज और बोपन्ना के साथ खेलने का फैसला करने के बाद कप्तान जीशान अली के पास पेस की जोड़ी नागल या रामकुमार रामनाथन के साथ बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. पेस ने सवाल उठाया कि आखिर एआईटीए दो एक्सपर्ट युगल टीमें क्यों नहीं उतार सकता. उन्होंने कहा, ‘रामकुमार काफी अच्छा खिलाड़ी है और मैं उसके साथ युगल खेलना पसंद करता लेकिन यह ध्यान में रखते हुए कि उसके पास एकल में पदक जीतने का सुनहरा मौका है, यह ठीक नहीं होगा कि मैं उसकी सर्वश्रेष्ठ स्पर्धा से उसका ध्यान भटकाऊं.’’ 3 बार से नहीं खेले एशियन गेम्स पेस पिछले दो एशियाई खेलों से बाहर रहने के बाद इस बार इस प्रतियोगिता में वापसी करने वाले थे. पेस ने कहा, ‘हमारे युगल एक्सपर्ट श्रीराम बालाजी, विष्णु वर्धन, पूरव राजा और जीवन नेदुनचेझियान मौजूदा सत्र में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और इनमें से एक एशियाई खेलों की टीम को मजबूत करने के लिए इसमें शामिल होने का हकदार था.’ लिएंडर पेस ने कहा कि उनकी गैरमौजूदगी से भारत की संभावना पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘टीम की संभावनाओं पर असर पड़ने की जगह मुझे लगता है कि मेरी गैरमौजूदगी में बाकी खिलाड़ियों को अधिक स्पर्धाएं खेलने में मदद मिलेगी, फिर चाहे यह युगल हो या मिश्रित युगल.’

भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस पुरुष युगल में एक्सपर्ट साझेदार नहीं मिलने से नाराज होकर 18वें एशियाई खेलों से हट गए हैं. पेस को जूझ रहे एकल खिलाड़ी सुमित नागल के साथ जोड़ी बनाने को कहा गया था क्योंकि अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) देश के शीर्ष युगल …

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टेस्ट में पारी की शुरुआत की पेशकश की गई तो इसके लिए तैयार हूं: रोहित

इंग्लैंड दौरे पर ओपनिंग की समस्या से जूझ रही टीम इंडिया की समस्या रोहित शर्मा हल करना चाहते हैं. रोहित के मुताबिक अगर भारतीय टीम मैनेजमेंट उन्हें बतौर ओपनर टेस्ट में उतारती है तो वह इस नई और बड़ी जिम्मेदारी के किए तैयार हैं. वनडे और टी-20 में पारी के आगाज ने रोहित शर्मा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में 25 मैचों में तीन शतक और नौ अर्धशतक से 40 से कुछ कम की औसत से 1479 रन बनाए हैं, लेकिन फिलहाल वह पांच दिवसीय प्रारूप की टीम का हिस्सा नहीं हैं. लोकेश राहुल, शिखर धवन और मुरली विजय की सलामी तिकड़ी को इंग्लैंड में जूझना पड़ रहा है और ऐसे में जब रोहित से पूछा गया कि क्या वह टेस्ट क्रिकेट में भी पारी का आगाज करने को तैयार हैं तो उन्होंने कहा, ‘देखिए, मुझे अब तक कभी ऐसी पेशकश (टेस्ट क्रिकेट में पारी का आगाज) नहीं की गई लेकिन टीम प्रबंधन जो भी चाहता है मैं उसके लिए तैयार हूं.' अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से शोक में डूबा खेल जगत रोहित ने कहा, ‘जब मैंने खेलना शुरू किया या जब मैं भारत की ओर से खेल रहा था तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं वनडे मैचों में पारी की शुरुआत करूंगा, यह आगे बढ़ते हुए हो गया, इसलिए मैंने अपने विकल्प खुले रखे हैं. मैंने किसी विकल्प को बंद नहीं किया है इसलिए अगर मौका मिलेगा तो मैं इसके लिए तैयार हूं.’ उपमहाद्वीप के बाहर रोहित की तकनीक पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस स्टार बल्लेबाज को अब भी टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीद है. रोहित ने पहले दो टेस्ट में शिकस्त के बाद पांच मैचों की सीरीज में 0-2 से पिछड़ी भारतीय टीम का समर्थन करते हुए कहा कि वापसी संभव है लेकिन यह आसान नहीं होगी. पंड्या न तो बल्ले से चल रहे, न विकेट ले रहे, इस दिग्गज ने उठाए सवाल रोहित ने कहा, ‘हां बेशक, हमें विश्वास रखना होगा कि हम ऐसा कर सकते हैं. यह इतना आसान नहीं होने वाला. हमने दक्षिण अफ्रीका में ऐसा किया जब पहले दो टेस्ट मैच गंवाने के बाद हमने जोहानिसबर्ग में वापसी की और वह टेस्ट जीता.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम ऐसा कर सकते हैं, ऐसा नहीं है कि हम ऐसा नहीं कर सकते और टेस्ट मैच नहीं जीत सकते. हमने पहले भी इंग्लैंड में टेस्ट मैच जीते हैं, हमें बस इस मानसिकता के साथ उतरना होगा, उसी तरह खेलना होगा जैसे इंग्लैंड के पिछले दौरों पर टेस्ट मैच जीतने के दौरान खेले थे.इंग्लैंड दौरे पर ओपनिंग की समस्या से जूझ रही टीम इंडिया की समस्या रोहित शर्मा हल करना चाहते हैं. रोहित के मुताबिक अगर भारतीय टीम मैनेजमेंट उन्हें बतौर ओपनर टेस्ट में उतारती है तो वह इस नई और बड़ी जिम्मेदारी के किए तैयार हैं. वनडे और टी-20 में पारी के आगाज ने रोहित शर्मा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में 25 मैचों में तीन शतक और नौ अर्धशतक से 40 से कुछ कम की औसत से 1479 रन बनाए हैं, लेकिन फिलहाल वह पांच दिवसीय प्रारूप की टीम का हिस्सा नहीं हैं. लोकेश राहुल, शिखर धवन और मुरली विजय की सलामी तिकड़ी को इंग्लैंड में जूझना पड़ रहा है और ऐसे में जब रोहित से पूछा गया कि क्या वह टेस्ट क्रिकेट में भी पारी का आगाज करने को तैयार हैं तो उन्होंने कहा, ‘देखिए, मुझे अब तक कभी ऐसी पेशकश (टेस्ट क्रिकेट में पारी का आगाज) नहीं की गई लेकिन टीम प्रबंधन जो भी चाहता है मैं उसके लिए तैयार हूं.' अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से शोक में डूबा खेल जगत रोहित ने कहा, ‘जब मैंने खेलना शुरू किया या जब मैं भारत की ओर से खेल रहा था तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं वनडे मैचों में पारी की शुरुआत करूंगा, यह आगे बढ़ते हुए हो गया, इसलिए मैंने अपने विकल्प खुले रखे हैं. मैंने किसी विकल्प को बंद नहीं किया है इसलिए अगर मौका मिलेगा तो मैं इसके लिए तैयार हूं.’ उपमहाद्वीप के बाहर रोहित की तकनीक पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस स्टार बल्लेबाज को अब भी टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीद है. रोहित ने पहले दो टेस्ट में शिकस्त के बाद पांच मैचों की सीरीज में 0-2 से पिछड़ी भारतीय टीम का समर्थन करते हुए कहा कि वापसी संभव है लेकिन यह आसान नहीं होगी. पंड्या न तो बल्ले से चल रहे, न विकेट ले रहे, इस दिग्गज ने उठाए सवाल रोहित ने कहा, ‘हां बेशक, हमें विश्वास रखना होगा कि हम ऐसा कर सकते हैं. यह इतना आसान नहीं होने वाला. हमने दक्षिण अफ्रीका में ऐसा किया जब पहले दो टेस्ट मैच गंवाने के बाद हमने जोहानिसबर्ग में वापसी की और वह टेस्ट जीता.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम ऐसा कर सकते हैं, ऐसा नहीं है कि हम ऐसा नहीं कर सकते और टेस्ट मैच नहीं जीत सकते. हमने पहले भी इंग्लैंड में टेस्ट मैच जीते हैं, हमें बस इस मानसिकता के साथ उतरना होगा, उसी तरह खेलना होगा जैसे इंग्लैंड के पिछले दौरों पर टेस्ट मैच जीतने के दौरान खेले थे.

इंग्लैंड दौरे पर ओपनिंग की समस्या से जूझ रही टीम इंडिया की समस्या रोहित शर्मा हल करना चाहते हैं. रोहित के मुताबिक अगर भारतीय टीम मैनेजमेंट उन्हें बतौर ओपनर टेस्ट में उतारती है तो वह इस नई और बड़ी जिम्मेदारी के किए तैयार हैं. वनडे और टी-20 में पारी के …

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पाकिस्तानी बल्लेबाज नासिर जमशेद पर 10 साल का प्रतिबंध

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज नासिर जमशेद पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया है. जमशेद पर यह प्रतिबंध पीसीबी के भ्रष्टाचार विरोधी नियमों का बार-बार उल्लंघन के मद्देनजर लगाया गया है. तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि किसी भी क्रिकेट प्रारूप से प्रतिबंध के अलावा जमशेद भ्रष्टाचार विरोधी नियमों का पांच से सात बार उल्लंघन के कारण पाकिस्तान क्रिकेट में आजीवन किसी भी प्रकार के प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाने के लिए अयोग्य घोषित होना चाहिए. ये भी पढ़ें- स्पॉट फिक्सिंग मामले में पाकिस्तान के शर्जील खान पर 5 साल का बैन पिछले दो वर्षों में यह दूसरी बार जमशेद को दोषी ठहराया गया है. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में जमशेद को 2017 पीएसएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में पर्याप्त सहयोग न देने के लिए एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था. इस साल की शुरुआत में जमशेद पर लगा यह प्रतिबंध समाप्त हुआ था, लेकिन अब उन पर एक बार फिर प्रतिबंध लगा है, जो लंबे समय के लिए है. जमशेद ने पाकिस्तान के लिए दो टेस्ट, 48 वनडे और 18 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. उन्होंने 2012 में भारत के खिलाफ लगातार तीन एकदिवसीय शतक भी लगाए थे.

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज नासिर जमशेद पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया है. जमशेद पर यह प्रतिबंध पीसीबी के भ्रष्टाचार विरोधी नियमों का बार-बार उल्लंघन के मद्देनजर लगाया गया है. तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि किसी भी क्रिकेट …

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कोहली चोट के बावजूद नॉटिंघम टेस्ट में ज्यादा खतरनाक होंगे: बेलिस

कोहली चोट के बावजूद नॉटिंघम टेस्ट में ज्यादा खतरनाक होंगे: बेलिसकोहली चोट के बावजूद नॉटिंघम टेस्ट में ज्यादा खतरनाक होंगे: बेलिस

इंग्लैंड के कोच ट्रेवर बेलिस का मानना है कि पीठ की चोट से उबर रहे भारतीय कप्तान विराट कोहली दोनों देशों के बीच होने वाले सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में और अधिक खतरनाक होंगे. कोहली दूसरे टेस्ट के चौथे दिन फील्डिंग के लिए मैदान पर नहीं उतरे थे. उन्होंने …

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