प्रकृति के नियमों से खिलवाड़ और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के जरिये मानव ने विकास के नाम पर आपदा मोल ले ली। अंधाधुंध औद्योगिकीकरण के नाम पर जल, जंगल, जमीन व आसमान सभी के साथ खिलवाड़ हुआ। जो नदी, तालाब व झील हमें जीवन अमृत प्रदान करतेथे, आज उनमें प्रदूषक …
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