नई दिल्ली : बारिश के मौसम में बाढ़ जहां देश के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाती है तो गर्मी के मौसम में सूखे से कई इलाकों में पीने के पानी के लिए भी त्राहिमाम मचा रहता है।
अभी-अभी: राम रहीम पर हुआ एक और बड़ा खुलासा, जानिए क्या है ‘स्प्रे कर दो’ कोड का मतलब…
इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 87 बिलियन डॉलर यानी 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से मेगा प्लान बनाने की कवायद में जुटे हैं। दरअसल सरकार बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए देश की बड़ी नदियों को आपस में जोड़ने के प्लान पर काम कर रही है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक अगर सबकुछ ठीक रहा तो इस महीने आखिर तक इस प्लान पर काम भी शुरू हो जाएगा।
फिर से आई लालू पर बड़ी मुसीबत, IT विभाग ने भेजा नोटिस, पूछा- महारैली का पैसा कहां से आया
दरअसल देश को बाढ़ और सूखे से निजात दिलाने के लिए 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने देश की नदियों को जोड़े जाने का प्रस्ताव रखा था और इसके लिए एक कार्यदल का भी गठन किया गया था। लेकिन केंद्र में सरकार बढ़ने के बाद ये प्लान आगे नहीं बढ़ पाया था।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री की हालत हुई गंभीर, देहरादून से लाकर दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में कराया भर्ती
खबरों के मुताबिक इसके तहत पहले चरण में गंगा समेत देश की 60 नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि ऐसा होने के बाद किसानों की मानसून पर निर्भरता कम हो जाएगी और लाखों हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई हो सकेगी। साथ ही बाढ़ से बड़े पैमाने पर होने वाली तबाही से भी बचा जा सकेगा।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features