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ओवैसी और राजभर की हुई मुलाकात, भाजपा के खिलाफ सियासी रणनीति पर मंथन

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उप्र विधानसभा चुनाव से पहले छोटे दल अपनी खिचड़ी पकाने में जुटे

लखनऊ। मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की रणनीति की साफ झलक मिलने के बाद विपक्ष भी अपना ताना-बाना बुनने में जुट गया है। चुनाव से पहले भाजपा को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के लिए जहां एक तरफ बयानबाजी तेज हो गई है, वहीं नए सियासी गठबंधन को धरातल पर उतारने की तैयारी है। इसी सिलसिले में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी गुरुवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात करने राजधानी पहुंचे।

औवेसी उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। उनकी नजर मुस्लिम वोट बैंक के साथ दलितों और पिछड़ों पर है। इसलिए वह भाजपा विरोधी दलों के साथ गठबन्धन को लेकर सम्भावनाएं तलाश रहे हैं। अखिलेश यादव और संजय सिंह की बीते दिनों मुलाकात के बाद समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच नई चुनावी दोस्ती की चर्चा जहां जोरों पर हैं। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती के विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के ऐलान के बाद औवेसी की चुनावी गठबन्धन करने के लिए छोटे दलों पर नजर है।

इसी के मद्देनजर वह गुरुवार को लखनऊ पहुंचे और सियासी रणनीति को लेकर राजभर के साथ चर्चा कर रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच चुनाव में सीटों के बंटवारे पर मंथन चल रहा है। सुभासपा पहले भाजपा की सहयोगी पार्टी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 के बाद दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गए। राजभर अब विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा विरोधी दलों के साथ मिलकर अपनी ​रणनीति को धार देने में जुटे हैं। उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव को लेकर भागीदारी संकल्प मोर्चा को मजबूती देने में जुटी है।

चुनावी सरगर्मियां तेज होने के बाद राजभर भाजपा के खिलाफ मुखर बने हुए हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में अतिपिछड़ी जातियों को सिर्फ धोखा मिलने के बात कहते हुए विधानसभा चुनाव में सभी उपेक्षित जातियों को एकजुट करके अपनी सरकार बनाने का दावा भी किया है।

राजभर ने गुरुवार को भाजपा पर धर्म के नाम पर खतरे की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, वंचित वर्ग के लोगों हमें अपने हक, अधिकार सम्मान की लड़ाई लड़ना है। भाजपा हमें, हिंदू-मुस्लिम भारत-पाकिस्तान, मंदिर मस्जिद के लफड़े में फ़साना चाहती है। हमें अपने समाज के शिक्षा स्वास्थ्य, रोजगार, नौकरी के लिए संघर्ष करना होगा।

सुभासपा अध्यक्ष ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 जैसे जैसे नज़दीक आएगा। वैसे वैसे हिंदू खतरे में, राष्ट्र खतरे में बताया जाएगा। इस तरह का प्रोपेगेंडा भाजपा फैलाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ नहीं खतरे में है, सिर्फ भाजपा नेताओं की कुर्सी खतरे में है। हमारे अधिकारों को लूटने वाली भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल कर 2022 में अपनी सरकार बनाकर अपने अधिकारों की रक्षा खुद करना होगा।

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