पहनने वाले के व्‍यक्‍तित्‍व में निखार लाता है पन्‍ना, जानें इस रत्‍न की खासियतें

पन्ना या एमराल्‍ड एक ऐसा रत्‍न है जो आभूषण और ज्‍योतिष दोनों में काफी प्रचलित है। यह रत्‍न पहनने वाले के जीवन में खुशहाली, सम्‍पन्‍नता और प्रेम दर्शाता है। ज्‍योतिष में यह रत्‍न बुद्ध ग्रह को मजबूत करने के लिए पहना जाता है। इस रत्‍न को पहनने वाले को शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में सफलता प्राप्‍त होती है। ज्‍योतिष शास्‍त्र के मुताबिक पन्‍ना पहनने से याद्दाश्‍त अच्‍छी और बुद्धि तेज होती है। साथ ही इसे पहनने से व्यक्‍ति की अधूरी इच्‍छाएं पूरी होती हैं।

यह रत्‍न बुद्ध ग्रह के जैसा गहरा हरा रंग का दिखता है। साथ ही इसमें बुध ग्रह के जैसे गुण भी होते हैं। पन्‍ना पहनने से व्‍यक्‍ति की तर्क क्षमता बेहतर होती है। उसे गणनात्‍मक कार्यों में लाभ मिलता है और बौद्धिक स्‍तर बढ़ता है। यह रत्‍न भारत और जिंबाब्‍वे समेत कई और देशों में पाया जाता है। मूलत: यह रत्‍न हरे के ही पांच विभिन्‍न शेड में पाया जाता है। इसमें से एक गहरा हरा है, इसके अलावा पानी के रंग जैसा, सरेस के फलों के रंग से मेल खाता, तोते के पंख वाला हरा रंग का होता है। पन्‍ना के कुछ रत्‍न मयूरपंख के रंग जैसे तो कुछ संदुल के फूल जैसे भी होते हैं।

किसे पहनना चाहिए पन्‍ना रत्‍न

पन्‍ना रत्‍न कुंडली का विचार करने के बाद ही धारण करना चाहिए। कुंडली के लिहाज अगर यह रत्‍न शुभ रहेगा, तो ही इसे पहनें। आइए जानते हैं किसे पहनना चाहिए यह रत्‍न :

– पन्‍ना रत्‍न मिथुन, कन्‍या, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए अच्‍छा माना जाता है।

– किसी गंभीर बीमारी जैसे त्‍वचा से जुड़ी परेशानी, मानसिक तकलीफ से गुजर रहे जातक को यह रत्‍न पहनाया जाए तो उसे बहुत फायदा होता है।

– जातक की कुंडली में बुद्ध ग्रह 8वें या 12वें भाव में नहीं हो और उसकी अंतरदशा या महादशा चल रही हो तो तो पन्‍ना पहनने से लाभ होता है।

– इसी तरह बुद्ध ग्रह पर अगर शत्रु ग्रहों की नजर हो या मंगल, शनि, राहु या केतु के साथ मौजूद हो तो भी पन्‍ना पहनना चाहिए।

– जातक की कुंडली में लग्‍न के भाव में कन्‍या या मिथुन ग्रह हों तो पन्‍ना पहनने से परेशानी दूर हो जाती है। कुंडली में लग्‍न के सामने सप्‍तम भाव में बैठे ग्रह का विचार करना भी जरूरी होता है। लग्‍न भाव में मिथुन हो तो पन्‍ना पहनने से पिता पक्ष से, कारोबार और नौकरी में फायदा होता है।

पन्‍ना रत्‍न पहनने के नियम

– अगर आप ज्‍योतिषीय कारणों से पन्‍ना रत्‍न पहन रहे हैं तो इसे सोने अथवा चांदी में ढलवाकर पहनें

– पन्‍ना सीधे हाथ ही कनिष्‍ठा उंगली में पहना जाता है

– यह रत्‍न बुद्ध ग्रह को मजबूत करने के लिए पहना जाता है इसलिए इसे बुधवार के दिन धारण करना चाहिए

– इसे पहनने से पहले गंगाजल और गाय के कच्‍चे दूध में अभिषेक करें, इसके बाद इसे गणेश जी के सामने रखें और पुष्‍प चढ़ाकर धूप दिखाएं

– बुद्ध मंत्र ऊं बुम बुद्धाय नम: की तीन माला का जाप करें और पूर्व या उत्‍तर दिशा की तरफ मुंह करके पन्‍ना पहनें।

अपराजिता श्रीवास्‍तव

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