PM मोदी का लेख 10 आसियान देशों के 27 अखबारों ने छापा....

PM मोदी का लेख 10 आसियान देशों के 27 अखबारों ने छापा….

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक आलेख लिखा है जो भारत में मुख्य मेहमान के तौर पर आए 10 आसियान देशों के स्थानीय अखबारों में छपा है. इन 10 देशों की 10 भाषाओं के 27 अखबारों ने इस लेख को प्रकाशित किया है.PM मोदी का लेख 10 आसियान देशों के 27 अखबारों ने छापा....

‘शेयर्ड वैल्यूज, कॉमन डेस्टीनी’ नाम के अपने लेख के बारे में मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी. इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी ट्वीट के जरिए विदेशी भाषा में छपे लेख की कटिंग शेयर की. 

बाद में रवीश के ट्वीट को प्रधानमंत्री मोदी ने रिट्वीट भी किया. जानते हैं मोदी के इस आलेख की खास बातें. मोदी ने लेख की शुरुआत गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर सवा अरब भारतीयों के लिए आसियान के 10 नेताओं को बतौर मेहमान स्वागत कर गौरवान्वित होने से की.

मोदी ने आगे लिखा कि भारत-आसियान स्मारक सम्मेलन की 25वी वर्षगांठ पर हमारी दोस्ती में और गरमाहट आएगी. यह कोई आम कार्यक्रम नहीं है. 1.9 अरब की आबादी वाली यह दोस्ती एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगी. भारत-आसियान की साझेदारी महज 25 साल पुरानी नहीं है बल्कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ हमारा रिश्ता 2 हजार साल से भी पुराना है.

भारत के लिए बड़े पार्टनर और मार्केट पूर्वी एशिया में आसियान से लेकर उत्तर अमेरिका और पूरब तक फैले हुए हैं.

हमारे पड़ोसी दक्षिण पूर्व एशिया और आसियान देश हमसे मैदानी और सामुद्रिक स्तर मिले हुए हैं. अपनी ‘लुक ईस्ट’ नीति में कामयाबी हासिल करने के बाद पिछले 3 साल से ‘एक्ट ईस्ट’ नीति पर काम कर रहे हैं.

भारत और आसियान अब स्ट्रैटेजिक पार्टनर हो बन गए हैं. हमारा सभी आसियान देशों के साथ डिप्लोमैटिक, इकनोमिक और सिक्योरिटी स्तर पर साझेदारी में इजाफा हो रहा है. हम एक-दूसरे के साथ मिलकर अपनी समुद्री सीमा को और बेहतर तरीके से सुरक्षित रख रहे हैं. 

हमारा आसियान देशों के साथ निवेश में कई गुना वृद्धि हुई है. आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि भारत आसियान का सातवां सबसे बड़ा साझेदार है. भारत का 20 फीसदी निर्गामी निवेश आसियान के साथ ही है. आसियान देशों में सिंगापुर ने भारत का सबसे बड़ा निवेश किया हुआ है.

राजनीतिक स्तर पर हमारे संबंध काफी बेहतर हुए हैं, एक-दूसरे के रिश्तों में गरमाहट और विश्वास काफी बढ़ा है. रक्षा समझौतों से रिश्तों में और बेहतरी आई है. हजारों भारतीय कंपनियां सिंगापुर में रजिस्टर्ड हैं. भारत के 16 शहर सिंगापुर के लिए हर हफ्ते 240 सीधे उड़ान भरते हैं. सिंगापुर में एक-तिहाई पर्यटक भारत से ही जाते हैं.

भारत क्षेत्रीय बृहद आर्थिक साझेदारी समझौते को लेकर बेहद उत्साहित है. वह सभी 16 प्रतिभागियों के साथ व्यापक, संतुलित और खुले तौर पर करार चाहता है. उन्होंने लिखा, “बतौर प्रधानमंत्री मैं 4 आसियान-भारत सालाना सम्मेलन और ईस्ट एशिया समिट में हिस्सा ले चुका है. आसियान एकता के साथ मेरा विश्वास बढ़ा है.”

भारत दुनिया में सबसे तेज बढ़ने वाला अर्थव्यवस्था है और वैश्विक स्तर पर वह नया क्षेत्र बनकर उभरा है. भारत में बिजनेस करना लगातार आसान होता जा रहा है. मुझे उम्मीद है कि हमारे पड़ोसी और मित्र आसियान देश नए भारत का जरूरी हिस्सा बनेंगे.

भारत हमेशा से सूर्योदय और उम्मीद के लिए पूरब की ओर ही देखता है. पहले की तरह अब पूरब या भारतीय प्रशांत क्षेत्र भारत के भविष्य और भाग्य के लिए बेहद अहम साबित होंगे. भारत-आसियान साझेदारी दोनों के लिए अहम भूमिका अदा रहेगी. दिल्ली में आसियान और भारत अपनी यात्रा को नए सिरे से लिखा जाएगा.

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