आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को घेरने और अमेरिका को उसकी वैश्विक जिम्मेदारी का एहसास करने के लिए भारत ने नई रणनीति तैयार कर ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के ठीक पहले भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए इसका साफ संकेत भी दे दिया है. उन्होंने बिना नाम लिए जहां एक ओर पाकिस्तान को चेतावनी दी, तो दूसरी ओर से ट्रंप को नसीहत दी.
मोदी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि हम जब सर्जिकल स्ट्राइक करते हैं, तो दुनिया को हमारी ताकत का पता चलता है. हमने सर्जिकल स्ट्राइक करके यह दिखा दिया है कि हम संयम रखते हैं, लेकिन सामर्थ्य भी रखते हैं. हम वैश्विक व्यवस्था को तहसनहस नहीं करते हैं. हम वसुधैव कुटुंबकम पर विश्वास करते हैं. इसको हमारी कमजोरी नहीं समझी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत की सर्जिकल स्ट्राइक पर दुनिया के किसी देश ने सवाल नहीं उठाया.
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मोदी ने इस बयान से अमेरिका को भी जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक जिम्मेदारी का एहसास कराया. मोदी ने दुनिया के सामने यह भी साफ कर दिया कि भारत किसी के सामने झुकने वाला नहीं है. अब पीएम मोदी डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत के दौरान अफगानिस्तान में हो रहे आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान की साजिश का मुद्दा उठ सकता है.
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इसके अलावा बलूचिस्तान में पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे अत्याचार के मसले को भी उठाया जा सकता है. इससे पाकिस्तान की कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीयकरण करने की साजिश भी नाकाम की जा सकेगी और वह खुद घिर जाएगा. पाकिस्तान न सिर्फ भारत बल्कि अफगानिस्तान में भी आतंकी हमले करवा रहा है. अमेरिका भी इस बात को मानता है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी नागरिकों और सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है.
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इसके चलते अमेरिकी संसद में पाकिस्तान को मिले मेजर नॉन-नाटो सहयोगी (MNNA यानी मेजर नान नाटो एलाय) के दर्जे को रद्द करने को लेकर बिल भी पेश किया गया है. वरिष्ठ अमेरिकी सीनेटर टेड पो ने कहा कि पाकिस्तान के हाथ अमेरिकियों की हत्या से रंगे हुए हैं. ऐसे में अमेरिका अपने हित को साधने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत के साथ आ जाएगा. पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से मिलने वाली आर्थिक और सैन्य मदद भी बंद हो सकती है. पीएम मोदी की तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रुख आतंकवाद को लेकर बेहद कड़ा है.