पीएम मोदी ने अखिल भारतीय मेयर सम्मेलन का किया उद्घाटन, कही ये बात

वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में आयोजित अखिल भारतीय मेयर सम्मेलन का वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करने के साथ ही मेयर्स को संबोधित किया। इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे। सम्मेलन का विषय है ‘नया शहरी भारत’।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आप सभी लोग अपने शहर के प्रथम नागरिक हैं। इसी कारण आपकी जिम्मेदारी भी काफी बड़ी है। अपने शहर के विकास का रोडमैप आपको तय करना है। इतना ही नहीं आप को बचत के साथ बड़ा काम करना है। उन्होंने कहा कि अपने शहर के बारे में आप आपको तय करना चाहिए कि मेरे शहर की हर गली में हर बल्ब एलईडी हो। इससे नगर पालिका, महानगर पालिका के बिजली का बिल काफी कम हो जाएगा और रोशनी भी अच्छी मिलेगी। उस प्रकार से अपने शहर के हर घर में भी एलईडी बल्ब उपलब्ध हो, इससे मध्यम वर्ग के घरों में बिजली का बिल कम होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी हाल में जब मैं काशी में था तब मैंने कहा था कि काशी का विकास पूरे देश के लिए विकास का एक रोडमैप बन सकता है। हमारे देश में ज्यादातर शहर पारंपरिक शहर ही हैं, यहां पर सभ्यता तथा संस्कृति पारंपरिक तरीके से ही विकसित हुई है। आधुनिकीकरण के इस दौर में हमारे इन शहरों की प्राचीनता भी उतनी ही अहमियत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी के गंगा घाट पर दुनियाभर के पर्यटक आते हैं। काशी की अर्थव्यवस्था को चलाने में माता गंगा को बहुत बड़ा योगदान है। हम सभी को अपने शहरों की नदी के प्रति एक संवेदनशील अप्रोच अपनानी होगी। जिससे नदी साफ रह सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपील की कि देश भर के मेयर पीएम स्वनिधि की चिंता करें। मैं सभी मेयर से इतना संवाद किया हूं, हो सकता है सब चीज आप कर सकें या न कर सकें। लेकिन एक काम अगर आप करेंगे आपको बहुत सुख मिलेगा और संतोष मिलेगा और वह है पीएम स्वनिधि योजना। आप भली भांति जानते हैं हर शहर में पटरी वाले होते हैं। माइक्रो इकोनामी में ये बहुत बड़ी ताकत होते हैं पर सबसे उपेक्षित रहते हैं। साहूकार से महंगे ब्याज पर पैसा लेता है और उसे ही चुकाने में परेशान रहते हैं। यह पीएम स्वनिधि योजना इनके लिए ही है। इनको मजबूत करिए।

कोरोना काल की दिलाई याद

पीएम मोदी ने याद कराया कि छोटे कामगारों ने कैसे लोगों की कोरोना काल में मदद की। कोरोना काल में अच्छे-अच्छे लोगों ने देख लिया कि इनके बिना जीना मुश्किल है। दो दिन सब्जी वाला नहीं आया, अखबार वाला नहीं है, सफाई वाला नहीं है तो हम परेशान होते थे। इनके भरोसे हमारे जिंदगी चलती है। कोरोना ने उनकी ताकत का एहसास करा दिया। हम इनको कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे। इनकी मुसीबतों को हम हमेशा देखेंगे।

उन्होंने ‘न्यू अर्बन इंडिया’ विषय पर देश भर के मेयर से अपील की कि वे अपने निगम क्षेत्र में रेहड़ी-पटरी वालों को समृद्ध बनाएं। आप अपने नगर निगम की लिस्ट बनाइए और मोबाइल पर लेन देन का काम सीखा दीजिए। इनसे डिजिटल ट्रांजेक्शन कराया जाए तो बैंक इनकी ज्यादा मदद कर सकेंगे। इनके उन्नयन से शहर का विकास होगा।

काशी की धरती पर *संकल्प लेने का किया आह्वान

पीएम ने उपस्थित मेयरों से कहा कि काशी की धरती से मां गंगा के तट पर आप संकल्प लेकर जाइए कि 26 जनवरी से पहले हम स्वनिधि के लिए काम करेंगे। अगर इनका बैंक का खाता खुल जाएगा, इनको डिजिटल की ट्रेनिंग दी जाएगी तो देखते-देखते डिजिटल का कारोबार बढ़ेगा और हो सकेगा तो इनको शून्य ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो जाएगा। शहरों के विकास के लिए हमें विरासत भी चाहिए और विकास भी।

सात वर्ष पहले जो लोग काशी आए वो आज काशी को नहीं पहचानते

कार्यक्रम में मेयर्स को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सम्मेलन की थीम ‘न्यू अर्बन इंडिया’ रखी गई है। शहरी क्षेत्रों में जीवन को आसान बनाने के लिए प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है, सरकार ने शहरी बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की कमी के मुद्दों को हल करने के लिए कई योजनाएं और पहल शुरू की हैं। प्रधानमंत्री वाराणसी के सांसद भी है और उन्‍होंने यहां का पूरा ध्‍यान दिया। काशी को दुनिया के सामने एक नए रूप और अंदाज में प्रस्‍तुत किया। काशी में साफ-सफाई , लटकते बिजली के तार, संकरी ग‍लियों को ठीक किया। विगत सात वर्षों के दौरान काशी के विकास में प्रतिदिन नए अध्‍याय जुड़ते चले गए। इस सम्‍मेलन के माध्‍यम से हम सभी यहां अनुभव को प्राप्‍त करेंगे। देश के महापौर को काशी से नए अनुभव व ऊर्जा की प्राप्ति होगी। गुरुवार को काशी भ्रमण के बाद महापौरों ने यहां के विकास कार्यों को देखा और समझा। काशी के विकास के मॉडल को अनुभव किया। प्रधानमंत्री के इस प्रयास से देश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हो रहा। स्‍मार्ट सिटी मिशन के तहत कई योजनाएं संचालित हो रहे है। बीते सात वर्ष में वाराणसी ने विकास के नए मापदंड स्थापित किए हैं। सात वर्ष पहले जो लोग काशी आए वो आज काशी को नहीं पहचानते क्योंकि 2014 के पहले काशी में बिना किसी प्लान के केवल अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए जो विकास होते थे वो यहां के जनजीवन की व्यवस्था को अस्त व्यस्त कर देते थे।

वाराणसी के मेयर सम्मेलन की थीम न्यू अर्बन इंडिया है। शहरी क्षेत्रों में जीवन को आसान बनाने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से निरंतर प्रयास रहा है। सरकार ने शहरी बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की कमी के मुद्दों को हल करने के लिए कई योजनाएं और पहल शुरू की हैं। इन प्रयासों का खास तौर से फोकस उत्तर प्रदेश पर रहा है, जिसने विशेष रूप से पिछले पांच सालों में शहरी परिदृश्य में जबरदस्त प्रगति और परिवर्तन देखा है। शहरों के विकास को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र और यूपी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए 17 से 19 दिसंबर तक एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है।

नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन को प्रदेश सरकार की ओर से संयोजक बनाया गया है। यह जिम्मेदारी संगठन की ओर से एमएलसी अशोक धवन को दी गई है। सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव डीएस मिश्रा, अपर मुख्य सचिव नगर विकास डा. रजनीश दुबे, महापौर मृदुला जायसवाल, विशेष सचिव अनुराग यादव व नगर आयुक्त प्रणय सिंह आयोजन स्थल पर पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया। आयोजन स्थल पर काशी में हुए विकास माडल को विभिन्न प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया गया है । आयोजन के दौरान न्यू अर्बन इंडिया व यूपी के शहरी विकास व उसकी संभावनाओं पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी। इसके अलावा प्राचीन शहर काशी की सांस्कृतिक विकास पर भी एक फिल्म दिखाई जाएगी।

 

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