औरैया के अछल्दा में कैफियात एक्सप्रेस का हादसा ट्रैक पर डंपर पलटने से ही हुआ है। हादसे के दिन रेलवे के अधिकारी अचानक डंपर आने की बात कह रहे थे। मगर पंचर जोड़ने वाले युवक के बयान से रेलवे अफसरों की कुर्सियां हिल गई हैं।
बीते बुधवार तड़के आजमगढ़ से दिल्ली जा रही कैफियात एक्सप्रेस ट्रैक पर पड़े डंपर से टकराकर हादसे का शिकार हो गई थी। इस मामले में ट्रेन चालक व सहचालक ने अचानक डंपर के ट्रैक पर आने की बात कही थी। यही बात रेलवे के अधिकारी भी यही कह रहे थे। सभी डंपर चालक के पकड़ने पर ही खुलासे की उम्मीद कर रहे थे। मगर इस घटना का चश्मदीद एक और गवाह है। प्रेमनगर निवासी मो. शरीफ जो कि पंचर जोड़ने का काम करता है। मो. शरीफ ने बताया कि बुधवार रात में कई डंपर मिट्टी डाल रहे थे।
इसमें एक डंपर पंचर हो गया था। इसे वे जोड़ रहा था। तभी उस डंपर चालक के पास बब्लू का फोन आया कि उसका ट्रैक पर डंपर पलट गया है। मो. शरीफ बताता है कि इसके बाद वह तुरंत गेटमैन के पास गया और सूचना दी। इस पर गेटमेन ने केबिन में रखे फोन से स्टेशन मास्टर मनीष बाबू को सूचना दी। शरीफ बताता है कि इसके बाद वह घटनास्थल की तरफ दौड़ा मगर तब तक ट्रेन आ गई थी और वह वापस भाग खड़ा हुआ। देखते ही देखते हादसा हो गया। मो. शरीफ के बयान से अब रेलवे के अधिकारी भी फंसते आ रहे है। इस संबंध में उस समय ड्यूटी पर रहे गेटमैन अमरेंद्र कुमार ने बताया कि वह सारी जानकारी जांच अधिकारी दे चुके हैं। उनके पास सूचना आई थी तो उन्होंने स्टेशन मास्टर को दे दी थी। मगर समय बहुत कम मिला तब तक हादसा हो गया।
पंचर जोड़ने वाले शरीफ के बयान से रेलवे अधिकारी घिरे
इस मामले में चालक एसके चौहान व सहचालक हंसराज मीना ने बताया था कि ट्रेन 107 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ रही थी। इसी दौरान फ्रेट कॉरिडोर में मिट्टी डाल रहा एक डंपर अचानक ही ट्रेन के सामने आ गया था। इसकी वजह से हादसा हुआ।
उस समय भी पच नहीं था चालक का बयान
हादसे में डंपर के आगे का हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। चालक के बयान को लोग पचा नहीं पा रहे थे। क्योंकि, अगर अचानक डंपर ट्रेन के सामने आता तो डंपर का चालक भी नहीं बचता। मगर वह सुरक्षित भाग निकला था। इससे सबको चालक के बयान पर भरोसा ही नहीं हुआ था।
हादसे वाले दिन सभी अधिकारी अचानक डंपर आने की बात कह रहे थे
हादसे के दिन कोई भी रेल अधिकारी यह नहीं मान रहा था कि डंपर पहले से पलटा था। सभी डंपर को अचानक ही ट्रेन के सामने आने की बात कह रहे थे।
डंपर पलटने के बाद बीस मिनट बाद हुआ हादसा
डंपर पलटने का घटनाक्रम 2:20 से 2:40 के आसपास ही हुआ है। रेलवे के मुताबिक 2:16 पर संगम एक्सप्रेस पाता स्टेशन से गुजरी थी। इसके बाद 2:39 पर कैफियात। यानी कि दोनों ट्रेनों के बीच में 23 मिनट का अंतराल रहा है। अगर सतर्कता होती तो इतने समय में हादसा बचाया जा सकता था। डीआरएम एसके पंकज ने कहा कि जांच शुरू हो गई है। हां पता चला है कि गेटमैन व स्टेशन मास्टर को सूचना दी गई थी। मगर जब तक सूचना मिली उसके कुछ पल में ही हादसा हो गया था। जांच रिपोर्ट आने पर ही पूरा खुलासा हो सकेगा।