एफडी के नियमों को बदलने की चर्चा, जानिए क्या हुआ बदलाव

सावधि जमा खाता यानी फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) में कुछ बदलाव की सूचना आ रही है। आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कुछ नियमों को बदला गया है। बताया गया है कि यह नियम एफडी के मैच्योरिटी से जुड़ी हुई है। अगर किसी निवेशक ने एफडी में अपना पैसा जमा किया है और उसने मैच्योरिटी के बाद भी पैसा नहीं निकाला है तो उसे नुकसान हो सकता है। इसकी तरह के कुछ अन्य नुकसान भी हैं। आइए जानते हैं।

जानिए क्या हुए बदलाव
एफडी में लोग अपना पैसा निवेश करते हैं। लेकिन यह निवेश अब थोड़ा नियमों के दायरे में आ गए हैं। आरबीआई की ओर से यह नियम जारी किए गए हैं। पिछले कुछ महीनों में आपको एफडी की ब्याज दरों में थोड़ी बढ़ोतरी भी देखने को मिली होगी। यह एफडी की ब्याज दरें बढ़ने से निवेशकों की दिलचस्पी भी भी इसमें बढ़ी है। जानकारी के मुताबिक, एफडी की मैच्योरिटी पूरी होने प र अगर आप समय पर अपना पैसा लेने के लिए दावा नहीं करते हैं तो यह आपके खाते में रहेगा लेकिन इसमें ब्याज कम हो जाएगा। तब यह ब्याज एफडी के हिसाब से नहीं बल्कि बचत खाते के ब्याज के हिसाब से होगा। यह पांच फीसद से कम होकर तीन से चार फीसद पर आ जाएगा।

हो सकता है नुकसान
आरबीआई के नियम की मानें तो अगर एफडी मैच्योर हो जाती है तो पैसे का दावा समय पर करना बहुत जरूरी है। अगर समय पर दााव नहीं किया तो बचदर कम हो जाएगी जिससे आपको नुकसान हो सकता है। यह नियम आरबीआई के अनुसार वाणिज्यिक बैंक, लघु वित्तीय बैंक, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय बैंक में लागू होंगे। आप इस तरह से इसे समझ सकते हैं कि अगर आपने 5 साल के लिए एफडी करवाई  है और जो मैच्योर हो चुकी है उसके लिए आपको पैसा निकलवाना होगा। अगर आप पैसा नहीं निकलवाते हैं तो आपकी एफडी ब्याज की राशिा घटकर सेविंग अकाउंट के बराबर होगी। जबकि पहले ऐसा नहीं था। पहले एफडी को आगे बढ़ा दिया जाता था।

GB Singh

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