रूस- यूक्रेन युद्ध: जेलेंस्‍की के ‘नो फ्लाई जोन’ की मांग पर भड़के पुतिन

नई दिल्‍ली, रूस यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेनी राष्‍ट्रपति वोवोदिमीर जेलेंस्‍की दुनिया से लगातार नो फ्लाई जोन बनाने की अपील कर रहे हैं। अपनी एक पोस्‍ट में उन्‍होंने कहा था कि जंग में आम लोगों को बचाना दुनिया के प्रमुख नेताओं का मानवीय दायित्‍व है। हालांकि, नाटो ने राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की के इस अनुरोध को आधिकारिक रूप से खारिज कर दिया है। क्‍या आप जानते हैं कि यह नो फ्लाई जोन क्‍या है? जंग के दौरान जेलेंस्‍की ने नो फ्लाई जोन की मांग क्‍यों बार-बार कर रहे हैं? इस फ्लाई जोन से मानवता का क्‍या संबंध है?

क्‍या है नो फ्लाई जोन

अमुमन जंग के दौरान नो फ्लाई जोन का इस्‍तेमाल संवेदनशील इलाकों की रक्षा के लिए किया जाता है। इसमें शाही निवास स्‍थल, खेल आयोजन या फ‍िर कुछ बड़े आयोजन स्‍थलों को शामिल किया जाता है। यह एक ऐसे क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है, जहां विमानों के उड़ने पर प्रतिबंध होता है। सेना के संदर्भ में इस जोन का तात्‍पर्य होता है कि उस क्षेत्र में कोई भी विमान नहीं जा सकता है, ताकि किसी हमले या निगरानी को रोका जा सके। खास बात यह है कि इसे सेना द्वारा लागू किया जाता है, ताकि किसी भी विमान को संभावित रूप से गिराया जा सके। यूक्रेन के राष्ट्रपति की मांग के अनुसार इस जोन को लागू करने का मतलब यह होगा कि सैन्य बल, खासतौर पर नाटो की सेना को अगर उस हवाई क्षेत्र में रूस का कोई भी विमान नजर आता है तो वे उसे सीधे लक्षित कर सकेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो उसे नष्ट कर सकेंगे।

नाटो ने यूक्रेनी राष्‍ट्रपति की मांग से किया किनारा

यूक्रेनी राष्‍ट्रपति के इस मांग का रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने सख्‍त विरोध किया है। उन्‍होंने कहा कि कोई भी देश अगर यूक्रेन पर नो फ्लाई जोन लागू करता है तो उसे यूक्रेन के युद्ध में शामिल माना जाएगा। पुतिन ने कहा कि किसी देश या संगठन द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदम को रूसी हितों के खिलाफ माना जाएगा। उन्‍होंने कहा कि इस दिशा में किसी भी उठाए गए कदम को हम मानेंगे कि वो उस देश में एक सशस्त्र विद्रोह में शामिल हो रहा है। अगर नाटो रूसी एयरक्राफ्ट और हथियारों को लक्ष्य बनाती है तो इससे युद्ध के और भीषण होने की आशंका बढ़ जाएगी। इससे संघर्ष के और व्यापक होने का खतरा है।

नो फ्लाई जोन का रूस ने क्‍यों किया विरोध

प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि यूक्रेनी राष्‍ट्रपति की नो फ्लाई जोन की मांग के पीछे सबसे बड़ा कारण नागरिकों की सुरक्षा है। उन्‍होंने खुद इसके लिए मानवता का हवाला भी दिया है। यह सही भी है, लेकिन युद्ध के समय ये नियम शिथिल पड़ जाते हैं। रूस ने यूक्रेनी राष्‍ट्रपति के इस मांग का कड़ा विरोध किया है। इसके पीछे यह कारण है कि यदि युद्धग्रस्‍त इलाके को नो फ्लाई जोन घोषित‍ किया जाता है तो वह अंतरराष्‍ट्रीय कानून के दायरे में आ जाएगा। इससे रूसी सेना यूक्रेन के कई इलाकों में प्रवेश नहीं कर सकती। अगर किसी युद्ध ग्रस्‍त क्षेत्र को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया जाता है तो फ‍िर रूस के विमान उस इलाके में प्रवेश नहीं कर सकते। नाटो अगर यूक्रेनी राष्‍ट्रपति के इस मांग को मान लेता तो उस इलाके में रूसी विमानों के प्रवेश पर नजर रखना उसका दायित्‍व होता। अगर ऐसा होता तो प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष वह रूस के खिलाफ होता।

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