वाट्सएप-फेसबुक के दौर में आप भी चैट करते होंगे। शब्दों से जुड़ी भावनाएं जब उड़ेलनी होती हैं, तो इमोजी यूज करते होंगे। है न, लेकिन क्या कभी गौर किया है कि स्माइली के इमोजी का रंग पीला क्यों होता है? अगर नहीं, तो आज हम इससे जुड़ी कई बातें बताएंगे। इमोजी के रंग और इसके कारण पर जाएं, उससे पहले इसके बारे में जान लेते हैं। यह मूल रूप से पिक्चर वाले कैरेक्टर होते हैं।
आज कल यह सोशल मीडिया मैसेजिंग साइट्स पर खासा पॉपुलर हैं। मसलन फेसबुक, वॉट्सएप और ट्विटर पर। पहला स्माइली ईमोजी कोलन- ; : और ब्रैकेट- () से शुरु हुआ था। समय और तकनीक के साथ ये भी एडवांस हुए। फिलहाल वाट्सएप पर 800 से ज्यादा ईमोजी हैं। जबकि फेसबुक ने भी इसकी अलग रेंज बना रखी है।
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स्विफ्ट मीडिया ने इमोजी पर एक स्टडी की है, जो एक मोबाइल इंगेज्मेंट प्लैटफॉर्म है। दुबई में लाइट हाउस अरेबिया के डायरेक्टर व क्लिनकल सायकोलॉजिस्ट डॉ.सालिहा अफरीदी ने बताया कि जब चेहरे और शरीर से भावनाएं नहीं दर्शाई जा सकतीं, उस वक्त इमोजी तेज, सरल और सही जरिया साबित होते हैं। चूंकि लिखित मैसेज में सिर्फ शब्द जाते हैं। हमारी भावनाएं नहीं।
स्माइली इमोजी के पीले होने के पीछे का कोई मुकम्मल जवाब नहीं है। इसके पीछे कई कारण बताए गए हैं। कोरा (Quora) पर कुछ लोगों का कहना था कि पीला रंग स्किन (त्वचा) टोन से मेल खाता है, इसलिए स्माइली वाले इमोजी पीले ही होते हैं।
जबकि कुछ लोगों का मानना था कि यह बेहद सरल है। मुस्कुराते और खिलखिलाते हुए चेहरे मीडिया में हमेशा पीले दिखते हैं। इतना ही नहीं, चाहे स्टिकर्स हों या फिर गुब्बारे, उनका रंग भी अधिकतर पीला होता है। यह रंग खुशी का प्रतीक होता है। वहीं, एक तर्क था कि पीले रंग के बैकग्राउंड पर चेहरे की डीटेल्स साफ दिखती हैं। इस रंग पर चीजें खिलकर आती हैं।