आतंकी संगठनों को अब मोबाइल फोन से डर लगने लगा है। पिछले कुछ समय से घाटी में आतंकियों को सुरक्षा बलों ने काफी संख्या में ढेर किया है। कई आतंकी घुसपैठ असफल हुई। आतंकियों के कई हमलों को भी रोका। इन सबके पीछे मोबाइल फोन को कारण माना गया है।

यहीं कारण है कि घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के आपरेशनल कमांडर रियाज नैकू ने आतंकियों को अपना मोबाइल फोन सौंपने को कहा है। ऐसा काफी जगहों पर शुरू हो गया है। आतंकियों ने अपने मोबाइल फोन जमा कराने शुरू कर दिए हैं। आतंकियों को लगता है कि उनके मोबाइल फोन की वजह से वह लोग सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ जाते हैं।
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इस वजह से उनकी मौत हो रही है। दरअसल, पुलिस की ओर से भी स्मार्ट सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके तहत पुलिस आतंकियों का पता लगा लेती है और उन पर कार्रवाई करती है। सेना और खुफिया एजेंसियां भी इस पर नजर रख रही हैं। इस साल कश्मीर में 100 से अधिक आतंकियों को सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मौत के घाट उतार दिया है। इससे आतंकियों के खेमे में खलबली मची हुई है।