कोरोनाकाल में ये बैंक हो गए मालामाल, जानिए ऐसा क्या किया

कोरोना काल में भले ही आम आदमी का दम निकल गया हो, सरकार के लिए मुसीबत बढ़ी हो और अर्थव्यवस्था बिल्कुल गर्त में चली गई हो लेकिन बैंकों ने खूब चांदी काटी। सरकार की ओर से तमाम ऐलान किए गए कि अर्थव्यवस्था को बचाया जाए और इसके तहत बैंकों को तमाम तरह की बंदिशों में भी रखा गया लेकिन फिर भी इन्होंने काफी मुनाफा कमाया। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बैंकिंग सेक्टर ही ऐसा रहा जहां से मुनाफे की खबर आ रही है। जबकि इससे पहले काफी नुकसान हुआ था। आइए जानते हैं कि बैंकों ने ऐसा क्या किया कि इनका मुनाफा इतना बढ़ गया।
कितना हुआ मुनाफा
इस महामारी के दौर में जीडीपी पहली बार माइनस में पहुंची है और महंगाई दर अपने उच्चतर स्तर पर रही। लेकिन सरकारी से लेकर निजी बैंकों का मुनाफा काफी ज्यादा दर्ज किया गया है। सरकारी से लेकर निजी बैंकों का मुनाफा करीब 1,02,252 करोड़ रुपए बताया जा रहा है।  इससे पहले बैंकों को पांच हजार करोड़ से ज्यादा के नुकसान का आकलन किया जा रहा था। निजी बैंकों में सबसे बड़ा बैंक एचडीएफसी बैंक का मुनाफा सबसे  अधिक रहा। सरकारी बैंकों में एसबीआइ ने बाजी मारी।
तीन बड़े बैंक फायदे में
निजी बैंक में एचडीएफसी का मुनाफा 31 हजार 116 करोड़ रुपए बताया जा रहा है जो कुल मुनाफे का 30 फीसद और सरकारी बैंकों में एसबीआई का 20 हजार 410 करोड़ बताया जा रहा है जो कुल मुनाफे का 20 फीसद है। वहीं, आइसीआइसीआइ का 16,192 करोड़ रुपए मुनाफा रहा है जो पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है।
आखिर क्या रहा कमाई का कारण
आप सोच रहे होंगे जब पूरे देश में लोग नुकसान में रहे और आमदनी घट गई तो बैंकों को मुनाफा कैसे हुआ। तो आपको  बता दें कि बैंकों के फायदे में रहने का बड़ा कारण है कि सरकारी बैंकों की लेंडिंग की रफ्तार कम होने से निजी बैंकों को फायदा मिला। लेंडिंग के मामले में उनके तेज रहने से ज्यादातर निजी बैंकों को ही फायदा हुआ। कोरोना काल में भी उनकी ज्यादा सक्रियता देखी गई। मजबूत सिस्टम और आइटी क्षेत्र में हाथ मजबूत होने से इनका काम दिखा, सरकारी बैंकों में सबसे हाइटेक तकनीक अभी तक एसबीआइ में ही दिखी है। इसके अतिरिक्त बैंकों का खराब लोन भी रहा है फायदे का एक कारण। कई बैंक इस बैड लोन की दिक्कते निकल गए जिससे उनका मुनाफा नजर में आया।
कुछ को नुकसान भी हुआ
ऐसा नहीं है कि सभी बैंक मुनाफे में रहे, कुछ बैंकों को घाटा भी हुआ है। इसमें 12 बैंकों में दो को नुकसान हुआ है। हालांकि उनका घाटा पिछले सालों के मुकाबले काफी कम रहा। मार्च तिमाही में तीन बड़े बैंकों का प्रदर्शन अच्छा रहा। इसके अलावा विलय के जरिए अब बैंकों की स्थिति ठीक करने की कोशिश भी जारी है। जानकारी के मुताबिक, इस संकट काल में बैंकों की स्थिति सुधारने में यह मुनाफा काफी काम आएगा। इससे पहले सरकार की ओर से किया गया प्रयास भी उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ था। अब कोशिश की जा रही है कि अन्य बैंकों में भी स्थिति सुधरे।
GB Singh
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