आज हम आपको ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है, जिसके बारे में जान कर आपको आश्चर्य होगा कि ऐसी भी कोई जगह अस्तित्व में है. आज हम आपको ऐसे धर्मस्थल के बारे में बताने जा रहे है जो देश में एकमात्र है. उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी के ओयल कस्बे में एक शिव मंदिर मौजूद है, जहां मेंढक की भी पूजा की जाती है. यह एक अनोखा मंदिर है जहां शिवजी मेंढक की पीठ पर विराजमान है. यह मंदिर माण्डूक तंत्र पर आधारित है जो मेंढक मंदिर के नाम से भी प्रचलित है.
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इस मंदिर की विशेषता ये है कि यहां नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग रंग बदलता है. इस मंदिर में नंदी की खड़ी मूर्ति है जो कही ओर देखने को नहीं मिलेगी. इतिहासकारों की माने तो यह मंदिर राजस्थानी स्थापत्य कला पर बना है और तांत्रिक मंडूक तंत्र पर बना है. मंदिर के बाहरी दीवारों पर शव साधना करती हुई मूर्तियां इसे तांत्रिक मंदिर ही बताती है.
ओयल कस्बा शैव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र था. यहां के शासक भगवान शिव के उपासक थे. इस मंदिर की वास्तु सरंचना अपनी विशेष शैली के कारण मनमोह लेती है. इस मंदिर में दीपावली के समय श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिलता है. ऐसी मान्यता है कि इन अवसरों पर पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है. इस अद्भुत मंदिर को उत्तरप्रदेश के पर्यटन विभाग ने भी चिह्नित कर रखा है. लखीमपुर में आप दुधवा नेशनल पार्क, रानीगंज फाटक, विलोबी मेमोरियल में देखने के लिए जा सकते है.
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