क्रिकेट को भारत में धर्म से जोड़ कर देखा जाता है। क्रिकेट देश के लिए एक खेल नहीं भावना है और इस खेल भावना को हर्ट करने वालों के लिए भारत के लोगों के दिलों में कोई जगह नहीं होती है। हालांकि आज हम क्रिकेट के इतिहास के बारे में बात करेंगे। एक ऐसा भी समय था जब भारत में क्रिकेट का रंग-रूप तक बदल गया था। तो चलिए जानते हैं क्रिकेट के इस बदलाव के बारे में।
वनडे और डे–नाइट मैचों की शुरुआत
बता दें कि 37 साल पहले वनडे और डे–नाइट मैचों को कोई प्रारूप नहीं हुआ करता था। आज का दिन खास इसलिए है क्योंकि आज ही के दिन 37 साल पहले भारत में पहला डे–नाइट मैच खेला गया था। ये मैच भारत में 28 सितंबर 1984 में खेला गया था। ये मैच दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में खेला गया था। खास ये भी है कि डे–नाइट मैच सबसे पहले सिडनी में खेला गया था। और दिल्ली दुनिया का दूसरा ऐसा शहर था जहां पर डे–नाइट क्रिकेट का आयोजन हुआ था। इस मैच में इंडिया को आस्ट्रेलिया ने करारी हार दे दी थी। वहीं आस्ट्रेलिया के उस वक्त के मौजूदा खिलाड़ी केप्लर वेसल्स ने खेल में शानदार शतक जड़ा था।
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दिल्ली में खेला गया था देश का पहला डे–नाइट मैच
उस मैच में सभी खिलाड़ियों ने रंगीन कपड़े पहने हुए थे। इसके साथ ही बाॅल का रंग सफेद निर्धारित किया गया था। ये मैच फ्लड लाइट्स के बीच खेला गया था। भारत में पहली बार डे–नाइट मैच खेला जा रहा था। हालांकि इससे पहले 31 बार डे–नाइट मैच सिडनी में खेले जा चुके थे। खास बात ये भी थी कि बीसीसीआई के पास डे–नाइट मैच आयोजित कराने का कोई अनुभव भी नहीं थी। इन खामियों और बेहतरीनियों के साथ भारत ने अपना पहला डे–नाइट मैच ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ खेला था। भले ही इंडिया हारी हो पर देश में पहला डे–नाइट मैच होना, एक बड़ा इतिहास बन गया। बता दें कि उस जमाने में डे–नाइट मैच को देखने के लिए बड़ी संख्या में मैदान के अंदर भीड़ उमड़ी थी।
ऋषभ वर्मा