यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार धारकों की सुरक्षा को देखते हुए फेशियल रिकॉगनिशन को अनिवार्य कर दिया है। इसे सुरक्षा के मद्देनजर एक अतिरिक्त लेयर के तौर पर पेश किया गया है। इसके तहत जिन सर्विसेज के सत्यापन के लिए आधार की जरुरत होती है उसके लिए लाइव फोटो ली जाएगी। यानी जब भी आप आधार कार्ड का इस्तेमाल किसी भी सर्विस के सत्यापन के लिए करेंगे तो स्पॉट पर ही आपकी फोटो खींची जाएगी। आपको बता दें कि आधार का इस्तेमाल नई सिम लेने, पुरानी सिम बदलवाने, बैंक, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम आदि के लिए किया जाता है। इनके लिए नियमित सत्यापन यानी आधार धारक के फिंगरप्रिंट स्कैनर और आइरिस की जरुरत होती है। इसी के साथ फेशियल रिकॉगनिशन भी किया जाएगा। UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा, “कई बार ऐसा होता है कि बुजुर्गों, खेती करने वालों या ज्यादा काम करने वालों के फिंगरप्रिंट मिट जाते हैं। ऐसे में उन्हें फिंगरप्रिंट की मदद से सत्यापन कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही धारकों के लिए फेशियल रिकॉगनिशन मददगार साबित होगा।” eAadhaar भी नहीं रहा सुरक्षित, 3 सेकेंड से कम में इस तरह हैक हो सकता है पासवर्ड यह भी पढ़ें फेस रिकॉगनिशन न करने पर लगेगा जुर्माना: अजय भूषण पांडे ने बताया कि इस नए फीचर को सबसे पहले सिम कार्ड के लिए शुरू किया जाएगा। इस प्रोसेस को 15 सितंबर से शुरू किया जाएगा। वहीं, अगर कोई भी इस सुरक्षा लेयर को पूरा नहीं करेगा तो इसे कानूनन अपराध माना जाएगा। साथ ही आधार एक्ट 2016 के सेक्शन 42 और 43 के तहत जुर्माना भी लगाया जाएगा। कहीं आपके फोन में भी तो सेव नहीं है यह फर्जी नंबर, आधार की सुरक्षा पर फिर से उठे सवाल यह भी पढ़ें नई सुरक्षा लेयर से मिलेगी ज्यादा सुरक्षा: अजय भूषण ने यह भी कहा कि यह फीचर सुरक्षा के लिए एक अतिरिक्त लेयर के तौर पर काम करेगा। जब हम 10 फीसद ऑथेंटिकेशन कर लेंगे तब यह जानने की कोशिश करेंगे की इस सिस्टम या प्रोसेस में कोई कमी तो नहीं है। इसके बाद ही टेलिकॉम कंपनियों के अलावा अन्य लोगों को भी फेस ऑथेंटिकेशन करवाने का निर्देश दिए जाएंगे।

UIDAI ने अपनाई नई तकनीक, फिंगरप्रिंट और IRIS के साथ फेशियल रिक्गनीशन हुआ अनिवार्य

यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार धारकों की सुरक्षा को देखते हुए फेशियल रिकॉगनिशन को अनिवार्य कर दिया है। इसे सुरक्षा के मद्देनजर एक अतिरिक्त लेयर के तौर पर पेश किया गया है। इसके तहत जिन सर्विसेज के सत्यापन के लिए आधार की जरुरत होती है उसके लिए लाइव फोटो ली जाएगी। यानी जब भी आप आधार कार्ड का इस्तेमाल किसी भी सर्विस के सत्यापन के लिए करेंगे तो स्पॉट पर ही आपकी फोटो खींची जाएगी।यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार धारकों की सुरक्षा को देखते हुए फेशियल रिकॉगनिशन को अनिवार्य कर दिया है। इसे सुरक्षा के मद्देनजर एक अतिरिक्त लेयर के तौर पर पेश किया गया है। इसके तहत जिन सर्विसेज के सत्यापन के लिए आधार की जरुरत होती है उसके लिए लाइव फोटो ली जाएगी। यानी जब भी आप आधार कार्ड का इस्तेमाल किसी भी सर्विस के सत्यापन के लिए करेंगे तो स्पॉट पर ही आपकी फोटो खींची जाएगी।   आपको बता दें कि आधार का इस्तेमाल नई सिम लेने, पुरानी सिम बदलवाने, बैंक, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम आदि के लिए किया जाता है। इनके लिए नियमित सत्यापन यानी आधार धारक के फिंगरप्रिंट स्कैनर और आइरिस की जरुरत होती है। इसी के साथ फेशियल रिकॉगनिशन भी किया जाएगा। UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा, “कई बार ऐसा होता है कि बुजुर्गों, खेती करने वालों या ज्यादा काम करने वालों के फिंगरप्रिंट मिट जाते हैं। ऐसे में उन्हें फिंगरप्रिंट की मदद से सत्यापन कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही धारकों के लिए फेशियल रिकॉगनिशन मददगार साबित होगा।”   eAadhaar भी नहीं रहा सुरक्षित, 3 सेकेंड से कम में इस तरह हैक हो सकता है पासवर्ड यह भी पढ़ें फेस रिकॉगनिशन न करने पर लगेगा जुर्माना:  अजय भूषण पांडे ने बताया कि इस नए फीचर को सबसे पहले सिम कार्ड के लिए शुरू किया जाएगा। इस प्रोसेस को 15 सितंबर से शुरू किया जाएगा। वहीं, अगर कोई भी इस सुरक्षा लेयर को पूरा नहीं करेगा तो इसे कानूनन अपराध माना जाएगा। साथ ही आधार एक्ट 2016 के सेक्शन 42 और 43 के तहत जुर्माना भी लगाया जाएगा।   कहीं आपके फोन में भी तो सेव नहीं है यह फर्जी नंबर, आधार की सुरक्षा पर फिर से उठे सवाल यह भी पढ़ें नई सुरक्षा लेयर से मिलेगी ज्यादा सुरक्षा:  अजय भूषण ने यह भी कहा कि यह फीचर सुरक्षा के लिए एक अतिरिक्त लेयर के तौर पर काम करेगा। जब हम 10 फीसद ऑथेंटिकेशन कर लेंगे तब यह जानने की कोशिश करेंगे की इस सिस्टम या प्रोसेस में कोई कमी तो नहीं है। इसके बाद ही टेलिकॉम कंपनियों के अलावा अन्य लोगों को भी फेस ऑथेंटिकेशन करवाने का निर्देश दिए जाएंगे।

आपको बता दें कि आधार का इस्तेमाल नई सिम लेने, पुरानी सिम बदलवाने, बैंक, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम आदि के लिए किया जाता है। इनके लिए नियमित सत्यापन यानी आधार धारक के फिंगरप्रिंट स्कैनर और आइरिस की जरुरत होती है। इसी के साथ फेशियल रिकॉगनिशन भी किया जाएगा। UIDAI के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा, “कई बार ऐसा होता है कि बुजुर्गों, खेती करने वालों या ज्यादा काम करने वालों के फिंगरप्रिंट मिट जाते हैं। ऐसे में उन्हें फिंगरप्रिंट की मदद से सत्यापन कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही धारकों के लिए फेशियल रिकॉगनिशन मददगार साबित होगा।”

फेस रिकॉगनिशन न करने पर लगेगा जुर्माना:

अजय भूषण पांडे ने बताया कि इस नए फीचर को सबसे पहले सिम कार्ड के लिए शुरू किया जाएगा। इस प्रोसेस को 15 सितंबर से शुरू किया जाएगा। वहीं, अगर कोई भी इस सुरक्षा लेयर को पूरा नहीं करेगा तो इसे कानूनन अपराध माना जाएगा। साथ ही आधार एक्ट 2016 के सेक्शन 42 और 43 के तहत जुर्माना भी लगाया जाएगा।

नई सुरक्षा लेयर से मिलेगी ज्यादा सुरक्षा:

अजय भूषण ने यह भी कहा कि यह फीचर सुरक्षा के लिए एक अतिरिक्त लेयर के तौर पर काम करेगा। जब हम 10 फीसद ऑथेंटिकेशन कर लेंगे तब यह जानने की कोशिश करेंगे की इस सिस्टम या प्रोसेस में कोई कमी तो नहीं है। इसके बाद ही टेलिकॉम कंपनियों के अलावा अन्य लोगों को भी फेस ऑथेंटिकेशन करवाने का निर्देश दिए जाएंगे।

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