क्रिकेट जगत में अक्सर कोई न कोई रिकाॅर्ड बनता व टूटता ही रहता है। ये खेल इतना अनिश्चित है कि जो खिलाड़ी सालों से मैदान पर छा रहा होता है अगले ही पल उसका बल्ला चलना बंद भी हो सकता है।
आज हम एक ऐसे भारतीय खिलाड़ी की बात करेंगे जो भारतीय मूल के हैं और क्रिकेट की दुनिया में नाम कमा रहे हैं पर देश में नहीं विदेश में। उन्होंने दूसरे देश की ओर से खेलते हुए इतिहास तक रच डाला है।
इस भारतीय खिलाड़ी ने अमेरिका में रचा इतिहास
भारतीय टीम को छोड़कर अमेरिका में जाने का फैसला लेना उन्मुक्त चंद के लिए सही साबित हुआ। बता दें कि वे अंडर-19 इंडिया टीम के कप्तान रह चुके हैं और इंडियन टीम को वर्ल्ड कप भी जिता चुके हैं। वहीं अब उन्होंने माइनर लीग क्रिकेट चैंपियनशिप में अपनी बेहतरीन कप्तानी कर टीम को जीत हासिल कराई है। बता दें कि रविवार को सिलिकाॅन वैली स्ट्राइकर्स और न्यूजर्सी स्टालियंस के बीच फाइनल मैच हुआ था। बता दें कि सिलिकाॅन वैली स्ट्राइकर ने न्यूजर्सी स्टालियंस को 6 विकेट से हरा दिया। खास बात ये है कि इस टीम की कप्तानी भारतीय मूल के खिलाड़ी उन्मुक्त चंद कर रहे थे। ऐसा करके उन्होंने इतिहास रच दिया। दरअसल उनकी कप्तानी ने भारत अंडर 19 वर्ल्ड कप जीता और अब अमेरिका में भी अपनी कप्तानी में उन्होंने टीम को जीत दिलाई है। टीम को जीत दर्ज कराने के लिए इनामी रकम 125000 डाॅलर मिली है। ये अमेरिकी क्रिकेट के इतिहास में किसी लीग में विजेता को दी जाने वाली सबसे बड़ी धनराशि है।
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सही साबित हुआ भारत छोड़ कर जाने का फैसला
बता दें कि फाइनल मुकाबले में उन्मुक्त चंद ने इतिहास रच दिया और अब लोग कह रहे हैं कि उनके भारत छोड़ कर अमेरिका जाने का फैसला सही रहा। फाइनल मुकाबले में न्यूजर्सी स्टालियंस ने 140 रन बनाए थे। उन्मुक्त चंद की टीम को जीत के लिए 141 रन चाहिए थे। उन्मुक्त चंद और राहुल जरीवाला ने एक साथ टीम को बेहतरीन शुरुआत दी। दोनों पहले ही पांच ओवरों में मिल कर करीब 50 रन बना डाले थे। वहीं उन्मुक्त चंद फाइनल में 21 रन बना कर ही आउट हो गए थे। उनकी टीम ने 11 बाॅल के रहते ही 141 रनों का टारगेट पूरा कर लिया था।
ऋषभ वर्मा
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