पीरियड्स का दर्द हर महिला को परेशान करता है. इस दौरान होने वाले शारीरिक बदलाव मानसिक रूप से भी परेशान कर देते हैं. पीरियड्स के दौरान Mood Swings और PMS होना आम है लेकिन इसे कई बार औरतों के स्वभाव से भी जोड़कर देख लिया जाता है.
हाल में हुई एक स्टडी का कहना है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं का दिमाग ज्यादा एक्टिव हो जाता है. दिमाग का बीच का हिस्सा इंसान की मेमोरी, मूड्स और भावनाओें को उसी तरह बढ़ाता है जैसे कि सेक्स हार्मोन करते हैं.
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हालांकि शोधकर्ता अभी जांच कर रहे है कि महिलाओं में हार्मोन्स और मानसिक बदलाव का एस्ट्रोजन लेवल के बढ़ने से क्या कनेक्शन है. एस्ट्रोजन के दौरान ओवरी से एग फैलोपियन ट्यूब में जाता है तो दिमाग की संरचना बड़ी हो जाती है. जैसे ही ऐस्ट्रोजन लेवल धीमा पड़ता है और पीरियड्स स्टार्ट हो जाते हैं, दिमाग भी सिकुड़ जाता है. यह सिर्फ ऐस्ट्रोजन के कारण होता है. महिलाओं के दूसरे सेक्स हार्मोन प्रोस्टेरॉन के बनने के ऐसा समय नहीं होता.
Max Planck Institute for Human Cognitive and Brain Sciences के रिसर्चर का कहना है कि यह स्टडी पीरियड्स के दौरान महिलाओं में होने वाले मानसिक बदलावों के पीछे का पता लगाने में मददगार साबित होगी. इस तरह की स्थिति 12 में से एक महिला में देखने को मिलती है.
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इस रिसर्च की को ऑथर जूलिया सैचर का कहना है कि इस डिसऑर्डर को अच्छी तरह से समझने के लिए हमें महिलाओं के मासिक चक्र का पूरा ध्यान रखना पड़ेगा ताकि ये पता चल पाए कि एक स्वस्थ महिला का दिमाग इस साइकिल को कैसे फॉलो करता है. जूलिया का मानना है कि इस स्टडी से महिलाओं और पुरुषों के मूड में होने वाले अलग-अलग डिसऑर्डर का पता लगाया जा सकता है.
बता दें पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में डिप्रेशन के मामले दोगुना ज्यादा देखने को मिलते हैं.