प्रदेश में अगर 31 दिसंबर 2017 तक बैंक खातों में आधार अपडेट न किया तो खाते बंद कर दिए जाएंगे। इसके अलावा सूबे में जल्द ही वसूली प्रमाण पत्रों की ऑनलाइन फाइलिंग शुरू होने जा रही है। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 62वीं बैठक में यह जानकारी दी गई।
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शुक्रवार को एक होटल में आयोजित बैंकर्स समिति की बैठक का शुभारंभ वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 2020 तक किसानों की आय दोगुना करने को राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसके लिए सरकार का प्रयास है कि किसानों को समय से बीज, खाद, दवाएं मिलें।
उनकी उपज का बाजार मूल्य मिलें। फसल की बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध हो। इसके साथ ही सरकार दो प्रतिशत ब्याज पर फ सली ऋ ण देने पर भी विचार कर रही है। उन्होंने बैंकर्स से आह्वान किया कि ऋण-जमा अनुपात बढ़ाएं। वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि बैंकों द्वारा भूमि अभिलेखों पर ऑनलाइन प्रभार अंकित करने संबंधी शासनादेश जारी हो गया है।
वसूली प्रमाण पत्र की ऑनलाइन फाइलिंग का साफ्टवेयर एनआईसी ने विकसित कर लिया है। सिक्योरिटी ऑडिट की प्रक्रिया के बाद 15 दिन में इसे शुरू कर दिया जाएगा। ऋण वसूली के संबंध में बैंकों ने ऋ ण समाधान योजना शुरू की है। इसका लाभ उठाकर एकमुश्त समाधान किया जा सकता है। सभी बैंक दस सितंबर 2017 तक अपना डेटा डिजिटाइज्ड कर देंगे।
एसबीआई के मुख्य महाप्रबंक आलोक कुमार चौधरी ने बताया कि जून, 2017 त्रैमास की समाप्ति पर राज्य का ऋ ण-जमा अनुपात 54 प्रतिशत है। बैंकों ने जून 2017 तक राज्य में कृषि क्षेत्र में 14.37 करोड़ के ऋ ण वितरित किए हैं। केंद्र सरकार के नियम को एक जून से प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इसके तहत 31 दिसंबर के बाद आधार सत्यापित न होने वाले खातों को बंद कर दिया जाएगा।
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