चातुर्मास में क्यों है महादेव के परिवार का महत्व, जानिए

चातुर्मास शुरू हो चुका है और भगवान विष्णु योग निद्रा में जा चुके हैं। इसी के साथ ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्य भी हिंदू धर्म में बंद हो गए हैं। चातुर्मास देवशयनी एकादशी से लगा है और यह चार माह तक चलेगा। कहा जाता है कि इस पूरे चार माह के दौरान भगवान विष्णु की जगह महादेव और उनके परिवार पर सृष्टि की जिम्मेदारी आ जाती है। क्या है इसके पीछे तर्क, आइए जानते हैं।

विष्णु योग निद्रा में
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से चातुर्मास शुरू होता है और यह कार्तिक की शुक्ल पक्ष की एकादशी तक चलता है। मान्यता है कि इस समय चार माह तक भगवान विष्णु क्षीर सागर की अनंत शैय्या पर योग निद्रा में चले जाते हैं। इसलिए इसको देवशयनी एकादशी कहते हैं। यह चौमासा भी होता है। इसके बाद देवउठनी एकादशी के दिन विष्णु जागते हैं। यह भगवान के जागने का समय है। कहा जाता है कि इन चार माह में कोई मांगलिक कार्य शुभ नहीं होता। जैसा की शास्त्रों मेंं कहा गया है कि सृष्टि का संचालन भगवान विष्णु करते हैं तो ऐसे में चार माह तक यह जिम्मेदारी भगवान भोलेनाथ और उनके परिवार पर आ जाती है।

चार माह तक महादेव और उनके परिवार के होंगे त्योहार
मान्यता है कि जब भगवान विष्णु योग निद्रा में जाते हैं तो संचालन की जिम्मेदारी महादेव और उनके परिवार पर आती है। ऐसे में पूरे चार माह तक उनके परिवार से जुड़े व्रत और त्योहार होते हैं। जैसे सावन में पूरे माह भगवान महादेव की पूजा होगी। इसी दौरान नागपंचमी मनाई जाएगी। इसके बाद भाद्रपद में दस दिन तक भगवान गणेश की पूजा होगी और वे पृथ्वी पर गणेश चतुर्थी पर आएंगे और अनंत चतुदर्शी पर विदा होंगे। इसके बाद दुर्गा की नौ देवी का नवरात्र आएंगे। इसके बाद कार्तिक मास आते ही देवउठनी एकादशी आएगी। चातुर्मास वैज्ञानिक दृष्टि से भी सावधानी बरतने वाला होता है क्योंकि यह नमी का मौसम होता है और कीड़े पनपते हैं। साथ ही पाचन शक्ति कमजोर होती है। इसलिए खानपान का ध्यान रखना चाहिए।

GB Singh

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com