क्या आप निकाल फेकतें हैं आटें से भूसा, इसको पढ़ने के बाद नहीं करेंगे

आजकल तो आर्गेनिक का जमाना है, तो हम ज्यादातर आर्गेनिक चीजें ही ढूंढ़ते हैं. जो सीधा खेत से लायी गई हो. शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पौष्टिक भोजन लेने की सलाह दी जाती है. कई लोग इस सलाह को बड़ी गंभीरता से लेते हैं, जबकि कुछ लोग उन चीजों को बेकार समझते हैं. फल, सब्जी, तेल, ब्यूटी प्रोडक्ट्स इन सभी चीजों में आप आर्गेनिक ढूंढ़ते हो. लेकिन जब बात रोटी की आती हैं तो उसमें मौजूदा खाद्य जो रोटी को पौष्टिक बनाती है उससे अलग कर देते हैं.
यहां बात कर रहे हैं गेहूं के भूसा यानी वीट ब्रान  अधिकतर लोग गेहूं का भूसा अलग कर देते हैं, जिसे आम भाषा में चोकर भी कहते हैं. आपको बता दें यहां आप गलत कर रहे हैं. दरअसल, चोकर के रूप में आटे में शामिल होती है, गेंहू की बाहरी परत. इस परत में ऐसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए न केवल आवश्यक हैं, बल्कि कई शारीरिक समस्याओं का हल भी हैं. आइए जानते हैं गेहूं के भूसे के फायदे और नुकसान भी-
गेहूं के भूसा के फायदे-
– पाचन क्रिया में सुधार के लिए गेहूं का भूसा काफी फायदेमंद होता है. गेहूं का भूसा फाइबर का अच्छा स्रोत होता है और फाइबर पाचन में मदद करने के साथ ही मल को नर्म करके मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाता है. इस तरह से ये कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है.
– गेहूं का भूसा कुछ खास कैंसर से बचाव में सहयोग प्रदान कर सकता है. गेहूं के भूसे पर किए गए इस शोध में पाया गया कि इसमें मौजूद डायट्री फाइबर कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है. वहीं, यह भी बताया गया कि मुख्य रूप से यह पेट और स्तन कैंसर से बचाव में अहम भूमिका निभा सकता है.
– कुछ हद तक हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी गेहूं का भूसा मददगार साबित हो सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक गेहूं के भूसे में मौजूद डायट्री फाइबर इस काम में मुख्य भूमिका निभाता है. वहीं, दूसरी ओर इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव वाले फाइटोकेमिकल्स भी हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकते हैं.
– भूसा पेट से संबंधित समस्या जैसे:- कब्ज, पेट दर्द, मरोड़ और गैस जैसी कई समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है. इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि गेहूं का भूसा पेट से जुड़ी कई समस्याओं में राहत पहुंचाने का काम कर सकता है.
गेहूं के भूसा के नुकसान-
गेहूं के भूसे के स्वास्थ्य लाभ कई हैं, लेकिन डायट्री फाइबर के कारण जरूरत से अधिक मात्रा में सेवन से गेहूं के भूसा के नुकसान भी सामने आ सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं.
– पेट में दर्द व मरोड़ का होना.
– पेट में गैस की समस्या का होना.
– पेट फूलने की समस्या के साथ पेट से जुड़ी कुछ अन्य समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं.
By- कविता सक्सेना श्रीवास्तव

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