भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने लॉर्ड्स के ऐतिहासिक स्टेडियम में एंट्री कर ली है। वो अपनी सबसे खास चीज या यूं कहे कि दिल के सबसे करीब रहने वाली चीज को लेकर पहुंची हैं। जब मिताली बस से उतरी तो उनके हाथ में एक किताब देखी गई।जेल में बढ़ते कैदियों से परेशान, 5000 को रिहा करेगी महाराष्ट्र सरकार
मिताली को पहले भी बल्लेबाजी करने जाने से पहले किताब पढ़ते हुए देखा गया है। किताब पढ़ने का राज खोलते हुए मिताली ने कहा था कि इससे वो काफी शांत रहती है और उनका ध्यान कही और नहीं भटकता है। किताब पढ़ने से उन पर कोई दबाव नहीं आता है। उम्मीद है कि आज भी मिताली राज किताब पढ़कर दबावमुक्त रहेंगी और भारत को वर्ल्ड कप का चैंपियन बनाएंगी।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की नजरें पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने पर होगी। मिताली राज के नेतृत्व वाली भारतीय टीम का मुकाबला तीन बार की चैंपियन इंग्लैंड से होगा। 25 जून 1932 को टीम इंडिया ने इसी ऐतिहासिक मैदान से अपना सफर शुरू किया था और फिर ठीक 51 साल बाद 25 जून 1983 को भारत ने इसी मैदान पर पहला विश्व कप जीता था।
इतिहास बनाने के इरादे से मैदान संभालेंगी मिताली
अब भारतीय क्रिकेट एक और नया मोड़ लेने जा रहा है और इस बार भी ये सफर लॉर्ड्स के मैदान से होकर गुजरेगा। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इस टूर्नामेंट में बढ़िया शुरुआत की थी, टीम के लगभग सभी खिलाड़ी फॉर्म में हैं और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय महिला क्रिकेट टीम और मिताली राज आज इतिहास बनाने के इरादे से मैदान संभालेंगे।
टीम इंडिया अगर मुकाबला जीतने में सफल रही तो महिला वर्ल्ड कप के 44 साल के इतिहास में वो पहली बार चैंपियन बनेगी। मिताली भी इतिहास के पन्नों में अपनी खास जगह बनाना चाहेंगी। कप्तान मिताली के पास भारतीय क्रिकेट (महिला और पुरुष) के इतिहास में कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी के बाद वर्ल्ड चैंपियन कप्तान बनने का मौका है। कपिल देव ने भारत को 1983 और महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 में वर्ल्ड चैंपियन बनाया था। इसके अलावा एक रिकॉर्ड मिताली अपने नाम मैच शुरू कराते ही दर्ज करा लेंगी। वो भारतीय क्रिकेट की पहली कप्तान बन जाएंगी, जिनके नेतृत्व में दो बार टीम फाइनल में पहुंची हो।