दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक जूनियर डॉक्टर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसकी लाश उसके घर से बरामद की गई. प्राथमिक जांच में पता चला है कि मृतक डिप्रेशन में था. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
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मामला मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके का है. जहां राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक जूनियर डॉक्टर सिद्धार्थ शंकर महापात्रा ने अपने घर पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
मृतक सिद्धार्थ शंकर महापात्रा ओडिशा का रहने वाला था. वह अस्पताल के स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान पीजीआईएमईआर के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग में प्रथम वर्ष का छात्र था.
पुलिस ने दावा किया कि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट तो नहीं मिला हालांकि पुलिस ने बताया कि उन्हें एक नोट मिला है, जिसमें महापात्रा ने लिखा है कि यह दुनिया किस तरह से भौतिकतावादी है और सब कुछ कितना नर है.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसे पूरी तरह से सुसाइड नोट नहीं कहा जा सकता. प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि वह डॉक्टर अवसादग्रस्त था. सिद्धार्थ के सहकर्मियों के मुताबिक वह अस्पताल में काम के तनाव को झेल नहीं पा रहा था.
पुलिस के मुताबिक इस बात का पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि सिद्धार्थ ने किन कारणों से यह कदम उठाया. वह दो लोगों के साथ रहता था, जो उसी अस्पताल में डॉक्टर हैं. उनमें से एक ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने सिद्धार्थ के घरवालों को घटना की सूचना दे दी है.
आरएमएल अस्पताल के अधिकारियों ने उसकी मौत पर शोक जताते हुए कहा कि वह एक अच्छा छात्र था. अस्पताल की प्रवक्ता स्मृति तिवारी ने कहा, वह थोड़ा शांत सा रहता था और उसका स्वभाव अंतमुर्खी था. लेकिन वह एक अच्छा और आज्ञाकारी छात्र था.
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