रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार बैंकिंग सेक्टर के बड़े डिफॉल्टरों की जिम्मेदारी तय करेगी। साथ ही बैंकों को विभिन्न उपायों के जरिये मजबूती प्रदान की जाएगी। उन्होंने बैंकिंग सेक्टर की दयनीय हालत के लिए पूर्व की यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
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गोयल ने कहा, भाजपा के सत्ता में आने से पहले 2008 से 2014 तक बड़े कर्जदारों की ओर से कर्ज के भुगतान में अनियमितताओं के बावजूद बैंकों पर उन्हें कर्ज देने के लिए दबाव डाला जाता रहा। कॉरपोरेट कर्ज का पुनर्गठन कर कर्ज को फिर से वर्गीकृत किया गया। संरचनात्मक कर्ज का पुनर्गठन उस कर्ज के लिए किया गया जो वास्तव में एनपीए (फंसे हुए कर्ज) की श्रेणी में आ गया।
उन्होंने कहा, इससे बैंकों को होने वाला घाटा और उनकी अनिश्चितता की स्थिति दबी रही। उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंकों की बैलेंस सीट सुधारने के लिए कई उठाए हैं। रिजर्व बैंक की ओर से परिसंपत्ति गुणवत्ता की समीक्षा एक ऐसा ही प्रयास है।
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