लखनऊ: आठ अगस्त को पीजीआई अवध विहार कॉलोनी के मेनहोल में अधजला शव मिला था, जिसकी शिनाख्त टाइल्स कारीगर राजेश रावत के रूप में हुई थी। इसमें शुरुआत में पुलिस का शक पहले राजेश के बेटे गुलशन पर गया था लेकिन उसके खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले थे। इस बीच ही सर्विलांस से पुलिस को इस मामले में कई सुराग मिले।
चिनहट से लापता हुए टाइल्स कारीगर राजेश रावत की हत्या उसके बेटे ने ही सुपारी किलर आर्यन सिंह उर्फ यशार्थ से करवाई थी। आर्यन आगरा के एडीएम नरेंद्र सिंह का बेटा है। वह लूट व चोरी की कई वारदातें भी कर चुका है। एक लाख रुपये की सुपारी लेने के बाद आर्यन ने लखनऊ में ही पहले कार चोरी की, फिर पीजीआई में युवक से लूटपाट भी की।
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पुलिस ने यह खुलासा शुक्रवार को आर्यन समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर किया। इसमें शामिल दो अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। आर्यन ने चाकू से हत्या करने के बाद राजेश के शव को जलाने का प्रयास किया था। बाद में अधजला शव मेनहोल में फेंक दिया था। इसके बादचोरी की गई कार भी जला दी थी। आर्यन की संगत शुरू से ही गड़बड़ रही है। आर्यन के साथ पकड़े गए साथी मैकेनिक हैं। आर्यन बाइक के पार्ट्स सप्लाई करता है। आर्यन के साथियों ने मैकनिक गुलशन (राजेश का बेटा) से उसकी मुलाकात कराकर सुपारी तय कराई थी।
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एडीएम नरेंद्र सिंह ने कहा कि उनके बेटे की गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किये बिना की गई है। गिरफ्तारी की इत्तला उनको या उनके परिवार को नहीं दी गई। पुलिस ने किसी दबाव में मनगढ़ंत कहानी तैयार की है। उन्होंने कहा कि वह पीजीआई थाने पहुंच गये हैं मगर पुलिस ने न तो उनको बेटे से मिलने दिया न ही उनकी पत्नी को।