अगर आप अपनी बिजली कंपनी की सेवाओं या बढ़ते बिल से खुश नहीं है, तो फिर इसको आने वाले कुछ सालों में बदल सकेंगे। केंद्र सरकार जल्द ही एक नया कानून बनाने की तैयारी कर रही है, जिसके बाद ऐसा कर पाना आसान हो जाएगा, जैसे आप अपने मोबाइल ऑपरेटर को बदल लेते हैं।
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शीतकालीन सत्र में लेकर आएगी सरकार विधेयक
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इसके लिए एक विधेयक लेकर आएगी। शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होगा। सरकार के इस कदम का कई निवेशकों ने स्वागत किया है।
राज्य कर रहे हैं विरोध
हालांकि कई राज्य सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। ज्यादातर राज्यों के बिजली बोर्ड को आशंका है कि इससे उनका एकाधिकार खत्म हो जाएगा। अभी बिजली का वितरण देश के ज्यादातर राज्यों में बिजली बोर्ड के आधीन है, जिसको कोई बदल नहीं सकता है।
कुछ राज्यों और शहरों में बिजली कनेक्शन देना और सप्लाई सही रखने का काम प्राइवेट कंपनियों के पास है। इस फील्ड से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि इससे उपभोक्ताओं को अफोर्डेबल रेट्स पर बिजली मिल सकेगी, नुकसान कम होगा और साथ ही निवेशक भी आकर्षित होंगे।
मिलेगी सस्ती बिजली और 24 घंटे आपूर्ति
अगर बिल कानून की शक्ल लेता है तो फिर कई सारी प्राइवेट कंपनियों को बिजली कनेक्शन देने का मौका मिल सकेगा। हालांकि राज्यों को 5 साल का वक्त दिया जाएगा, जिससे वो अपने यहां पर नई कंपनियों को आने का मौका दे।
फिलहाल बिजली का डिस्ट्रीब्यूशन और लाइन, ट्रांसफॉर्मर आदि की मेंटिनेंस को अलग करने और एक ही एरिया में कई लाइसेंस देने के प्रस्ताव पर कई वर्षों से काम चल रहा है। इसके लिए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में संशोधन करना होगा।
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