
उधर, हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने 48.7 प्रतिशत, कांग्रेस ने 41.8 फीसदी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने मिलकर 6.3 फीसदी मत हासिल किए। हिमाचल में सीपीएम नोटा से ज्यादा 1.5 फीसदी मत पाने में कामयाब रही है।
 
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की राजकोट पश्चिम की सीट पर 3300 लोग नोटा के साथ गए। जबकि कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जिग्नेश मेवाणी की सीट वडगाम में 4200 लोगों ने नोटा का बटन दबाया। 
नोटा मतदाताओं को चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को नकारने का विकल्प देता है। 2014 लोकसभा चुनाव में पहली बार नोटा का विकल्प दिया गया था और उस चुनाव में 1.1 फीसदी यानी 60 लाख मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया। यह बीस पार्टियों के पाए गए मत से ज्यादा था।
वहीं चुनाव में एक दिलचस्प आंकड़ा साामने आया है आम आदमी पार्टी के सभी 29 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। इन उम्मीदवारों को 500 से कम वोट मिले। वहीं सिर्फ एक सीट को छोड़कर नोटा की संख्या आप के वोटों से ढाई गुना ज्यादा रही।
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