यानी शिखर धवन का बल्ला श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में खूब बरसा. जिसकी बदौलत भारत ने श्रीलंका को गॉल टेस्ट में हराकर 2 साल पहले मिली हार का बदला भी ले लिया. पिछले 4-5 महीनों में शिखर धवन अब तक की अपनी बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं. चैंपियंस ट्रॉफी से लेकर अब तक क्रिकेट के तीनों फोर्मट्स में धवन का बोलबाला है. बिलकुल उसी तरह जब टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग का रहा था. टेस्ट क्रिकेट, वनडे या फिर टी20 क्रिकेट हो शिखर धवन के खेलने के अंदाज में कोई अंतर नजर नहीं आता है.
धवन के लिए वापसी की राह नहीं थी आसान
चैंपियंस ट्रॉफी के जरिए टीम इंडिया में वापसी करने वाले शिखर धवन के लिए राह बिलकुल आसान नहीं थी. पिछले साल तो शिखर धवन खराब फॉर्म की वजह से भारतीय टीम से बाहर हो गए थे. टेस्ट क्रिकेट, वनडे और टी20 में धवन की जगह के एल राहुल और अजिंक्य रहाणे ने ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाली. शिखर धवन के आउट ऑफ फॉर्म होने का बड़ा कारण उनका स्ट्राइक रेट था. टीम में अपनी जगह पर उठ रहे सवालों का दबाव शिखर धवन के खेल में भी नजर आने लगा था.
ये भी पढ़े: कपिल शर्मा का शो छोड़ चुकी थी ‘दादी’ लेकिन अब ऐसे हो सकती है वापसी
IPL और चैंपियंस ट्रॉफी रहा टर्निंग पॉइंट
पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में खराब प्रदर्शन के चलते शिखर धवन टीम से बाहर हो गए. लेकिन इसके बाद शिखर धवन ने हार नहीं मानी और घरेलू क्रिकेट और आईपीएल सीजन 10 में शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई.
चैंपियंस ट्रॉफी में शिखर धवन ने अपने पिछले टूर्नामेंट वाला फॉर्म जारी रखते हुए सबसे ज्यादा 338 रन बनाकर लगातार दूसरी बार गोल्डन बैट का अवॉर्ड अपने नाम किया. इसके बाद वेस्टइंडीज दौरे पर भी धवन ने शानदार प्रदर्शन किया. जिसके बाद उन्हें श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट टीम में चोटिल मुरली विजय की जगह चुना गया. शिखर धवन ने श्रीलंका के खिलाफ पहले ही टेस्ट में 190 रन ठोकर अपने चयन को सही साबित कर दिया. इस दौरान शिखर धवन का स्ट्राइक रेट भी शानदार रहा.
धवन ने दिलाई वीरू की याद
गॉल टेस्ट में शिखर धवन का जो अंदाज देखने को मिला उसने टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग की याद दिला दी. शिखर धवन ने अपना शतक 110 गेंदों में पूरा किया और बाद के 90 रन केवल 58 गेंदों में बनाए. इससे उनकी तेजी का अंदाज लगाया जा सकता है.
धवन की इस पारी ने ये बता दिया कि उनके जैसा विस्फोटक बल्लेबाज भारतीय टीम के लिए बहुत अहम है. क्योंकि टीम इंडिया को सहवाग के संन्यास के बाद हमेशा से ऐसे ही बल्लेबाज की कमी खल रही थी, जो शुरूआती ओवरों में ही विरोधी टीम को मैच से बिलकुल बाहर कर दे.
ये भी पढ़े: अब क्या मैं बंदूक कनपटीपर रखकर नीतीश को लालू के साथ रहने को कहू- अमित शाह
धवन ने गॉल टेस्ट के पहले दिन के खेल के दूसरे सत्र में 126 रन बनाए. जिसके बाद भारतीय बल्लेबाजों द्वारा किसी भी सेशन में सबसे तेज रन जोड़ने के मामले में वह दूसरे नंबर पर आ गए. हालांकि, वह वीरेंद्र सहवाग के 2009 में श्रीलंका के ही खिलाफ एक सेशन में सबसे ज्यादा 133 रन बनाने के भारतीय रिकॉर्ड को तोड़ने से भी चूक गए. खैर शिखर धवन की इस पारी ने श्रीलंका को यह चेतावनी दे दी है कि आगे आने वाले मैचों में भी उनकी मुश्किलें कम नहीं होंगी.